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बेमौसम बर्फबारी ने तोड़ी सेब काश्तकारों की कमर, ब्लॉक प्रमुख ने सुनी किसानों की व्यथा

बीते दिनों हुई बेमौसम बर्फबारी ने सेब काश्तकारों की कमर तोड़ दी है. इस बर्फबारी न सिर्फ सेब की तैयारी फसल को बल्कि पौधों को भी नुकसान पहुंचाया है. भटवाड़ी ब्लॉक प्रमुख ने बगीचों का स्थालीय निरीक्षण कर सेब काश्तकारों के व्यथा सुनी.

Unseasonal snowfall broke the back of apple tenants
बेमौसम बर्फबारी ने तोड़ी सेब काश्तकारों की कमर
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Published : Apr 26, 2021, 7:35 AM IST

Updated : Apr 26, 2021, 2:27 PM IST

उत्तरकाशी: दो दिन पहले उत्तरकाशी की हर्षिल घाटी में काफी बर्फबारी हुई थी. इस बेमौसम बर्फबारी की वजह से सेब की फसल को काफी नुकसान पहुंचा था. रविवार को ब्लॉक प्रमुख भटवाड़ी विनीता रावत ने उद्यान विभाग की टीम के साथ सेब के बगीचों का स्थलीय निरीक्षण किया. इस दौरान ब्लॉक प्रमुख ने उद्यान विभाग की टीम और काश्तकारों के साथ सेब के बगीचों में पेड़ों को हुए नुकसान की जानकारी ली. काश्तकारों का कहना है कि इस प्रकार की बेमौसमी नुकसानदायक बर्फबारी करीब 30 से 40 साल बाद देखने को मिली है.

बता दें कि, बीते दिनों में हर्षिल घाटी में हुई भारी बर्फबारी के कारण जहां पहले फ्लॉवरिंग को नुकसान हुआ तो उसके बाद सेब के पेड़ों को भी भारी नुकसान हुआ है. बीते दिन ब्लॉक प्रमुख भटवाड़ी विनीता रावत, भाजपा के पूर्व जिला संयोजक जगमोहन रावत और उद्यान विभाग ने सेब के पेड़ों को हुए नुकसान का स्थलीय निरीक्षण किया. काश्तकारों ने कहा कि सेब की फसल को इस साल करीब 90 प्रतिशत का नुकसान हुआ है.

पढ़ें: कोरोना के कारण नैनीताल HC 2 मई तक बंद, ईमेल से भेज सकते हैं याचिका

सेब काश्तकारों ने ब्लॉक प्रमुख और उद्यान विभाग की टीम को बताया कि इस बार की बेमौसमी बर्फबारी का असर आने वाली दो-तीन सालों की फसल पर देखने को मिलेगा. ब्लॉक प्रमुख विनीता रावत ने कहा कि हर्षिल घाटी के सेब देश की मंडियों में अलग पहचान रखते हैं. इसलिए उन्होंने उद्यान और आपदा मंत्री से मांग की है कि क्षेत्र को आपदा प्रभावित घोषित किया जाए.

उत्तरकाशी: दो दिन पहले उत्तरकाशी की हर्षिल घाटी में काफी बर्फबारी हुई थी. इस बेमौसम बर्फबारी की वजह से सेब की फसल को काफी नुकसान पहुंचा था. रविवार को ब्लॉक प्रमुख भटवाड़ी विनीता रावत ने उद्यान विभाग की टीम के साथ सेब के बगीचों का स्थलीय निरीक्षण किया. इस दौरान ब्लॉक प्रमुख ने उद्यान विभाग की टीम और काश्तकारों के साथ सेब के बगीचों में पेड़ों को हुए नुकसान की जानकारी ली. काश्तकारों का कहना है कि इस प्रकार की बेमौसमी नुकसानदायक बर्फबारी करीब 30 से 40 साल बाद देखने को मिली है.

बता दें कि, बीते दिनों में हर्षिल घाटी में हुई भारी बर्फबारी के कारण जहां पहले फ्लॉवरिंग को नुकसान हुआ तो उसके बाद सेब के पेड़ों को भी भारी नुकसान हुआ है. बीते दिन ब्लॉक प्रमुख भटवाड़ी विनीता रावत, भाजपा के पूर्व जिला संयोजक जगमोहन रावत और उद्यान विभाग ने सेब के पेड़ों को हुए नुकसान का स्थलीय निरीक्षण किया. काश्तकारों ने कहा कि सेब की फसल को इस साल करीब 90 प्रतिशत का नुकसान हुआ है.

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सेब काश्तकारों ने ब्लॉक प्रमुख और उद्यान विभाग की टीम को बताया कि इस बार की बेमौसमी बर्फबारी का असर आने वाली दो-तीन सालों की फसल पर देखने को मिलेगा. ब्लॉक प्रमुख विनीता रावत ने कहा कि हर्षिल घाटी के सेब देश की मंडियों में अलग पहचान रखते हैं. इसलिए उन्होंने उद्यान और आपदा मंत्री से मांग की है कि क्षेत्र को आपदा प्रभावित घोषित किया जाए.

Last Updated : Apr 26, 2021, 2:27 PM IST
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