पुरोला: मोरी व पुरोला तहसील में 2 साल से नोटरी अधिवक्ता न होने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बैंक ऋण, जन्म प्रमाण पत्र, जमीन खरीद और शपथ पत्र आदि के लिए लोगों को 30 से 80 किलोमीटर की दूरी नापनी पड़ रही है. इसके साथ ही न्यायालय संबंधित सभी दस्तावेजों में नोटरी की मुहर व साइन की जरूरत होती है. लेकिन सरकार ने नोटरी अधिवक्ता की नियुक्ति नहीं की.
एडवोकेट राजेश राणा का कहना है कि दो साल से पुरोला में नोटरी नहीं होने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों को नोटरी से संबंधित कामकाज के लिए बड़कोट या उत्तरकाशी जाना पड़ रही है.
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वहीं, स्थानीय निवासी बलबीर नेगी का कहना है कि पंचायत चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में नोटरी अभिवक्ता नहीं होने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. लोगों का कहना है कि अगर सरकार ने जल्द ही नोटरी अधिवक्ता की नियुक्ति नहीं की तो पुरोला व मोरी विकासखंड की रफ्तार धीमी पड़ जाएगी.