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चीड़ महावृक्ष समाधि स्थल हनोल नेचर पार्क के रूप में होगा विकसित, बढ़ेंगी पर्यटन गतिविधियां - महावृक्ष की समाधि

Pine Mahavriksha mausoleum site will become Hanol Nature Park उत्तरकाशी के पुरोला त्यूनी मोटरमार्ग के समीप स्थित चीड़ महावृक्ष समाधि स्थल हनोल नेचर पार्क के रूप में विकसित होगा. टौंस वन प्रभाग ने देवता रेंज में स्थित समाधि स्थल को हनोल नेचर पार्क के रूप में विकसित करने की कवायद शुरू कर दी है. इससे जहां स्थानीय लोगों को स्वरोजगार मिलेगा, वहीं क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियां भी बढ़ेंगी.

Hanol Nature Park
हनोल नेचर पार्क
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 19, 2024, 2:28 PM IST

उत्तरकाशी: भारत सरकार द्वारा वर्ष 1997 में पुरस्कृत चीड़ महावृक्ष टौंस वन प्रभाग के देवता रेंज में स्थित था. यह वृक्ष पुरोला त्यूनी मोटर मार्ग पर पुरोला से लगभग 50 किमी की दूरी पर सड़क और टौंस नदी के मध्य स्थित था. चीड़ महावृक्ष की ऊंचाई 60.65 मीटर एवं गोलाई 2.5 मीटर थी. यह वृक्ष एशिया का सबसे ऊंचा चीड़ वृक्ष माना जाता था.

Hanol Nature Park
उत्तरकाशी में चीड़ महावृक्ष की समाधि है

चीड़ महावृक्ष की ये है कहानी: यह वृक्ष वर्ष 2007 में आये तूफान में गिर गया था. उसके अवशेष वृक्ष के जन्म स्थल पर ही समाधि के रूप में संरक्षित किए गए हैं. उप वन सरंक्षक कुंदन कुमार सिंह ने बताया कि चीड़ महावृक्ष समाधि स्थल को हनोल नेचर पार्क के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है. इस नेचर पार्क में फॉरेस्ट हीलिंग-जापानी पद्धति शिनरिंन-योकू के आधार पर पर्यटकों हेतु फॉरेस्ट वाकिंग, ट्री हैंगिंग इत्यादि गतिविधियां करवाने के साथ वर्तमान में स्थित चीड़ महावृक्ष समाधि को स्थानीय स्थापत्य शैली में विकसित किया जायेगा. इसमें पर्यटक चीड़ महावृक्ष सामाधि स्थल से साक्षात्कार कर पायेंगे.

बर्ड वाचिंग का भी आनंद उठा सकेंगे पर्यटक: पर्यटक यहां बर्ड वाचिंग का भी आनंद उठा सकेंगे. यहां बर्ड वाचिंग के लिए नेचर ट्रेल का निर्माण किया जायेगा. पर्यटकों के लिए यहां चार ईको कॉटेज का निर्माण प्रस्तावित किया गया है. इसके साथ ही यहां अतिरिक्त टैंट कैम्पिंग की सुविधा भी विकसित की जायेगी. समाधिस्थल से साहसिक गतिविधियों जैसे- रिवर राफ्टिंग, ट्रेकिंग की सुविधा विकसित करने के साथ सोविनियर शॉप में स्थानीय लोगों, स्वयं सहायता समूह, ईको विकास समिति के माध्यम से संगठित कर स्थानीय उत्पादों को बिक्री के लिए रखा जाएगा.

Hanol Nature Park
चीड़ महावृक्ष समाधि स्थल को नेचर पार्क बनाया जा रहा है

सामुदायिक किचन भी होगा स्थापित: समाधि स्थल पर पर्यटकों के लिए सामुदायिक किचन भी स्थापित किया जाएगा. जिसका संचालन स्थानीय महिलाओं द्वारा स्वयं सहायता समूह के माध्यम से किया जायेगा. इसमें पर्यटक स्थानीय व्यजनों का लुत्फ उठा सकेंगे. इस नेचर पार्क का संचालन ईको विकास समिति के माध्यम से किया जायेगा, जिन्हें वन विभाग द्वारा प्रशिक्षित किया जायेगा. ईको विकास समिति, स्वयं सहायता समूह, नेचर गाइड इत्यादि के माध्यम से लगभग 50 लोगों को रोजगार मिलेगा.

Hanol Nature Park
हनोल नेचर पार्क से पर्यटन बढ़ेगा

उत्तरकाशी में पहली बार बनी वृक्ष की समाधि: टौंस वन प्रभाग के उप वन संरक्षक कुंदन कुमार सिंह ने बताया कि प्रमुख वन संरक्षक की अध्यक्षता में ईको टूरिज्म की कोर कमेटी की बैठक में इस प्रोजेक्ट को अनुमोदित कर दिया गया है. किसी वृक्ष के अवशेष को समाधि के रूप में संरक्षित किये जाने का सम्भवतः भारत में यह पहला उदाहरण है, जो इस क्षेत्र के स्थानीय समुदाय के प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति जन चेतना एवं समर्पण का भी प्रचार-प्रसार करेगा.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में है एशिया के सबसे बड़े वृक्ष की समाधि, 220 साल पुराना है इतिहास

उत्तरकाशी: भारत सरकार द्वारा वर्ष 1997 में पुरस्कृत चीड़ महावृक्ष टौंस वन प्रभाग के देवता रेंज में स्थित था. यह वृक्ष पुरोला त्यूनी मोटर मार्ग पर पुरोला से लगभग 50 किमी की दूरी पर सड़क और टौंस नदी के मध्य स्थित था. चीड़ महावृक्ष की ऊंचाई 60.65 मीटर एवं गोलाई 2.5 मीटर थी. यह वृक्ष एशिया का सबसे ऊंचा चीड़ वृक्ष माना जाता था.

Hanol Nature Park
उत्तरकाशी में चीड़ महावृक्ष की समाधि है

चीड़ महावृक्ष की ये है कहानी: यह वृक्ष वर्ष 2007 में आये तूफान में गिर गया था. उसके अवशेष वृक्ष के जन्म स्थल पर ही समाधि के रूप में संरक्षित किए गए हैं. उप वन सरंक्षक कुंदन कुमार सिंह ने बताया कि चीड़ महावृक्ष समाधि स्थल को हनोल नेचर पार्क के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है. इस नेचर पार्क में फॉरेस्ट हीलिंग-जापानी पद्धति शिनरिंन-योकू के आधार पर पर्यटकों हेतु फॉरेस्ट वाकिंग, ट्री हैंगिंग इत्यादि गतिविधियां करवाने के साथ वर्तमान में स्थित चीड़ महावृक्ष समाधि को स्थानीय स्थापत्य शैली में विकसित किया जायेगा. इसमें पर्यटक चीड़ महावृक्ष सामाधि स्थल से साक्षात्कार कर पायेंगे.

बर्ड वाचिंग का भी आनंद उठा सकेंगे पर्यटक: पर्यटक यहां बर्ड वाचिंग का भी आनंद उठा सकेंगे. यहां बर्ड वाचिंग के लिए नेचर ट्रेल का निर्माण किया जायेगा. पर्यटकों के लिए यहां चार ईको कॉटेज का निर्माण प्रस्तावित किया गया है. इसके साथ ही यहां अतिरिक्त टैंट कैम्पिंग की सुविधा भी विकसित की जायेगी. समाधिस्थल से साहसिक गतिविधियों जैसे- रिवर राफ्टिंग, ट्रेकिंग की सुविधा विकसित करने के साथ सोविनियर शॉप में स्थानीय लोगों, स्वयं सहायता समूह, ईको विकास समिति के माध्यम से संगठित कर स्थानीय उत्पादों को बिक्री के लिए रखा जाएगा.

Hanol Nature Park
चीड़ महावृक्ष समाधि स्थल को नेचर पार्क बनाया जा रहा है

सामुदायिक किचन भी होगा स्थापित: समाधि स्थल पर पर्यटकों के लिए सामुदायिक किचन भी स्थापित किया जाएगा. जिसका संचालन स्थानीय महिलाओं द्वारा स्वयं सहायता समूह के माध्यम से किया जायेगा. इसमें पर्यटक स्थानीय व्यजनों का लुत्फ उठा सकेंगे. इस नेचर पार्क का संचालन ईको विकास समिति के माध्यम से किया जायेगा, जिन्हें वन विभाग द्वारा प्रशिक्षित किया जायेगा. ईको विकास समिति, स्वयं सहायता समूह, नेचर गाइड इत्यादि के माध्यम से लगभग 50 लोगों को रोजगार मिलेगा.

Hanol Nature Park
हनोल नेचर पार्क से पर्यटन बढ़ेगा

उत्तरकाशी में पहली बार बनी वृक्ष की समाधि: टौंस वन प्रभाग के उप वन संरक्षक कुंदन कुमार सिंह ने बताया कि प्रमुख वन संरक्षक की अध्यक्षता में ईको टूरिज्म की कोर कमेटी की बैठक में इस प्रोजेक्ट को अनुमोदित कर दिया गया है. किसी वृक्ष के अवशेष को समाधि के रूप में संरक्षित किये जाने का सम्भवतः भारत में यह पहला उदाहरण है, जो इस क्षेत्र के स्थानीय समुदाय के प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति जन चेतना एवं समर्पण का भी प्रचार-प्रसार करेगा.
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