उत्तरकाशीः नवरात्रि में मां दुर्गा के अलग-अलग नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है. चैत्र नवरात्रि महाअष्टमी यानी दुर्गा अष्टमी मनाई जा रही है. इस मौके पर ईटीवी भारत आपको ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहा है, जिसकी मान्यताएं दूर दूर तक हैं. यह मंदिर है चंदोमती माता का, जो भटवाड़ी ब्लॉक में मौजूद है. मां चंदोमती के दरबार में जो भी भक्त जाता है, वो खाली हाथ नहीं लौटता. यहां निसंतान दंपतियों पर चंदोमती माता की विशेष कृपा बरसती है.
बता दें कि मां चंदोमती का मंदिर भटवाड़ी ब्लॉक में गंगोत्री हाइवे से 500 की दूरी पर पाही और मल्ला गांव के बीच स्थित है. यह मंदिर खेतों के बीच मौजूद है. यहां नवरात्रि के दिनों में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ता है. माता की पूजा-अर्चना के लिए लोग दूर-दूर से पहुंचते हैं. श्रद्धालुओं की मानें तो मां चंदोमती के दर्शन करने से उनके दुख दर्द दूर हो जाते हैं.
खेत जोतते वक्त हर बार टूट जाता था हलः मान्यताओं के अनुसार, ग्रामीण उस स्थान पर खेत जोतने जाते थे, लेकिन हर बार हल टूट जाया करता था. जिसके बाद ग्रामीणों ने अपने इष्ट देवता सोमेश्वर को इसके बारे में पूछा. जिस पर देवता ने उस स्थान पर खुदाई करने को कहा. पुजारी बताते हैं कि खुदाई के दौरान उनके पूर्वजों को अष्टभुजा माता चंदोमती की मूर्ति मिली.
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कहा जाता है कि चांदी घाट में सामान बेचने वाले व्यक्ति के सपने में आने पर भी इसका नाम चंदोमती कहा जाने लगा. जिसके बाद उस स्थान पर द्वारी और पाही गांव के लोगों ने मिलकर चंदोमती माता के मंदिर का निर्माण किया. वहीं, इन गांवों के बीच में बने चंदोमती माता के मंदिर को सिद्धपीठ भी माना जाता है.
नेपाल की भू देवीः स्कंदपुराण के केदारखंड में भी इस मंदिर का उल्लेख मिलता है. बताया जाता है कि मां चंदोमती ने गांव के बुजुर्ग को स्वप्न में दर्शन देकर कहा कि मैं नेपाल की भू देवी हूं और गंगोत्री व यमुनोत्री के क्षेत्र में जन्म लेकर मनुष्य मात्र का कल्याण करना चाहती हूं. देवी के स्वप्न में दर्शन देने के बाद ग्रामीणों ने काली शिला के समक्ष 21 ब्राह्मणों का भोज करवाया. मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करवाई.
चंदोमती माता के दर्शन से होती है संतान प्राप्तिः चंदोमती मंदिर के पुजारी राजेंद्र प्रसाद रतूड़ी ने बताया कि नवरात्र पर दूर दराज से पहुंचे भक्त माता की विषेश पूजा अर्चना करते हैं. निसंतान दंपति यहां संतान प्राप्ति के लिए माता की अराधना करते है. माता उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. यही वजह है कि खास मौकों पर यहां दूर दराज से लोग दर्शन के लिए पहुंचते हैं.
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युवा मंगल दल ने किया है डोली का इंतजामः मां चंदोमति के मंदिर तक पहुंचने के लिए पैदल यात्रा करनी पड़ती है. गंगोत्री हाईवे से 500 मीटर दूर होने की वजह से पाही व मल्ला गांव के युवक मंगल दल ने निशुल्क डंडी कंडी की व्यवस्था की है. मल्ला गांव निवासी मनोज ने बताया कि वो डंडी कंडी के जरिए बुजुर्ग श्रद्धालुओं को मां के दरबार तक पहुंचाते हैं. ऐसे में बुजुर्ग भी आसानी से मां के दर्शन कर पाते हैं.