उत्तरकाशी: इस बार उत्तरकाशी जनपद सहित सभी पहाड़ी जनपदों में जमकर बर्फबारी हुई. लंबे समय बाद एक सीजन में चार से पांच बार की बर्फबारी हुई. खुशी की बात है कि यह बर्फबारी कृषि और बागवानी के लिहाज से संजीवनी मानी जा रही है.
कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी अधिकारी और उद्यान विशेषज्ञ डॉ. पंकज नौटियाल का कहना है कि इस वर्ष की बर्फबारी सेब, नाशपाती के साथ ही गेंहू, मटर, मसूर जैसी नकदी फसलों की खेती के लिए संजीवनी का काम करेगी, जिससे कि मंडियों तक यह उत्पादन पहुंचेगा और इससे काश्तकारों की अच्छी आय की उम्मीद बढ़ गई है. साथ ही इस वर्ष खेती में कीटनाशक छमता भी देखने को मिलेगी. उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि खेती के लिए इस वर्ष 12 माह जलस्त्रोत चार्ज रहेंगे, क्योंकि वर्षों बाद जनपद मुख्यालय के निचले इलाकों तक बर्फबारी हुई है.
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बता दें कि उत्तरकाशी में बागवानी में सबसे अधिक सेब का उत्पादन होता है. सेब का उत्पादन 20 हजार मीट्रिक टन होता है. मटर का उत्पादन 15 हजार मीट्रिक टन के करीब होता है. वहीं गत वर्षों में अच्छी बर्फबारी न होने से सेब और मटर सहित अन्य फसलों में काश्तकारों को उम्मीद अनुसार फायदा नहीं हो पाया था.