ETV Bharat / state

उत्तरकाशी: राजकीय आयुर्वेद अस्पताल कोरोना से जंग को नहीं है तैयार, आखिर कौन जिम्मेदार? - उत्तरकाशी न्यूज

उत्तरकाशी के ग्रामीण इलाकों में एक मात्र राजकीय आयुर्वेद अस्पताल में कोरोना वायरस ने निपटने के लिए सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है. साथ ही ये अस्पताल एक फार्मासिस्ट के भरोसे है, जो कि पूरे आराकोट क्षेत्र की स्वास्थ व्यवस्थाओं को देख रहा है.

uttarkashi corona virus
राजकीय आयुर्वेद अस्पताल में नहीं है सुरक्षा व्यवस्था
author img

By

Published : Apr 3, 2020, 12:59 PM IST

Updated : Apr 3, 2020, 2:07 PM IST

उत्तरकाशी: देशभर में कोरोना का प्रकोप तेजी से फैल रहा है. ऐसे में पूरे देश में लॉकडाउन किया गया है. सभी प्रदेश के सीएम कोरोना से लड़ने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करवा रहे हैं. अगर बात उत्तरकाशी की करें तो यहां पर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग कोरोना महामारी से बचाव के दम भर रहा है. लेकिन जनपद के सीमांत क्षेत्रों की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. सरकारी अस्पताल मात्र एक फार्मसिस्ट के भरोसे चल रहा है. साथ ही यहां कोरोना के जांच की कोई व्यवस्था नहीं है.

राजकीय आयुर्वेद अस्पताल में नहीं है सुरक्षा व्यवस्था

उत्तरकाशी जनपद के सीमांत क्षेत्र मोरी तहसील के भूटानु के राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल में कोरोना वायरस से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई इंतजाम नहीं किया है. न तो अस्पताल में सेनिटाइजर की व्यवस्था है और न ही मास्क की. ऐसे में अगर ग्रामीण इलाकों में अगर कोई बाहरी व्यक्ति आ जाए, तो उसका शारीरिक परीक्षण जांच के पुख्ता इंतजाम न होने के कारण नहीं हो सकती. मात्र एक फार्मासिस्ट के भरोसे पूरा अस्पताल है. फार्मासिस्ट मनोज अवस्थी कोरोना वॉरियर्स बनकर पूरे आराकोट क्षेत्र की स्वास्थ व्यवस्थाओं को देख रहे हैं. वहीं, दिल्ली में हुई जमात में मोरी के तीन लोग शामिल थे. ऐसे में अगर वह लोग गांव आ जाते, तो स्वास्थ विभाग की लापरवाही का खामियाजा पूरे क्षेत्र के लोगों को भुगतना पड़ता.

ये भी पढ़ें: कोविड-19 वैक्सीन : क्या संभव है वैश्विक टीकाकरण

वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि जब मोरी तहसील मुख्यालय से संबद्ध स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर शिकायत की गई, तो अधिकारियों कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में इसी तरह की व्यवस्थाएं चल रही है. ऐसे में अब सवाल ये उठता है कि वर्तमान में अगर स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना जैसी घातक महामारी के फैलने लगे, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?

उत्तरकाशी: देशभर में कोरोना का प्रकोप तेजी से फैल रहा है. ऐसे में पूरे देश में लॉकडाउन किया गया है. सभी प्रदेश के सीएम कोरोना से लड़ने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करवा रहे हैं. अगर बात उत्तरकाशी की करें तो यहां पर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग कोरोना महामारी से बचाव के दम भर रहा है. लेकिन जनपद के सीमांत क्षेत्रों की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. सरकारी अस्पताल मात्र एक फार्मसिस्ट के भरोसे चल रहा है. साथ ही यहां कोरोना के जांच की कोई व्यवस्था नहीं है.

राजकीय आयुर्वेद अस्पताल में नहीं है सुरक्षा व्यवस्था

उत्तरकाशी जनपद के सीमांत क्षेत्र मोरी तहसील के भूटानु के राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल में कोरोना वायरस से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई इंतजाम नहीं किया है. न तो अस्पताल में सेनिटाइजर की व्यवस्था है और न ही मास्क की. ऐसे में अगर ग्रामीण इलाकों में अगर कोई बाहरी व्यक्ति आ जाए, तो उसका शारीरिक परीक्षण जांच के पुख्ता इंतजाम न होने के कारण नहीं हो सकती. मात्र एक फार्मासिस्ट के भरोसे पूरा अस्पताल है. फार्मासिस्ट मनोज अवस्थी कोरोना वॉरियर्स बनकर पूरे आराकोट क्षेत्र की स्वास्थ व्यवस्थाओं को देख रहे हैं. वहीं, दिल्ली में हुई जमात में मोरी के तीन लोग शामिल थे. ऐसे में अगर वह लोग गांव आ जाते, तो स्वास्थ विभाग की लापरवाही का खामियाजा पूरे क्षेत्र के लोगों को भुगतना पड़ता.

ये भी पढ़ें: कोविड-19 वैक्सीन : क्या संभव है वैश्विक टीकाकरण

वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि जब मोरी तहसील मुख्यालय से संबद्ध स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर शिकायत की गई, तो अधिकारियों कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में इसी तरह की व्यवस्थाएं चल रही है. ऐसे में अब सवाल ये उठता है कि वर्तमान में अगर स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना जैसी घातक महामारी के फैलने लगे, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?

Last Updated : Apr 3, 2020, 2:07 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.