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यमुनोत्री धाम में व्यापारियों ने मचा रखी है 'लूट', बिना दर्शन लौट रहे श्रद्धालु

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Published : Oct 12, 2022, 3:52 PM IST

गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में तीर्थयात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यमुनोत्री धाम में तो व्यापारियों और घोड़ा-खच्चर व डंडी-कंडी वालों ने लूट मचा रखी है. स्थिति ये है कि घोड़ा-खच्चर एवं डंडी-कंडी वाले मनमाना किराया ले रहे हैं. जिसके चलते अधिकांश तीर्थयात्री देने में असमर्थ हैं. ऐसे में भक्त बिना दर्शन करे ही यमुनोत्री धाम से लौटे रहे हैं.

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उत्तरकाशी: उत्तराखंड चारधाम यात्रा में किसी कदर अव्यवस्थाएं फैली है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कुछ श्रद्धालु बिना दर्शन किए ही वापस लौट रहे हैं. सबसे ज्यादा यमुनोत्री धाम की हालात खराब है. महाराष्ट्र के कुछ श्रद्धालु ने बताया कि भारी भीड़ होने के कारण डंडी-कंडी और घोड़े-खच्चर वाले मनमाना किराया लूट रहे हैं, जिस कारण वे यमुनोत्री धाम नहीं पहुंचे पाए और बिना दर्शन किए ही लौट आए.

श्रद्धालु का आरोप है कि जिला प्रशासन का डंडी-कंडी और घोड़े-खच्चर वालों पर कोई नियंत्रण नहीं है. उन्होंने बताया कि वे खरसाली पहुंचे, जहां से यमुनोत्री धाम की पैदल चढ़ाई शुरू होती है. पहले वहां पर डंडी-कंडी और घोड़े-खच्चर वालों ने उसे 5000 हजार रुपए किराया लेने की बात कही. लेकिन जैसे ही यात्रियों की भीड़ बढ़ी उन्होंने किराया बढ़ाकर 15 हजार रुपए तक कर दिया. जिस कारण वे लोग यमुनोत्री धाम के दर्शन नहीं कर पाए और बिना दर्शन किए लौट आए.

यमुनोत्री धाम में व्यापारियों ने मचा रखी है 'लूट'.
पढ़ें-
केदारनाथ धाम में शुरू हुआ बर्फबारी का दौर, उमड़ रही भक्तों की भीड़

बता दें कि यमुनोत्री धाम की यात्रा के लिए जानकी चट्टी से यमुनोत्री तक साढ़े पांच किलोमीटर का पैदल मार्ग है. यहां वृद्ध, दिव्यांग एवं पैदल चलने में असमर्थ यात्री घोड़ा, खच्चर, कंडी व पालकी पर यमुनोत्री धाम जाते हैं. यमुनोत्री धाम में घोड़ा-खच्चर, कंडी पालकी की व्यवस्था वर्षों से चली आ रही है. इसके संचालन की जिम्मेदारी जिला पंचायत उत्तरकाशी के पास है.

जिला पंचायत भी संचालन का जिम्मा ठेकेदार को दे देता है. इसके बाद घोड़ा, कंडी और पालकी संचालक यात्रियों से निर्धारित किराये से चार से पांच गुना अधिक किराया वसूल रहे हैं. जिला पंचायत ने इस पर नियंत्रण के लिए कोई व्यवस्था नहीं बनायी है. जिससे यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

गंगोत्री धाम में नेटवर्क की समस्या: गंगोत्री धाम में बीते दो दिनों से एयरटेल की संचार सेवा बाधित हो रखी है. इससे गंगोत्री धाम परिक्षेत्र में पहुंचे देशभर के श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को खासी दिक्कतें उठानी पड़ी. स्थानीय लोगों ने इसे एयरटेल कंपंनी प्रंबंधन की लापरवाही बताया.
पढ़ें- यमुनोत्री धाम में तीर्थ यात्रियों की संख्या बढ़ते ही व्यवस्था हुई धड़ाम, पैदल मार्ग पर लगा जाम

सोमवार व मंगलवार को गंगोत्री धाम में दिन भर संचार सेवा बाधित रही. गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित राजेश सेमवाल ने बताया कि जिस भूमिधर की भूमि पर एयरटेल ने अपना टावर स्थापित किया है, उसे कंपनी से बीते तीन महीने से किराया नहीं दिया है. जिस पर भूमिधर ने सोमवार को एयरटेल की मशीन बंद कर दी और अपना ताला जड़ दिया. जिससे पूरे दिन गंगोत्री धाम में एयरटेल की सेवायें बाधित रही.

उत्तरकाशी में एयरटेल की सर्विस देख रहे अधिकारी ने बताया कि किराया न देने के कारण भूमिधर ने मशीन की एएमसी डाउन कर गेट पर ताला जड़ दिया. इनसे वार्ता की जा रही है, देर सांय तक सेवा चालू कर दी जायेगी. बता दें कि इस सीजन में अभीतक 10,73,535 तीर्थयात्री गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के दर्शन कर चुके हैं.

उत्तरकाशी: उत्तराखंड चारधाम यात्रा में किसी कदर अव्यवस्थाएं फैली है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कुछ श्रद्धालु बिना दर्शन किए ही वापस लौट रहे हैं. सबसे ज्यादा यमुनोत्री धाम की हालात खराब है. महाराष्ट्र के कुछ श्रद्धालु ने बताया कि भारी भीड़ होने के कारण डंडी-कंडी और घोड़े-खच्चर वाले मनमाना किराया लूट रहे हैं, जिस कारण वे यमुनोत्री धाम नहीं पहुंचे पाए और बिना दर्शन किए ही लौट आए.

श्रद्धालु का आरोप है कि जिला प्रशासन का डंडी-कंडी और घोड़े-खच्चर वालों पर कोई नियंत्रण नहीं है. उन्होंने बताया कि वे खरसाली पहुंचे, जहां से यमुनोत्री धाम की पैदल चढ़ाई शुरू होती है. पहले वहां पर डंडी-कंडी और घोड़े-खच्चर वालों ने उसे 5000 हजार रुपए किराया लेने की बात कही. लेकिन जैसे ही यात्रियों की भीड़ बढ़ी उन्होंने किराया बढ़ाकर 15 हजार रुपए तक कर दिया. जिस कारण वे लोग यमुनोत्री धाम के दर्शन नहीं कर पाए और बिना दर्शन किए लौट आए.

यमुनोत्री धाम में व्यापारियों ने मचा रखी है 'लूट'.
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बता दें कि यमुनोत्री धाम की यात्रा के लिए जानकी चट्टी से यमुनोत्री तक साढ़े पांच किलोमीटर का पैदल मार्ग है. यहां वृद्ध, दिव्यांग एवं पैदल चलने में असमर्थ यात्री घोड़ा, खच्चर, कंडी व पालकी पर यमुनोत्री धाम जाते हैं. यमुनोत्री धाम में घोड़ा-खच्चर, कंडी पालकी की व्यवस्था वर्षों से चली आ रही है. इसके संचालन की जिम्मेदारी जिला पंचायत उत्तरकाशी के पास है.

जिला पंचायत भी संचालन का जिम्मा ठेकेदार को दे देता है. इसके बाद घोड़ा, कंडी और पालकी संचालक यात्रियों से निर्धारित किराये से चार से पांच गुना अधिक किराया वसूल रहे हैं. जिला पंचायत ने इस पर नियंत्रण के लिए कोई व्यवस्था नहीं बनायी है. जिससे यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

गंगोत्री धाम में नेटवर्क की समस्या: गंगोत्री धाम में बीते दो दिनों से एयरटेल की संचार सेवा बाधित हो रखी है. इससे गंगोत्री धाम परिक्षेत्र में पहुंचे देशभर के श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को खासी दिक्कतें उठानी पड़ी. स्थानीय लोगों ने इसे एयरटेल कंपंनी प्रंबंधन की लापरवाही बताया.
पढ़ें- यमुनोत्री धाम में तीर्थ यात्रियों की संख्या बढ़ते ही व्यवस्था हुई धड़ाम, पैदल मार्ग पर लगा जाम

सोमवार व मंगलवार को गंगोत्री धाम में दिन भर संचार सेवा बाधित रही. गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित राजेश सेमवाल ने बताया कि जिस भूमिधर की भूमि पर एयरटेल ने अपना टावर स्थापित किया है, उसे कंपनी से बीते तीन महीने से किराया नहीं दिया है. जिस पर भूमिधर ने सोमवार को एयरटेल की मशीन बंद कर दी और अपना ताला जड़ दिया. जिससे पूरे दिन गंगोत्री धाम में एयरटेल की सेवायें बाधित रही.

उत्तरकाशी में एयरटेल की सर्विस देख रहे अधिकारी ने बताया कि किराया न देने के कारण भूमिधर ने मशीन की एएमसी डाउन कर गेट पर ताला जड़ दिया. इनसे वार्ता की जा रही है, देर सांय तक सेवा चालू कर दी जायेगी. बता दें कि इस सीजन में अभीतक 10,73,535 तीर्थयात्री गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के दर्शन कर चुके हैं.

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