उत्तरकाशीः चारधाम यात्रा के मार्गों को पॉलीथिन मुक्त बनाने के लिए शासन और प्रशासन कई प्रकार के विज्ञापन सहित अभियान चला रही है. लेकिन उसका असर कहीं भी धरातल पर नजर नहीं आ रहा है. साथ ही चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्री ही पर्यावरण की आस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.
यात्रा रूटों पर जगह-जगह पॉलीथिन बिखरा पड़ा है. साथ ही यमुनोत्री धाम में अभी भी पॉलीथिन के रेनकोट बिक रहे हैं. जिसे यात्री प्रयोग करने के बाद धाम के पैदल रूट या इधर-उधर पहाड़ी जंगलों में फेंक देते हैं. जिससे पर्यावरण के साथ सीधा खिलवाड़ हो रहा है. वहीं यात्रियों की ये छोटी-छोटी गलतियां पॉलीथिन के रूप में बड़ी परेशानी बन सकती है.
यात्रा रूटों की बात करें तो जनपद मुख्यालय के मुख्य पार्किंग स्थल सहित पंजीकरण वाले स्थानों पर सबसे अधिक पॉलीथिन बिखरा हुआ मिला रहा है. जनपद के रामलीला मैदान सहित हिना आदि स्थानों पर पॉलीथिन की बोतलें, थैलियां आदि सामान बिखरा पड़ा रहता है.
साथ ही सबसे ज्यादा पॉलीथिन का प्रयोग यमुनोत्री धाम के पैदल ट्रैक पर हो रहा है. यात्री बरसात के दौरान जानकीचट्टी या अन्य स्थानों से पॉलीथिन के बने रेनकोट खरीदते हैं और बारिश खत्म होने के बाद पैदल मार्गों के आसपास जंगलों में फेंक देते हैं. जिससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है. प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से पॉलीथिन के रूप में पहाड़ की आबोहवा दूषित हो रही है.
यह भी पढ़ेंः गंगा आरती में शामिल हुए विवेक ओबेरॉय, लोगों के साथ देखी 'नरेंद्र मोदी' फिल्म
शासन प्रशासन की ओर से पॉलीथिन मुक्त यात्रा की बात कही गई थी, लेकिन अभी तक उसका असर यात्रा रूटों पर फीका लग रहा है. आपदा प्रबधंन अधिकारी देवेंद्र पटवाल का कहना है कि जिलाधिकारी के निर्देशानुसार सभी यात्रा नोडल अधिकारी और अन्य जो भी अधिकारी यात्रा रूटों पर तैनात हैं.
जल्द ही पॉलीथिन के विरोध में सयुंक्त चेकिंग अभियान चलाया जाएगा, जिससे कि पॉलीथिन प्रयोग करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. पटवाल ने बताया कि यमुनोत्री पैदल ट्रैक पर पॉलीथिन के रेनकोट रोकने के लिए एक संस्था के साथ कार्य शुरू कर दिया गया है.