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उत्तरकाशी: नकदी फसलों के लिए संजीवनी साबित होगी बर्फबारी

इस बार की बर्फबारी कृषि और बागवानी के लिहाज से संजीवनी मानी जा रही है. सेब, नाशपाती के साथ ही गेंहू, मटर, मसूर जैसी नकदी फसलों को इस बर्फबारी से फायदा पहुंचेगा.

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किसानों के लिए राहत की खबर लाएगी बर्फबारी.
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Published : Jan 25, 2020, 8:31 PM IST

उत्तरकाशी: इस बार उत्तरकाशी जनपद सहित सभी पहाड़ी जनपदों में जमकर बर्फबारी हुई. लंबे समय बाद एक सीजन में चार से पांच बार की बर्फबारी हुई. खुशी की बात है कि यह बर्फबारी कृषि और बागवानी के लिहाज से संजीवनी मानी जा रही है.

कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी अधिकारी और उद्यान विशेषज्ञ डॉ. पंकज नौटियाल का कहना है कि इस वर्ष की बर्फबारी सेब, नाशपाती के साथ ही गेंहू, मटर, मसूर जैसी नकदी फसलों की खेती के लिए संजीवनी का काम करेगी, जिससे कि मंडियों तक यह उत्पादन पहुंचेगा और इससे काश्तकारों की अच्छी आय की उम्मीद बढ़ गई है. साथ ही इस वर्ष खेती में कीटनाशक छमता भी देखने को मिलेगी. उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि खेती के लिए इस वर्ष 12 माह जलस्त्रोत चार्ज रहेंगे, क्योंकि वर्षों बाद जनपद मुख्यालय के निचले इलाकों तक बर्फबारी हुई है.

किसानों के लिए राहत की खबर लाएगी बर्फबारी.

यह भी पढ़ें-सीमांत क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सेना की ली जाएगी मदद: सीएम त्रिवेंद्र सिंह

बता दें कि उत्तरकाशी में बागवानी में सबसे अधिक सेब का उत्पादन होता है. सेब का उत्पादन 20 हजार मीट्रिक टन होता है. मटर का उत्पादन 15 हजार मीट्रिक टन के करीब होता है. वहीं गत वर्षों में अच्छी बर्फबारी न होने से सेब और मटर सहित अन्य फसलों में काश्तकारों को उम्मीद अनुसार फायदा नहीं हो पाया था.

उत्तरकाशी: इस बार उत्तरकाशी जनपद सहित सभी पहाड़ी जनपदों में जमकर बर्फबारी हुई. लंबे समय बाद एक सीजन में चार से पांच बार की बर्फबारी हुई. खुशी की बात है कि यह बर्फबारी कृषि और बागवानी के लिहाज से संजीवनी मानी जा रही है.

कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी अधिकारी और उद्यान विशेषज्ञ डॉ. पंकज नौटियाल का कहना है कि इस वर्ष की बर्फबारी सेब, नाशपाती के साथ ही गेंहू, मटर, मसूर जैसी नकदी फसलों की खेती के लिए संजीवनी का काम करेगी, जिससे कि मंडियों तक यह उत्पादन पहुंचेगा और इससे काश्तकारों की अच्छी आय की उम्मीद बढ़ गई है. साथ ही इस वर्ष खेती में कीटनाशक छमता भी देखने को मिलेगी. उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि खेती के लिए इस वर्ष 12 माह जलस्त्रोत चार्ज रहेंगे, क्योंकि वर्षों बाद जनपद मुख्यालय के निचले इलाकों तक बर्फबारी हुई है.

किसानों के लिए राहत की खबर लाएगी बर्फबारी.

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बता दें कि उत्तरकाशी में बागवानी में सबसे अधिक सेब का उत्पादन होता है. सेब का उत्पादन 20 हजार मीट्रिक टन होता है. मटर का उत्पादन 15 हजार मीट्रिक टन के करीब होता है. वहीं गत वर्षों में अच्छी बर्फबारी न होने से सेब और मटर सहित अन्य फसलों में काश्तकारों को उम्मीद अनुसार फायदा नहीं हो पाया था.

Intro:उत्तरकाशी। पहाड़ो की बात करें,तो इस बार उत्तरकाशी जनपद सहित सभी पहाड़ी जनपदों में बर्फबारी जमकर हुई। लंबे समय बाद एक सीजन में चार से पांच बार की बर्फबारी हुई। वहीं यह बर्फबारी कृषि और बागवानी के लिहाज से संजीवनी मानी जा रही है। कृषि और उद्यान विशेषज्ञों की माने,तो सेब से लेकर मटर जैसी नगदी फसल के लिए इस बार की बर्फबारी वरदान साबित होगी। जिससे कि मण्डियों तक यह उत्पादन पहुंचेगा और इससे काश्तकारों को अच्छी आय की इस वर्ष उम्मीद बढ़ गई है। Body:वीओ-1, उत्तरकाशी जनपद की बात करें, तो यहां पर बागवानी में सबसे अधिक सेब का 20 हजार मीट्रिक टन सेब का उत्पादन होता है। साथ ही नगदी फसलों में मटर का करीब 15 हजार मीट्रिक टन उत्पादन होता है। गत वर्षों में अच्छी बर्फबारी न होने और अन्य कारणों से सेब और मटर सहित अन्य फसलों में काश्तकारों को उम्मीदानुसार फायदा नहीं हो पाया। लेकिन इस वर्ष की बर्फबारी के बाद अब काश्तकारों के साथ उद्यान विशेषज्ञों को भी अच्छे उत्पादन की उम्मीद जगी है। Conclusion:वीओ-2 कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी अधिकारी और उद्यान विशेषज्ञ डॉ पंकज नौटियाल का कहना है कि इस वर्ष की बर्फबारी सेब नाशपाती के साथ ही गेंहू सहित मटर और मसूर आदि की खेती के लिए संजीवनी का काम करेगी। साथ ही इस वर्ष खेती में कीटनाशक झमता भी देखने को मिलेगी और सबसे महत्वपूर्ण है कि खेती के लिए इस वर्ष 12 माह जलस्त्रोत चार्ज रहेंगे। क्योंकि वर्षों बाद जनपद मुख्यालय के निचले इलाकों तक बर्फबारी हुई है।
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