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राज्य स्थापना दिवस से पहले स्वास्थ्य विभाग के मुंह पर तमाचा, गर्भवती की अस्पताल ले जाते समय मौत - उत्तरकाशी हिंदी समाचार

सरकारी मशीनरी राज्य स्थापना दिवस की तैयारियों में मग्न है. 9 नवंबर को सरकारी दफ्तरों को रोशन करने की योजना है. लेकिन उत्तरकाशी के देवती गांव में मातम छाया है. यहां सड़क और डॉक्टर-अस्पताल के अभाव में गर्भवती ने रास्ते में दम तोड़ दिया.

Uttarkashi
गर्भवती महिला की मौत
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Published : Nov 6, 2020, 7:08 AM IST

उत्तरकाशी: जिले के मोरी तहसील के बंगाण क्षेत्र के देवती गांव में एक 21 वर्षीय गर्भवती महिला को चारपाई पर लिटा कर ANM सेंटर ले जाया जा रहा था. लेकिन सेंटर बंद होने की वजह से गर्भवती महिला को हायर सेंटर के लिए ले जाया गया. इलाज के अभाव में गर्भवती ने बीच रास्ते में ही दम तोड़ दिया.

गांव के लिए है पांच किलोमीटर का पैदल रास्ता, खड़ी चढ़ाई

देवती गांव निवासी किरन नाम की 21 वर्षीय महिला को प्रसव पीड़ा हुई. गांव में सड़क मार्ग ना होने के कारण ग्रामीण गर्भवती महिला को चारपाई पर लाद कर किसी तरह 5 किलोमीटर दूर ANM सेंटर लेकर गए, लेकिन वो बंद था. इसके बाद ग्रामीण गर्भवती को 18 किमी दूर त्यूणी अस्पताल ले गए. जहां पर उसे प्राथमिक उपचार देने के बाद हायर सेंटर रेफर कर दिया गया. परिजन गर्भवती को लेकर हिमाचल प्रदेश के रोहडू के लिए रवाना हुए. लेकिन बीच रास्ते में ही गर्भवती महिला की मौत हो गई.

ये भी पढ़ें: सीएम त्रिवेंद्र ने शुगर मिल को जल्द पीपीपी मोड में संचालित करने के दिए निर्देश

सड़क होती तो बच जाती जान

ग्रामीणों का कहना है कि आज भी देवती गांव पहुंचने के लिए उन्हें 5 किमी की खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है. अगर गांव में सड़क होती, तो शायद गर्भवती महिला की जान बच सकती थी. मोरी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. फराज ने कहा कि ठठीयार में ANM नहीं है. गडडुगाड़ की ANM को वहां का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है, जो कि टीकाकरण के लिए वहां दो दिन आती हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें गर्भवती महिला की मौत के मामले की जानकारी है. लेकिन ग्रामीण पीड़िता को मोरी नहीं लेकर आए थे.

उत्तरकाशी: जिले के मोरी तहसील के बंगाण क्षेत्र के देवती गांव में एक 21 वर्षीय गर्भवती महिला को चारपाई पर लिटा कर ANM सेंटर ले जाया जा रहा था. लेकिन सेंटर बंद होने की वजह से गर्भवती महिला को हायर सेंटर के लिए ले जाया गया. इलाज के अभाव में गर्भवती ने बीच रास्ते में ही दम तोड़ दिया.

गांव के लिए है पांच किलोमीटर का पैदल रास्ता, खड़ी चढ़ाई

देवती गांव निवासी किरन नाम की 21 वर्षीय महिला को प्रसव पीड़ा हुई. गांव में सड़क मार्ग ना होने के कारण ग्रामीण गर्भवती महिला को चारपाई पर लाद कर किसी तरह 5 किलोमीटर दूर ANM सेंटर लेकर गए, लेकिन वो बंद था. इसके बाद ग्रामीण गर्भवती को 18 किमी दूर त्यूणी अस्पताल ले गए. जहां पर उसे प्राथमिक उपचार देने के बाद हायर सेंटर रेफर कर दिया गया. परिजन गर्भवती को लेकर हिमाचल प्रदेश के रोहडू के लिए रवाना हुए. लेकिन बीच रास्ते में ही गर्भवती महिला की मौत हो गई.

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सड़क होती तो बच जाती जान

ग्रामीणों का कहना है कि आज भी देवती गांव पहुंचने के लिए उन्हें 5 किमी की खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है. अगर गांव में सड़क होती, तो शायद गर्भवती महिला की जान बच सकती थी. मोरी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. फराज ने कहा कि ठठीयार में ANM नहीं है. गडडुगाड़ की ANM को वहां का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है, जो कि टीकाकरण के लिए वहां दो दिन आती हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें गर्भवती महिला की मौत के मामले की जानकारी है. लेकिन ग्रामीण पीड़िता को मोरी नहीं लेकर आए थे.

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