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प्रकृति की अनमोल धरोहर है उत्तरकाशी का बामसरू ताल, अभी भी जमी है झील

उत्तरकाशी जनपद में करीब 14,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित बामसरू ताल बहुत ही खूबसूरत है. यहां की झील अभी भी करीब 80 फीसदी तक जमी हुई है.

Uttarkashi Bamsaru Lake
Uttarkashi Bamsaru Lake
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Published : Jul 8, 2021, 6:11 PM IST

Updated : Jul 16, 2021, 5:39 PM IST

उत्तरकाशी: उत्तराखंड अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए विश्व प्रसिद्ध है. यहां के पहाड़ों पर प्रकृति की अनमोल धरोहर और विभिन्न रंग देखने को मिलते हैं, जो लोगों को ये सोचने पर मजबूर कर देते हैं कि यह धरती है या स्वर्ग. ऐसी ही एक प्राकृतिक धरोहर है उत्तरकाशी जनपद में करीब 14,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित बामसरू ताल.

ईटीवी भारत आज आपको एक ऐसे ही एक खूबसूरत स्थान के बारे में बताने जा रहा है, जो समुद्र तल से करीब 14,200 फीट की ऊंचाई पर है. उसका नाम है बामसरू ताल. एक ओर जहां मॉनसून में भी पहाड़ों पर भीषण गर्मी देखने को मिल रही है तो वहीं, बामसरू ताल अभी भी 80 फीसदी तक जमा हुआ है.

उत्तरकाशी जनपद में बामसरू ताल केलसू घाटी के अगोड़ा गांव से शुरू होता है जो कि डोडीताल होते हुए चौड़ादूनी से दरवा टॉप होते हुए करीब 40 किमी की दूरी पर स्थित है. यहां पहुंचने के लिए ट्रैकिंग ही एक मात्र साधन है. यहां हनुमानचट्टी से ट्रैकिंग के माध्यम से पहुंचा जा सकता है. हालांकि, अभी तक पर्यटन और ट्रैकिंग को मैप में शामिल नहीं किया गया है.

प्रकृति की अनमोल धरोहर है उत्तरकाशी का बामसरू ताल.

साहसिक और ट्रैकिंग पर्यटन से जुड़े अगोड़ा गांव के सुमन पंवार बताते हैं कि यह ट्रैक डोडीताल से बामसरू ताल तक 6 दिन 5 रात में पूरा किया जा सकता है. साथ ही इस ट्रैक में चौड़ादूनी जो कि खूबसूरत और बहुत ऊंचा वाटरफॉल है, मुख्य आकर्षण का केंद्र है. साथ ही दरवा टॉप के बाद बियां बुग्याल, में ब्रह्मकमल के साथ ही कई खूबसूरत फूलों की घाटी हैं.

पढ़ें- CM धामी ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि, सितंबर से सैनिक सम्मान यात्रा का होगा आगाज

उसके बाद बामसरू ताल आता है, जो कि चारों ओर से बर्फ की पहाड़ियों से घिरा है. करीब 500 मीटर क्षेत्र में फैला यह ताल अभी भी करीब 80 प्रतिशत बर्फ से जमा हुआ है. यहां से बर्फ से ढकी बंदरपूंछ पर्वत की पूर्व और पश्चिम की चोटी को आसानी से देखा जा सकता है. बंदरपूंछ से यमुना की सहायक नदी 'हनुमान गंगा' निकलती है.

Uttarkashi Bamsaru Lake
14,200 फीट की ऊंचाई तक स्थित है बामसरू ताल.

स्थानीय ट्रैकिंग व्यवसायी राजेश पंवार और सुमन पंवार ने बामसरू ताल और इसके ट्रैक की तुलना रूपकुंड ट्रैक से की. उन्होंने कहा कि अगर इसे विकसित किया जाए, तो यह रूपकुंड ट्रैक से भी खूबसूरत ट्रैक है. राजेश ने बताया कि बामसरू ताल को भीमताल भी कहा जाता है और यहां से कुछ दूरी पर भीमगुफा स्थित है.

उत्तरकाशी: उत्तराखंड अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए विश्व प्रसिद्ध है. यहां के पहाड़ों पर प्रकृति की अनमोल धरोहर और विभिन्न रंग देखने को मिलते हैं, जो लोगों को ये सोचने पर मजबूर कर देते हैं कि यह धरती है या स्वर्ग. ऐसी ही एक प्राकृतिक धरोहर है उत्तरकाशी जनपद में करीब 14,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित बामसरू ताल.

ईटीवी भारत आज आपको एक ऐसे ही एक खूबसूरत स्थान के बारे में बताने जा रहा है, जो समुद्र तल से करीब 14,200 फीट की ऊंचाई पर है. उसका नाम है बामसरू ताल. एक ओर जहां मॉनसून में भी पहाड़ों पर भीषण गर्मी देखने को मिल रही है तो वहीं, बामसरू ताल अभी भी 80 फीसदी तक जमा हुआ है.

उत्तरकाशी जनपद में बामसरू ताल केलसू घाटी के अगोड़ा गांव से शुरू होता है जो कि डोडीताल होते हुए चौड़ादूनी से दरवा टॉप होते हुए करीब 40 किमी की दूरी पर स्थित है. यहां पहुंचने के लिए ट्रैकिंग ही एक मात्र साधन है. यहां हनुमानचट्टी से ट्रैकिंग के माध्यम से पहुंचा जा सकता है. हालांकि, अभी तक पर्यटन और ट्रैकिंग को मैप में शामिल नहीं किया गया है.

प्रकृति की अनमोल धरोहर है उत्तरकाशी का बामसरू ताल.

साहसिक और ट्रैकिंग पर्यटन से जुड़े अगोड़ा गांव के सुमन पंवार बताते हैं कि यह ट्रैक डोडीताल से बामसरू ताल तक 6 दिन 5 रात में पूरा किया जा सकता है. साथ ही इस ट्रैक में चौड़ादूनी जो कि खूबसूरत और बहुत ऊंचा वाटरफॉल है, मुख्य आकर्षण का केंद्र है. साथ ही दरवा टॉप के बाद बियां बुग्याल, में ब्रह्मकमल के साथ ही कई खूबसूरत फूलों की घाटी हैं.

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उसके बाद बामसरू ताल आता है, जो कि चारों ओर से बर्फ की पहाड़ियों से घिरा है. करीब 500 मीटर क्षेत्र में फैला यह ताल अभी भी करीब 80 प्रतिशत बर्फ से जमा हुआ है. यहां से बर्फ से ढकी बंदरपूंछ पर्वत की पूर्व और पश्चिम की चोटी को आसानी से देखा जा सकता है. बंदरपूंछ से यमुना की सहायक नदी 'हनुमान गंगा' निकलती है.

Uttarkashi Bamsaru Lake
14,200 फीट की ऊंचाई तक स्थित है बामसरू ताल.

स्थानीय ट्रैकिंग व्यवसायी राजेश पंवार और सुमन पंवार ने बामसरू ताल और इसके ट्रैक की तुलना रूपकुंड ट्रैक से की. उन्होंने कहा कि अगर इसे विकसित किया जाए, तो यह रूपकुंड ट्रैक से भी खूबसूरत ट्रैक है. राजेश ने बताया कि बामसरू ताल को भीमताल भी कहा जाता है और यहां से कुछ दूरी पर भीमगुफा स्थित है.

Last Updated : Jul 16, 2021, 5:39 PM IST
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