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आरटीओ दफ्तर में कर्मचारियों का टोटा, 17 बसों की रोटेशन व्यवस्था ध्वस्त - बसों की रोटेशन व्यवस्था चरमराई

उत्तरकाशी जिले में आरटीओ दफ्तर में कर्मचारी नहीं मिल रहे हैं. आरटीओ के कर्मचारी और अधिकारी आपदा ड्यूटी में तैनात हैं, जिससे बसों की रोटेशन व्यवस्था चरमरा रही है.

उत्तरकाशी
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Published : Sep 6, 2019, 11:57 AM IST

उत्तरकाशी: जनपद मुख्यालय के टिहरी गढ़वाल मोटर ऑर्गनाइजेशन की 75 बसों का संचालन प्रति दिन रोटेशन व्यवस्था से होता है, तो वहीं अब यह रोटेशन व्यवस्था चरमराने लगी है. टीजीएमओ का कहना है कि आरटीओ दफ्तर में अधिकारी कर्मचारी नहीं मिल रहे हैं. जिस कारण बस संचालकों के आरटीओ सम्बन्धित कार्य लटके हुए हैं. वहीं स्थिति यह आ गई है 17 बसों का संचालन बन्द करना पड़ सकता है. क्योंकि, किसी बस की फिटनेश नहीं है. तो कई चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस भी रिन्युअल होने हैं.

उत्तरकाशी जनपद के परिवहन विभाग में इन दिनों अधिकारियों और कर्मचारियों की कमी देखने को मिल रही है. आरटीओ आराकोट में आई जलप्रलय के बाद से राहत और बचाव कार्यों में लगे हुए हैं. साथ ही अब कर्मचारी भी आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तैनात हैं. इस कारण सबसे ज्यादा दिक्कतें टीजीएमओ को हो रही हैं. क्योंकि बस संचालको को अपनी बसों का फिटनेश करवाना है. साथ ही कई बसों का परमिट जारी होना है. टीजीएमओ के पदाधिकारियों का कहना है कि इस कारण जो प्रतिदिन की रोटेशन व्यवस्था पर असर पड़ रहा है.

पढ़ें- प्रदेश कांग्रेस ने पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम की गिरफ्तारी पर जताई नाराजगी, सरकार को बताया तानाशाह

टीजीएमओ के उत्तरकाशी जनपदीय अध्यक्ष गजपाल सिंह रावत का कहना है कि 5 बसें ऐसी हैं, जिनका फिटनेश होना है. साथ ही 3 बसों का परमिट जारी होना है. साथ ही 10 चालक और परिचालकों के ड्राइविंग लाइसेंस रिन्युअल होने हैं, लेकिन यह सब प्रक्रिया आरटीओ कार्यालय में अधिकारी और कर्मचारी न मिलने पर लंबित पड़ी हुई है. वहीं रोटेशन में 17 बसों के संचालन पर खतरा मंडराने लगा है.

उत्तरकाशी: जनपद मुख्यालय के टिहरी गढ़वाल मोटर ऑर्गनाइजेशन की 75 बसों का संचालन प्रति दिन रोटेशन व्यवस्था से होता है, तो वहीं अब यह रोटेशन व्यवस्था चरमराने लगी है. टीजीएमओ का कहना है कि आरटीओ दफ्तर में अधिकारी कर्मचारी नहीं मिल रहे हैं. जिस कारण बस संचालकों के आरटीओ सम्बन्धित कार्य लटके हुए हैं. वहीं स्थिति यह आ गई है 17 बसों का संचालन बन्द करना पड़ सकता है. क्योंकि, किसी बस की फिटनेश नहीं है. तो कई चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस भी रिन्युअल होने हैं.

उत्तरकाशी जनपद के परिवहन विभाग में इन दिनों अधिकारियों और कर्मचारियों की कमी देखने को मिल रही है. आरटीओ आराकोट में आई जलप्रलय के बाद से राहत और बचाव कार्यों में लगे हुए हैं. साथ ही अब कर्मचारी भी आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तैनात हैं. इस कारण सबसे ज्यादा दिक्कतें टीजीएमओ को हो रही हैं. क्योंकि बस संचालको को अपनी बसों का फिटनेश करवाना है. साथ ही कई बसों का परमिट जारी होना है. टीजीएमओ के पदाधिकारियों का कहना है कि इस कारण जो प्रतिदिन की रोटेशन व्यवस्था पर असर पड़ रहा है.

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टीजीएमओ के उत्तरकाशी जनपदीय अध्यक्ष गजपाल सिंह रावत का कहना है कि 5 बसें ऐसी हैं, जिनका फिटनेश होना है. साथ ही 3 बसों का परमिट जारी होना है. साथ ही 10 चालक और परिचालकों के ड्राइविंग लाइसेंस रिन्युअल होने हैं, लेकिन यह सब प्रक्रिया आरटीओ कार्यालय में अधिकारी और कर्मचारी न मिलने पर लंबित पड़ी हुई है. वहीं रोटेशन में 17 बसों के संचालन पर खतरा मंडराने लगा है.

Intro:उत्तरकाशी जिले में आरटीओ दफ्तर में कर्मचारी नहीं मिल रहे हैं। आरटीओ के कर्मचारी और अधिकारी आपदा ड्यूटी में तैनात हैं। तो वहीं इससे बसों की रोटेशन व्यवस्था चरमरा रही है। उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जनपद मुख्यालय के टिहरी गढ़वाल मोटर ऑर्गनाइजेशन की 75 बसों का संचालन प्रति दिन रोटेशन व्यवस्था से होता है। तो वहीं अब यह रोटेशन व्यवस्था चरमराने लगी है। टीजीएमओ का कहना है कि आरटीओ दफ्तर में अधिकारी कर्मचारी नहीं मिल रहे हैं। जिस कारण बस संचालकों के आरटीओ सम्बन्धित कार्य लटके हुए हैं। वहीं स्थिति यह आ गई है 17 बसों का संचालन बन्द करना पड़ सकता है। क्योंकि किसी बस की फिटनेश नहीं है। तो कई चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस भी रिन्युअल होने हैं। Body:वीओ-1, उत्तरकाशी जनपद के परिवहन विभाग में इन दिनों अधिकारियों और कर्मचारियों की कमी देखने को मिल रही है। आरटीओ आराकोट में आई जलप्रलय के बाद से राहत और बचाव कार्यों में लगे हुए हैं। साथ ही अब कर्मचारी भी आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तैनात हैं। इस कारण सबसे ज्यादा दिक्कतें टीजीएमओ को हो रही हैं। क्योंकि बस संचालको को अपनी बसों का फिटनेश करवाना है। साथ ही कई बसों का परमिट जारी होना है। टीजीएमओ के पदाधिकारियों का कहना है कि इस कारण जो प्रतिदिन की रोटेशन व्यवस्था है। उस पर असर पड़ रहा है। Conclusion:वीओ-2, टीजीएमओ के उत्तरकाशी जनपदीय अध्यक्ष गजपाल सिंह रावत का कहना है कि 5 बसें ऐसी हैं। जिनका फिटनेश होना है। साथ ही 3 बसों का परमिट जारी होना है। साथ ही 10 चालक और परिचालकों के ड्राइविंग लाइसेंस रिन्युअल होने हैं। लेकिन यह सब प्रक्रिया आरटीओ कार्यालय में अधिकारी और कर्मचारी न मिलने पर लंबित पड़ी हुई है। वहीं रोटेशन में 17 बसों के संचालन पर खतरा मंडराने लगा है। बाइट- गजपाल रावत,अध्यक्ष टीजीएमओ उत्तरकाशी।
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