उत्तरकाशी: द्रौपदी का डांडा-2 में एवलॉन्च हादसे में अभी भी 20 पर्वतारोही फंसे हैं. हिमस्खलन में फंसे पर्वतारोही दल के सदस्यों के बचाव के लिए जम्मू कश्मीर के हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग के जांबाजों को उतारा गया है. उत्तरकाशी एवलॉन्च में अब तक 10 शव बरामद हुए हैं. 14 पर्वतारोहियों का रेस्क्यू किया गया है. 20 लापता लोगों की तलाश जारी है. उत्तरकाशी आपातकालीन संचालन केंद्र के मुताबिक बरामद शवों में से केवल दो शवों की शिनाख्त हो पाई हैं, जो निम की महिला प्रशिक्षक हैं.
आईटीबीपी पीआरओ विवेक पाण्डेय के मुताबिक ऊंचाई पर बने एडवांस हेलीपैड, बचाव कार्य के लिए हेलीकॉप्टर रवाना किए गए हैं. डेडबॉडी बेस पर मौजूद हैं, उनमें से कुछ को आज नीचे लाने की उम्मीद है. खराब मौसम के कारण रेस्क्यू में बाधा उत्पन्न हो रही है. बता दें कि, भारतीय वायुसेना ने उत्तराखंड हिमस्खलन में फंसे पर्वतारोहियों को बचाने के लिए आज तड़के अभियान फिर से शुरू किया है. IAF, सेना और HAWS टीम के कर्मियों को बचाव कार्यों के लिए विभिन्न स्थानों पर विशेष उपकरणों के साथ शामिल किया गया है.
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IAF today resumed operations at the break of dawn to rescue mountaineers stuck in Uttarakhand avalanche. IAF, Army and HAWS team personnel have been inducted with specialised equipment to various locations for rescue operations: IAF's Central Air Command
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 6, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
(Video source: CAC, IAF) pic.twitter.com/uAushR7Rbs
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— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 6, 2022
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गुलमर्ग की टीम क्यों है खास?: जम्मू कश्मीर हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग के जवानों को ऊंचे पर्वतों में बर्फीली चोटियों पर ड्यूटी करने और बर्फीले तूफानों से बचाव की ट्रेनिंग दी जाती है. केंद्र और राज्य सरकार के प्रयासों से एचएडब्ल्यूएस के 16 सदस्यीय जवानों को हिमस्खलन में फंसे पर्वतारोहियों को निकालने के लिए भेजा गया है. बुधवार देर रात को एचएडब्ल्यूएस के जवान देहरादून पहुंच गए थे.
गुरुवार सुबह इनकी टीम देहरादून से उत्तरकाशी बेस कैंप के लिए रवाना हुई. इन जवानों के लिए वायु सेना के हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की गई है. उत्तरकाशी पहुंचकर हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग के जवानों ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है.
गौर हो कि उच्च हिमालयी क्षेत्र में प्रशिक्षण के लिए निकला नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (Nehru Institute Of Mountaineering) का 44 पर्वतारोहियों का दल मंगलवार सुबह द्रौपदी का डांडा 2 पर्वत चोटी के पास हिमस्खलन (Avalanche) की चपेट में आ गया था. अभी तक 14 लोगों को बचाया गया. जबकि, 10 शव बरामद कर लिए गए हैं. हादसे में उत्तरकाशी के लौंथरू गांव की एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल (Mountaineer Savita Kanswal) और भुक्की गांव की नौमी रावत की भी मौत हुई है. द्रौपदी का डांडा पर्वत चोटी उत्तरकाशी के भटवाड़ी ब्लॉक में भुक्की गांव के ऊपर स्थित है.
पढ़ें- उत्तरकाशी एवलॉन्च: CM धामी ने हवाई सर्वेक्षण कर लिया जायजा, दिए ये निर्देश
इसी कड़ी में मंगलवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने बचाव एवं राहत कार्यों का हवाई सर्वेक्षण कर जायजा लिया. उन्होंने अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एवलॉन्च की चपेट में आकर जान गंवाने मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख, गंभीर रूप से घायलों को ₹1 लाख और सामान्य रूप से घायलों को ₹50 हजार की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं.