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18 लाख का स्मार्ट शौचालय बना शोपीस, तकनीकी जानकार नहीं मिलने के कारण पड़ा बंद

उत्तराखंड में किस तरह से सरकारी पैसे की बर्बादी की जाती है, इसकी एक बानगी यमुनोत्री धाम के प्रमुख पड़ाव बड़कोट दोबाटा में देखने को मिल जाएगा. यहां पर 18 लाख रुपए की लागत से बना स्मार्ट शौचालय शोपीस बनकर रह गया है. 6 सालों से ये स्मार्ट शौचालय किसी के काम नहीं आ रहा है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 6, 2023, 3:46 PM IST

उत्तरकाशी: यमुनोत्री धाम के प्रमुख पड़ाव बड़कोट दोबाटा में नगर पालिका की ओर से 18 लाख रुपए खर्च कर बनाया गया स्मार्ट शौचालय छह सालों से शोपीस बना हुआ है, जिसे पॉलिथीन से ढककर रखा गया है. ऐसे में स्थानीय लोगों के साथ चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को इसका लाभ नहीं मिलने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

साल 2018 में नगर पालिका ने 18 लाख रुपए की लागत से स्मार्ट शौचालय का निर्माण कराया था. इसके लिए सुरक्षा दीवार के निर्माण के साथ रंग रोगन आदि पर करीब 10 लाख से अधिक का बजट अलग से खर्च किया गया. लेकिन मात्र एक महीने चलने के बाद से यह शोपीस बनकर रह गया है. इसे पॉलिथीन में ढककर रखा गया है.

इससे सरकारी धन के दुरुपयोग पर भी सवाल उठ रहे हैं. जबकि शौचालय का संचालन होता तो इससे स्थानीय लोगों के साथ चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को भी सुविधा मिलती, लेकिन यात्रा का प्रमुख पड़ाव पर होने के बाद भी इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है.
पढे़ें- 'नाला' बनी रिस्पना का पानी पीने तो छोड़िए नहाने लायक भी नहीं!, ETV BHARAT की टेस्टिंग रिपोर्ट देखिए

इस संबंध में नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी मदन प्रसाद गौड़ का कहना है कि शौचालय के संचालन के लिए एक तकनीकी जानकार आदमी की जरूरत है, जिसके नहीं मिलने के चलते इसका संचालन करने में दिक्कत आ रही है.

इधर, नगर व्यापार मंडल उपाध्यक्ष राजेश उनियाल का कहना है कि आखिर कब तक स्मार्ट शौचालय के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग होता रहेगा, यह सोचनीय विषय है. उन्होंने सरकारी बजट के इस तरह काम के नाम पर हो रहे दुरुपयोग पर रोक लगाने के लिए सख्त कार्रवाई करने की मांग की.

आधुनिक तकनीकी से लैस है शौचालय: स्मार्ट शौचालय आधुनिक तकनीकी से लैस है, जिसमें शौचालय का दरवाजा भी अपने खुलता व बंद होता है. शौच आदि के बाद हाथ धुलने के लिए पानी भी स्वचालित ढंग से चलता था.

उत्तरकाशी: यमुनोत्री धाम के प्रमुख पड़ाव बड़कोट दोबाटा में नगर पालिका की ओर से 18 लाख रुपए खर्च कर बनाया गया स्मार्ट शौचालय छह सालों से शोपीस बना हुआ है, जिसे पॉलिथीन से ढककर रखा गया है. ऐसे में स्थानीय लोगों के साथ चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को इसका लाभ नहीं मिलने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

साल 2018 में नगर पालिका ने 18 लाख रुपए की लागत से स्मार्ट शौचालय का निर्माण कराया था. इसके लिए सुरक्षा दीवार के निर्माण के साथ रंग रोगन आदि पर करीब 10 लाख से अधिक का बजट अलग से खर्च किया गया. लेकिन मात्र एक महीने चलने के बाद से यह शोपीस बनकर रह गया है. इसे पॉलिथीन में ढककर रखा गया है.

इससे सरकारी धन के दुरुपयोग पर भी सवाल उठ रहे हैं. जबकि शौचालय का संचालन होता तो इससे स्थानीय लोगों के साथ चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को भी सुविधा मिलती, लेकिन यात्रा का प्रमुख पड़ाव पर होने के बाद भी इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है.
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इस संबंध में नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी मदन प्रसाद गौड़ का कहना है कि शौचालय के संचालन के लिए एक तकनीकी जानकार आदमी की जरूरत है, जिसके नहीं मिलने के चलते इसका संचालन करने में दिक्कत आ रही है.

इधर, नगर व्यापार मंडल उपाध्यक्ष राजेश उनियाल का कहना है कि आखिर कब तक स्मार्ट शौचालय के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग होता रहेगा, यह सोचनीय विषय है. उन्होंने सरकारी बजट के इस तरह काम के नाम पर हो रहे दुरुपयोग पर रोक लगाने के लिए सख्त कार्रवाई करने की मांग की.

आधुनिक तकनीकी से लैस है शौचालय: स्मार्ट शौचालय आधुनिक तकनीकी से लैस है, जिसमें शौचालय का दरवाजा भी अपने खुलता व बंद होता है. शौच आदि के बाद हाथ धुलने के लिए पानी भी स्वचालित ढंग से चलता था.

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