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उत्तरकाशी हादसे में घायल महिलाओं को किया एयरलिफ्ट, AIIMS ऋषिकेश में चल रहा इलाज

उत्तरकाशी की मोरी तहसील के फिताड़ी गांव में मनरेगा के तहत काम कर रहीं चार महिलाएं मिट्टी के ढेर में दब गईं. बताया जा रहा है कि हादसा उस वक्त हुआ, जब महिलाएं मिट्टी खोद रही थीं. ग्रामीणों ने चारों महिलाओं को मिट्टी के ढेर से बाहर निकाला. अस्पताल ले जाने से पहले एक महिला की मौत हो गई. वहीं, मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी घायल महिलाओं को हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया है.

women buried while digging soil
मिट्टी खोदते समय दबीं 4 महिलाएं
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Published : Jun 22, 2022, 9:43 AM IST

Updated : Jun 22, 2022, 7:58 PM IST

उत्तरकाशीः जिले की मोरी तहसील के फिताड़ी गांव में मनरेगा के तहत मिट्टी निकालते समय चार महिलाएं मलबे में दब गईं. महिलाओं के मिट्टी में दबने की सूचना मिलने पर ग्रामीण मौके पर पहुंचे. ग्रामीणों ने चारों महिलाओं को मिट्टी के ढेर से बाहर निकाला. बताया जा रहा है कि एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई. उसे सीएचसी मोरी लाया जा रहा था. तब तक इस महिला की मौत हो गई थी. तीन घायल महिलाओं को सीएचसी ले जाया जा रहा है.

मनरेगा का काम कर रही थीं महिलाएं: आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल के मुताबिक, उत्तरकाशी की तहसील मोरी के अंतर्गत ग्राम फिताड़ी में चार महिलाएं मिट्टी खोदते समय दब गईं. मौके के लिए 108 एंबुलेंस, पुलिस और एसडीआरएफ टीम रवाना हुई. साथ ही राजस्व उपनिरीक्षक भी रवाना हो गए हैं. हालांकि इससे पहले ही ग्रामीणों ने चारों महिलाओं को मिट्टी के ढेर से बाहर निकाला. इस दौरान एक महिला की हालत बहुत गंभीर थी. अस्पताल ले जाते समय उसने दम तोड़ दिया.

ये भी पढ़ेंः केदारनाथ में दो और तीर्थयात्रियों की मौत, 90 पहुंचा मौत का आंकड़ा

मलबे में दब गईं महिलाएं: बताया जा रहा है कि हादसा मिट्टी निकालते समय ऊपर से मलबा आने से हुआ है. मलबे में चार महिलाएं दब गई थीं. जिन्हें ग्रामीणों ने मिट्टी के ढेर से बाहर निकाल लिया था. इनमें एक महिला की हालत बहुत गंभीर थी. ग्रामीणों ने तत्काल सभी घायल महिलाओं को सीएचसी मोरी रवाना किया. लेकिन इस दौरान गंभीर रूप से घायल एक महिला ने दम तोड़ दिया था. ये महिलाएं मनरेगा स्कीम के तहत काम कर रही थीं.

ये महिलाएं हुईं हादसे का शिकार: यह हादसा आज सुबह करीब साढ़े सात बजे हुआ, जब महिलाएं मनरेगा का कार्य कर रही थीं. तभी उनके ऊपर मलबा आ गया और वो दब गईं. हादसे में रेक्चा गांव की सूरी देवी (उम्र 35 वर्ष) पत्नी विद्वान सिंह की मौत हो गई. वहीं, फिताड़ी गांव की सुशीला देवी (उम्र 38 वर्ष) पत्नी रणवीर सिंह, कस्तूरी देवी (उम्र 37 वर्ष) पत्नी ज्ञान सिंह, विपीना (उम्र 32 वर्ष) पत्नी रामलाल सिंह घायल हुई हैं.

  • Five women were injured after getting buried under debris due to a mudslide in Uttarkashi today. On the instructions of the CM, the injured women of Uttarkashi were airlifted and admitted to AIIMS Rishikesh. One injured woman succumbed to her injuries: Uttarakhand CMO pic.twitter.com/YwrqrfqhPb

    — ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 22, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

घायल महिलाओं को किया गया एयरलिफ्ट: मुख्यमंत्री के निर्देश पर उत्तरकाशी की घायल महिलाओं को एयर लिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश में इलाज के लिए भर्ती कराया है. इस घटना में पांच महिलाओं में से एक महिला की अस्पताल आते समय मृत्यु हो गई, जबकि अन्य का उपचार एम्स में किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है.

क्या है मनरेगा: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा/MNREGA) भारत में लागू एक रोजगार गारंटी योजना है, जिसे 7 सितंबर 2005 को विधान द्वारा अधिनियमित किया गया. यह योजना प्रत्येक वित्तीय वर्ष में किसी भी ग्रामीण परिवार के उन वयस्क सदस्यों को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराती है जो प्रतिदिन 220 रुपये की सांविधिक न्यूनतम मजदूरी पर सार्वजनिक कार्य-सम्बंधित अकुशल मजदूरी करने के लिए तैयार हैं. इस अधिनियम को ग्रामीण लोगों की क्रय शक्ति को बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था. मुख्य रूप से ग्रामीण भारत में रहने वाले लोगों के लिए अर्ध-कौशलपूर्ण या बिना कौशलपूर्ण कार्य, चाहे वे गरीबी रेखा से नीचे हों या ना हों.

उत्तरकाशीः जिले की मोरी तहसील के फिताड़ी गांव में मनरेगा के तहत मिट्टी निकालते समय चार महिलाएं मलबे में दब गईं. महिलाओं के मिट्टी में दबने की सूचना मिलने पर ग्रामीण मौके पर पहुंचे. ग्रामीणों ने चारों महिलाओं को मिट्टी के ढेर से बाहर निकाला. बताया जा रहा है कि एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई. उसे सीएचसी मोरी लाया जा रहा था. तब तक इस महिला की मौत हो गई थी. तीन घायल महिलाओं को सीएचसी ले जाया जा रहा है.

मनरेगा का काम कर रही थीं महिलाएं: आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल के मुताबिक, उत्तरकाशी की तहसील मोरी के अंतर्गत ग्राम फिताड़ी में चार महिलाएं मिट्टी खोदते समय दब गईं. मौके के लिए 108 एंबुलेंस, पुलिस और एसडीआरएफ टीम रवाना हुई. साथ ही राजस्व उपनिरीक्षक भी रवाना हो गए हैं. हालांकि इससे पहले ही ग्रामीणों ने चारों महिलाओं को मिट्टी के ढेर से बाहर निकाला. इस दौरान एक महिला की हालत बहुत गंभीर थी. अस्पताल ले जाते समय उसने दम तोड़ दिया.

ये भी पढ़ेंः केदारनाथ में दो और तीर्थयात्रियों की मौत, 90 पहुंचा मौत का आंकड़ा

मलबे में दब गईं महिलाएं: बताया जा रहा है कि हादसा मिट्टी निकालते समय ऊपर से मलबा आने से हुआ है. मलबे में चार महिलाएं दब गई थीं. जिन्हें ग्रामीणों ने मिट्टी के ढेर से बाहर निकाल लिया था. इनमें एक महिला की हालत बहुत गंभीर थी. ग्रामीणों ने तत्काल सभी घायल महिलाओं को सीएचसी मोरी रवाना किया. लेकिन इस दौरान गंभीर रूप से घायल एक महिला ने दम तोड़ दिया था. ये महिलाएं मनरेगा स्कीम के तहत काम कर रही थीं.

ये महिलाएं हुईं हादसे का शिकार: यह हादसा आज सुबह करीब साढ़े सात बजे हुआ, जब महिलाएं मनरेगा का कार्य कर रही थीं. तभी उनके ऊपर मलबा आ गया और वो दब गईं. हादसे में रेक्चा गांव की सूरी देवी (उम्र 35 वर्ष) पत्नी विद्वान सिंह की मौत हो गई. वहीं, फिताड़ी गांव की सुशीला देवी (उम्र 38 वर्ष) पत्नी रणवीर सिंह, कस्तूरी देवी (उम्र 37 वर्ष) पत्नी ज्ञान सिंह, विपीना (उम्र 32 वर्ष) पत्नी रामलाल सिंह घायल हुई हैं.

  • Five women were injured after getting buried under debris due to a mudslide in Uttarkashi today. On the instructions of the CM, the injured women of Uttarkashi were airlifted and admitted to AIIMS Rishikesh. One injured woman succumbed to her injuries: Uttarakhand CMO pic.twitter.com/YwrqrfqhPb

    — ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 22, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

घायल महिलाओं को किया गया एयरलिफ्ट: मुख्यमंत्री के निर्देश पर उत्तरकाशी की घायल महिलाओं को एयर लिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश में इलाज के लिए भर्ती कराया है. इस घटना में पांच महिलाओं में से एक महिला की अस्पताल आते समय मृत्यु हो गई, जबकि अन्य का उपचार एम्स में किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है.

क्या है मनरेगा: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा/MNREGA) भारत में लागू एक रोजगार गारंटी योजना है, जिसे 7 सितंबर 2005 को विधान द्वारा अधिनियमित किया गया. यह योजना प्रत्येक वित्तीय वर्ष में किसी भी ग्रामीण परिवार के उन वयस्क सदस्यों को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराती है जो प्रतिदिन 220 रुपये की सांविधिक न्यूनतम मजदूरी पर सार्वजनिक कार्य-सम्बंधित अकुशल मजदूरी करने के लिए तैयार हैं. इस अधिनियम को ग्रामीण लोगों की क्रय शक्ति को बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था. मुख्य रूप से ग्रामीण भारत में रहने वाले लोगों के लिए अर्ध-कौशलपूर्ण या बिना कौशलपूर्ण कार्य, चाहे वे गरीबी रेखा से नीचे हों या ना हों.

Last Updated : Jun 22, 2022, 7:58 PM IST
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