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गंगोत्री पार्क के गेट खुलने से पिघल जाएंगे ग्लेशियर, हिमालयी क्षेत्रों में मानवीय हलचल पर रोक लगाने की मांग - उत्तराखंड समाचार

ग्लेशियर लेडी शांति ठाकुर ने गंगोत्री ग्लेशियर और गंगोत्री नेशनल पार्क पर मानवीय गतिविधि और हस्तक्षेप पर रोक लगाने की मांग की है. ग्लेशियर लेडी शांति ठाकुर का कहना है कि गंगोत्री पार्क के गेट खुलने से बर्फबारी से बने ग्लेशियर पिघल जाएंगे. सरकार को हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के बजाय जिले के दूरस्थ गांवों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने चाहिए. दूरस्थ गांवों में पर्यटन और साहसिक खेलों की व्यवस्थाओं को उपलब्ध कराकर पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है.

गंगोत्री ग्लेशियर
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Published : Mar 23, 2019, 10:43 PM IST

उत्तरकाशीः गंगोत्री ग्लेशियर और गंगोत्री नेशनल पार्क पर मानवीय गतिविधि और हस्तक्षेप पर रोक लगाने की मांग उठने लगी है. इसी के तहत ग्लेशियर लेडी शांति ठाकुर ने कहा कि धाम से आगे मानवीय गतिविधियों को बंद कर दिया जाना चाहिए. इस बार हिमालय में काफी बर्फबारी हुई है. ऐसे में गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट खुलने से बर्फबारी से बने ग्लेशियर पिघल जाएंगे. वहीं, उन्होंने राज्यपाल से प्रदेश के हिमालयी ग्लेशियरों में मानवीय हलचलों पर रोक लगाने की मांग की.

जानकारी देते ग्लेशियर लेडी शांति ठाकुर.


शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस करते हुए गंगोत्री ग्लेशियर हिमालय एवं हिमनदियां बचाओ अभियान दल की ग्लेशियर लेडी शांति ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार और वन विभाग को हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के बजाय जिले के दूरस्थ गांवों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना चाहिए. दूरस्थ गांवों में पर्यटन और साहसिक खेलों की व्यवस्थाओं को उपलब्ध कराकर पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है.

ये भी पढे़ंःफिर तीसरी बार राजनीतिक मुद्दा बना डोबरा चांठी पुल, नेता आश्वासनों पर बनवा रहे ब्रीज


शांति ठाकुर ने कहा कि हिमालय जल के मुख्य स्रोत हैं. इस बार रिकार्ड तोड़ बर्फबारी से कई ग्लेशियर बने हैं. ऐसे में वन विभाग समय से पहले गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट पर्वतारोहियों के लिए खोलकर ताजा ग्लेशियरों को नुकसान पहुंचाना चाहती है. जो पूरी तरह से पर्यावरण के साथ खिलवाड़ है. जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मामले को लेकर वो डीएम और गंगोत्री नेशनल पार्क के उप निदेशक से मिलेंगी. साथ ही कहा कि प्रदेश के सभी ग्लेशियरों में मानवीय हलचल बढ़ाई गई तो उसका विरोध किया जाएगा.


वहीं, उन्होंने कहा कि राज्यपाल को लिखे पत्र में उन्होंने गंगोत्री धाम के लिए भैरों घाटी में ही बस अड्डे और पार्किंग का निर्माण कराने की मांग की है. भैरों घाटी से आगे धाम तक जाने के लिए वैष्णों देवी की तर्ज पर बैटरी वाहनों और डंडी कंडी की व्यवस्था की जानी चाहिए. जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके. ठाकुर ने आरोप लगाते हुए कहा कि गंगोत्री नेशनल पार्क के पास एक पक्के आश्रम का निर्माण किया गया है. जो पूरी तरह से अवैध है. इस तरह का कोई निर्माण कार्य करना पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ है.

उत्तरकाशीः गंगोत्री ग्लेशियर और गंगोत्री नेशनल पार्क पर मानवीय गतिविधि और हस्तक्षेप पर रोक लगाने की मांग उठने लगी है. इसी के तहत ग्लेशियर लेडी शांति ठाकुर ने कहा कि धाम से आगे मानवीय गतिविधियों को बंद कर दिया जाना चाहिए. इस बार हिमालय में काफी बर्फबारी हुई है. ऐसे में गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट खुलने से बर्फबारी से बने ग्लेशियर पिघल जाएंगे. वहीं, उन्होंने राज्यपाल से प्रदेश के हिमालयी ग्लेशियरों में मानवीय हलचलों पर रोक लगाने की मांग की.

जानकारी देते ग्लेशियर लेडी शांति ठाकुर.


शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस करते हुए गंगोत्री ग्लेशियर हिमालय एवं हिमनदियां बचाओ अभियान दल की ग्लेशियर लेडी शांति ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार और वन विभाग को हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के बजाय जिले के दूरस्थ गांवों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना चाहिए. दूरस्थ गांवों में पर्यटन और साहसिक खेलों की व्यवस्थाओं को उपलब्ध कराकर पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है.

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शांति ठाकुर ने कहा कि हिमालय जल के मुख्य स्रोत हैं. इस बार रिकार्ड तोड़ बर्फबारी से कई ग्लेशियर बने हैं. ऐसे में वन विभाग समय से पहले गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट पर्वतारोहियों के लिए खोलकर ताजा ग्लेशियरों को नुकसान पहुंचाना चाहती है. जो पूरी तरह से पर्यावरण के साथ खिलवाड़ है. जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मामले को लेकर वो डीएम और गंगोत्री नेशनल पार्क के उप निदेशक से मिलेंगी. साथ ही कहा कि प्रदेश के सभी ग्लेशियरों में मानवीय हलचल बढ़ाई गई तो उसका विरोध किया जाएगा.


वहीं, उन्होंने कहा कि राज्यपाल को लिखे पत्र में उन्होंने गंगोत्री धाम के लिए भैरों घाटी में ही बस अड्डे और पार्किंग का निर्माण कराने की मांग की है. भैरों घाटी से आगे धाम तक जाने के लिए वैष्णों देवी की तर्ज पर बैटरी वाहनों और डंडी कंडी की व्यवस्था की जानी चाहिए. जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके. ठाकुर ने आरोप लगाते हुए कहा कि गंगोत्री नेशनल पार्क के पास एक पक्के आश्रम का निर्माण किया गया है. जो पूरी तरह से अवैध है. इस तरह का कोई निर्माण कार्य करना पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ है.

Intro:uttarkashi_vipin negi_ save to himalaya_23 march 2019. उत्तरकाशी। गंगोत्री ग्लेशियर हिमालय एवं हिमनदियां बचाओ अभियान दल की ग्लेशियर लेडी शांति ठाकुर ने कहा कि गंगोत्री धाम से आगे मानवीय गतिविधियों को बंद कर दिया जाए। कहा कि हिमालय ही हमारे जल का स्रोत है। इस वर्ष हिमालय में अच्छी बर्फबारी हुई है। ठाकुर ने कहा कि अगर ऐसी स्थिति में गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट खुलते हैं। तो जो ग्लेशियर इस बार की बर्फबारी से बने हैं। उनको नुकसान होगा। कहा कि इस सम्बंध में वह डीएम सहित उप निदेशक गंगोत्री नेशनल पार्क से भी मिलेंगी। साथ ही अपनी मांगों को लेकर उन्होने राज्यपाल से मांग की है कि प्रदेश के हिमालयी ग्लेशियरों में मानवीय हलचलों पर रोक लगाई जाए।


Body:वीओ-1, ग्लेशियर लेडी शांति ठाकुर ने शनिवार को प्रेस वार्ता में कहा कि अगर प्रदेश सरकार और वन विभाग को राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देना है। तो जनपद में कई ऐसे दूरस्थ गांव हैं। जो कि प्रकृति की हर देंन से परिपूर्ण हैं। शासन प्रशासन उन दूरस्थ गांव में पर्यटन और साहसिक पर्यटन के दृष्टिकोण से व्यवस्थाओं को सही कर गांव में पर्यटन को बढ़ावा दे। कहा कि इस बार ग्लेशियर बने भी हैं। तो वन विभाग समय से पूर्व गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट पर्वतारोहियों के लिए खोलकर ताजा ग्लेशियर को नुकसान पहुंचाना है। जो कि पर्यावरण से खिलवाड़ है। जो कि बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रदेश के सभी ग्लेशियर,जहां भी मानवीय हलचल बढ़ाई जाएगी। उसका घोर विरोध किया जाएगा।


Conclusion:वीओ-2, ग्लेशियर लेडी शांति ठाकुर ने राज्यपाल को लिखे पत्र में मांग की है कि गंगोत्री धाम के लिए भैरो घाटी में ही बस अड्डे और पार्किंग का निर्माण किया जाए। उससे आगे धाम में जाने के लिए वैष्णो देवी की तर्ज पर बैटरी वाहनों या डंडी कंडी की व्यवस्था की जाए। जिससे कि स्थानिय लोगों को रोजगार भी मिल सके। साथ ही ठाकुर ने आरोप लगाया कि गंगोत्री नेशनल पार्क के समीप एक पक्के आश्रम का निर्माण किया गया है। जो कि पूर्ण रूप से अवैध है। कहा कि अगर इसी प्रकार से गंगोत्री घाटी में निर्माण किया गया। तो पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ है। उन्होंने राजपाल से मांग कि है कि उनके बिंदुओं पर विचार किया जाए और प्रदेश के ग्लेशियरों को बचाया जा सके। बाईट- शांति ठाकुर,ग्लेशियर लेडी।
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