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GROUND REPORT: सांसद की 'गोद' में भी ये गांव नहीं बना 'आदर्श'

डुंडा ब्लॉक का बौन गांव को टिहरी सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह ने गोद लिया था. जिससे लोगों में उम्मीद जगी कि अब गांव की सूरत बदल जाएगी.

सांसद के गोद लिए गांव में भी नहीं हुआ विकास.
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Published : Mar 23, 2019, 9:12 AM IST

Updated : Mar 23, 2019, 3:27 PM IST

उत्तरकाशी: डुंडा ब्लॉक का बौन गांव को टिहरी सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह ने गोद लिया था. जिससे लोगों में उम्मीद जगी कि अब गांव की सूरत बदल जाएगी. लेकिन इस गांव में आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. गांव में 40 परिवार ऐसे हैं जिनके पास शौचालय तक नहीं है. वहीं, गांव कोआज तक एक अदद सड़क मार्ग भी उपलब्ध नहीं हो पाया है.

सांसद के गोद लिए गांव में भी नहीं हुआ विकास.

बता दें कि केंद्र सरकार की योजना के तहत सांसद आदर्श ग्राम इसलिए बनाये गए थे कि गांव में विकास कीएक नई रुपरेखा तैयार की जा सके. बावजूद इसके आज भी डुंडा ब्लॉक के बौन गांव की स्थिति जस की तस है. आलम ये है कि सांसद आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत गांव में कोई विकास कार्य नहीं हुआ है. वहीं, गांव की बदहाली को लेकर ग्रामीण कई बार शासन-प्रशासन से गुहार लगा चुके है, लेकिन कोई भी गांव की सुध लेने को तैयार नहीं है.

ग्रामीण देवेंद्र पडियार ने बताया कि सांसद आदर्श ग्राम के तहत बौन गांव में बारात घर, गांव का मुख्य द्वार और हर घर में चाल बनने थे. लेकिन अभी तक उनका निर्माण नहीं हो पाया है. साथ ही गांव के पैदल मार्ग का कार्य भी नहीं हुआ है. जिसके चलते ग्राणीणों को भारी संकट का सामना करना पड़ रहा है.

ग्रामीणों का आरोप है कि आदर्श ग्राम बनने के बाद भी बौन गांव की स्थितियां नहीं बदली है. यहां आज भी मूलभूत सुविधाओं का टोटा बना हुआ है. वहीं, सांसद आदर्श ग्राम के नाम पर बौन गांव का मुख्य द्वार भी जर्जर हो चुका है.

उत्तरकाशी: डुंडा ब्लॉक का बौन गांव को टिहरी सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह ने गोद लिया था. जिससे लोगों में उम्मीद जगी कि अब गांव की सूरत बदल जाएगी. लेकिन इस गांव में आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. गांव में 40 परिवार ऐसे हैं जिनके पास शौचालय तक नहीं है. वहीं, गांव कोआज तक एक अदद सड़क मार्ग भी उपलब्ध नहीं हो पाया है.

सांसद के गोद लिए गांव में भी नहीं हुआ विकास.

बता दें कि केंद्र सरकार की योजना के तहत सांसद आदर्श ग्राम इसलिए बनाये गए थे कि गांव में विकास कीएक नई रुपरेखा तैयार की जा सके. बावजूद इसके आज भी डुंडा ब्लॉक के बौन गांव की स्थिति जस की तस है. आलम ये है कि सांसद आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत गांव में कोई विकास कार्य नहीं हुआ है. वहीं, गांव की बदहाली को लेकर ग्रामीण कई बार शासन-प्रशासन से गुहार लगा चुके है, लेकिन कोई भी गांव की सुध लेने को तैयार नहीं है.

ग्रामीण देवेंद्र पडियार ने बताया कि सांसद आदर्श ग्राम के तहत बौन गांव में बारात घर, गांव का मुख्य द्वार और हर घर में चाल बनने थे. लेकिन अभी तक उनका निर्माण नहीं हो पाया है. साथ ही गांव के पैदल मार्ग का कार्य भी नहीं हुआ है. जिसके चलते ग्राणीणों को भारी संकट का सामना करना पड़ रहा है.

ग्रामीणों का आरोप है कि आदर्श ग्राम बनने के बाद भी बौन गांव की स्थितियां नहीं बदली है. यहां आज भी मूलभूत सुविधाओं का टोटा बना हुआ है. वहीं, सांसद आदर्श ग्राम के नाम पर बौन गांव का मुख्य द्वार भी जर्जर हो चुका है.

Intro:uttarkashi_vipin negi_ground report baun_22 march 2019 (exclusive). उत्तरकाशी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक नई परम्परा शरू की थी। जिसके तहत देश के प्रत्येक सांसद ने अपनी लोकसभा क्षेत्र का एक गांव गोद लिया था। जिसके तहत निवर्तमान टिहरी सांसद ने डुंडा ब्लॉक के बौन गांव को गोद लिया था। तो ग्रामीणों की उम्मीद जागी, कि गांव की सीरत और सूरत दोनों बदलेंगी। लेकिन दुर्भाग्य कि आज भी गांव में करीब 40 परिवार ऐसे हैं। जिनके घरों में ही शौचालय नहीं है। यह लोग स्वच्छ भारत में खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। सांसद आदर्श ग्राम के नाम से घोषित बौन गांव आज भी छोटी-छोटी मूलभूत सुविधाओं को तलाश रहा है। सांसद आदर्श ग्राम के तहत बौन गांव के विकास के लिए एक माइक्रो प्लान बना था। लेकिन वह प्लान धरातल पर ही नहीं उतर पाया। शायद प्लान फाइलों में ही अटक कर रह गयी।


Body:वीओ-1, केंद्र सरकार की योजना के तहत सांसद आदर्श ग्राम इसलिए बनाये गए,कि विकास की एक नई रुपरेखा लिखी जाई। लेकिन यह रुपरेखा कितनी धरातल पर उतरी। इसको लेकर etv bharat ने ग्राउंड पर जाकर सांसद आदर्श ग्राम बौन का हाल जाना। जहां बालम दास ने बताया उन्हें किसी प्रकार की सरकारी सहायता नहीं मिली। उन्होंने प्रशासन को भी सूचित किया। लेकिन कोई सुविधा नहीं मिली और उनका परिवार आज भी खुले में शौच करने को मजबूर है। ग्रामीणों की माने तो करीब 50 परिवारों के पास शौचालय नहीं है। वहीं ग्राम प्रधान बलदेव पडियार का कहना है कि करीब 32 परिवार ऐसे हैं,जिनके पास शौचालय नहीं है। स्वच्छ भारत की असल तस्वीर सांसद आदर्श ग्राम बयां कर रही है।


Conclusion:वीओ-2, बौन के ग्रामीण देवेन्द्र पडियार ने etv bharat को बताया कि सांसद आदर्श ग्राम के तहत बौन में बारात घर सहित गांव का मुख्य द्वार और हर घर में स्वच्छ भारत मिशन के तहत चाल बनने थे। लेकिन उनका भी अभी तक निर्माण नहीं हो पाया है। साथ ही गांव के पैदल मार्ग में टाइल्स लगने थे। लेकिन मार्ग कूड़ा घर बने हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सांसद आदर्श ग्राम बनने के बाद कोई बदलाव गांव में नहीं हुए हैं। बल्कि गांव जैसे पहले था, वैसी ही स्थिति आज भी वही बनी हुई है। आज भी कोई बदलाव भी नहीं देखने को मिला है। सांसद आदर्श ग्राम के नाम पर बौन गांव का मुख्य द्वार भी जर्जर स्थिति में पड़ा हुआ है। बाईट- बालम दास,ग्रामीण बौन। बाईट- देवेंद्र पडियार,ग्रामीण बौन। बाईट- ग्रामीण बौन।
Last Updated : Mar 23, 2019, 3:27 PM IST
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