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NHM कर्मियों ने काली पट्टी बांध जताया विरोध, वेतन विसंगति दूर करने समेत हैं कई मांगें

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संगठन के आह्वान पर संविदा कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हाथ में काला फीता बांधकर विरोध जता रहे हैं. सोमेश्वर, उत्तरकाशी और थराली में संविदा कर्मचारियों ने वेतन विसंगति दूर करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान शासन-प्रशासन पर उनकी मांगों की अनदेखी करने का आरोप भी लगाया.

NHM personnel
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Published : May 29, 2021, 6:07 PM IST

Updated : Jun 16, 2021, 8:05 PM IST

उत्तरकाशी/सोमेश्वर: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत संविदा कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर राजकीय अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सोमेश्वर में ड्यूटी के दौरान काला फीता बांधकर विरोध प्रदर्शन किया. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संगठन की जिला इकाई के आह्वान पर शनिवार को एनएचएम संविदा कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया. संगठन के सदस्यों का कहना है कि वह अपनी 4 सूत्रीय मांगों को लेकर लंबे समय से शासन-प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं.

संगठन सदस्य मीना कुमारी ने बताया कि संविदा कर्मियों की मांग है कि उनके लिए स्पष्ट सेवा नियमावली लागू की जाए. साथ ही चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण समवर्गीय ढांचे में रिक्त पदों के सापेक्ष 50% पदों में एनएचएम के अंतर्गत कार्यरत संविदा कर्मचारियों को समायोजित किया जाए. एनएचएम कर्मचारियों के लिए नियमित कार्मिकों की तरह वेतनमान और 60 साल की उम्र तक विभाग में सेवा करने की नियमावली बनाई जाए. इसके अलावा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत आउटसोर्सिंग के माध्यम से नियुक्ति करने के सरकार के आदेश को तत्काल रद्द किए जाने की मांग सम्मिलित है.

Demand for contract employees
थराली में भी NHM कर्मियों का विरोध.

उत्तरकाशी में 9 सूत्रीय मांगों को लेकर विरोध

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत अस्पतालों और विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं में अपनी सेवाएं दे रहे संविदा कर्मचारी संगठन के कर्मचारियों ने अपनी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर आगामी 1 और 2 जून को होम आइसोलेशन में जाने की चेतावनी दी है. साथ ही कहा कि अगर इसके बाद भी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है, तो आगे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा.

उत्तरकाशी में भी संविदा कर्मियों ने जताया विरोध.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारी संगठन के मीडिया प्रभारी अनिल बिष्ट ने कहा कि उनकी सरकार से मांग है कि वर्ष 2018 से लंबित लॉयल्टी बोनस दिया जाए, जो कि अन्य प्रदेशों में एनएचएम कर्मियों को दिया जा रहा है, लेकिन उत्तराखंड में अभी तक नहीं दिया गया है. इसके साथ ही सरकार से गोल्डन कार्ड की सुविधा सहित सेवा के दौरान मृत्यु पर परिवार को आर्थिक मदद और आउटसोर्स से नियुक्त कर्मियों को एनएचएम के तहत समायोजित करने को लेकर 9 सूत्रीय मांगें सरकार से की गई हैं.

पढ़ें- सुरक्षा घेरा तोड़ CM के पास पहुंचीं आशा-आंगनबाड़ी वर्कर, रखी अपनी मांग

जिला सचिव अरविंद बुटोला ने कहा कि वर्तमान समय में संगठन के लोग कोरोनाकाल में सैंपलिंग, स्क्रीनिंग सहित वैक्सीनेशन सहित कोविड वार्डों में नर्स की अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इसलिए मुख्यमंत्री से मांग है कि उनकी मांगों पर उचित कार्रवाई की जाए, जिससे कि स्वास्थ्य कर्मी अपनी सेवाएं दे सकें.

Demand for contract employees
हाथ पर काली पट्टी बांधकर विरोध.

थराली में भी विरोध जारी

थराली में भी एनएचएम कर्मियों ने भी अपनी वेतन विसंगति समेत 9 सूत्रीय मांगों को लेकर हाथ में काली पट्टी बांधकर विरोध जताया है. इस विरोध का आज दूसरा दिन था. एक ओर ये स्वास्थ्य कर्मी मांगों को लेकर विरोध जता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अभी भी स्वास्थ्य सेवाओं में जुटकर आमजन को राहत भी दे रहे हैं. ऐसा ही विरोध चलता रहा तो स्वास्थ्य सेवाओं के पटरी से उतरने की पूरी संभावना बनी हुई है.

संविदा कर्मियों के हड़ताल पर जाने का असर

अगर एनएचएम संविदा कर्मी हड़ताल पर जाते हैं, तो इससे कोविड काल में चल रही टेस्टिंग सहित सैम्पलिंग और वार्डों में दी जा रही नर्सों की सेवाओं पर असर पड़ेगा क्योंकि एनएचएम कर्मी इस समय स्वास्थ्य विभाग की इन सेवाओं में कार्यरत हैं.

उत्तरकाशी/सोमेश्वर: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत संविदा कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर राजकीय अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सोमेश्वर में ड्यूटी के दौरान काला फीता बांधकर विरोध प्रदर्शन किया. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संगठन की जिला इकाई के आह्वान पर शनिवार को एनएचएम संविदा कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया. संगठन के सदस्यों का कहना है कि वह अपनी 4 सूत्रीय मांगों को लेकर लंबे समय से शासन-प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं.

संगठन सदस्य मीना कुमारी ने बताया कि संविदा कर्मियों की मांग है कि उनके लिए स्पष्ट सेवा नियमावली लागू की जाए. साथ ही चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण समवर्गीय ढांचे में रिक्त पदों के सापेक्ष 50% पदों में एनएचएम के अंतर्गत कार्यरत संविदा कर्मचारियों को समायोजित किया जाए. एनएचएम कर्मचारियों के लिए नियमित कार्मिकों की तरह वेतनमान और 60 साल की उम्र तक विभाग में सेवा करने की नियमावली बनाई जाए. इसके अलावा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत आउटसोर्सिंग के माध्यम से नियुक्ति करने के सरकार के आदेश को तत्काल रद्द किए जाने की मांग सम्मिलित है.

Demand for contract employees
थराली में भी NHM कर्मियों का विरोध.

उत्तरकाशी में 9 सूत्रीय मांगों को लेकर विरोध

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत अस्पतालों और विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं में अपनी सेवाएं दे रहे संविदा कर्मचारी संगठन के कर्मचारियों ने अपनी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर आगामी 1 और 2 जून को होम आइसोलेशन में जाने की चेतावनी दी है. साथ ही कहा कि अगर इसके बाद भी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है, तो आगे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा.

उत्तरकाशी में भी संविदा कर्मियों ने जताया विरोध.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारी संगठन के मीडिया प्रभारी अनिल बिष्ट ने कहा कि उनकी सरकार से मांग है कि वर्ष 2018 से लंबित लॉयल्टी बोनस दिया जाए, जो कि अन्य प्रदेशों में एनएचएम कर्मियों को दिया जा रहा है, लेकिन उत्तराखंड में अभी तक नहीं दिया गया है. इसके साथ ही सरकार से गोल्डन कार्ड की सुविधा सहित सेवा के दौरान मृत्यु पर परिवार को आर्थिक मदद और आउटसोर्स से नियुक्त कर्मियों को एनएचएम के तहत समायोजित करने को लेकर 9 सूत्रीय मांगें सरकार से की गई हैं.

पढ़ें- सुरक्षा घेरा तोड़ CM के पास पहुंचीं आशा-आंगनबाड़ी वर्कर, रखी अपनी मांग

जिला सचिव अरविंद बुटोला ने कहा कि वर्तमान समय में संगठन के लोग कोरोनाकाल में सैंपलिंग, स्क्रीनिंग सहित वैक्सीनेशन सहित कोविड वार्डों में नर्स की अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इसलिए मुख्यमंत्री से मांग है कि उनकी मांगों पर उचित कार्रवाई की जाए, जिससे कि स्वास्थ्य कर्मी अपनी सेवाएं दे सकें.

Demand for contract employees
हाथ पर काली पट्टी बांधकर विरोध.

थराली में भी विरोध जारी

थराली में भी एनएचएम कर्मियों ने भी अपनी वेतन विसंगति समेत 9 सूत्रीय मांगों को लेकर हाथ में काली पट्टी बांधकर विरोध जताया है. इस विरोध का आज दूसरा दिन था. एक ओर ये स्वास्थ्य कर्मी मांगों को लेकर विरोध जता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अभी भी स्वास्थ्य सेवाओं में जुटकर आमजन को राहत भी दे रहे हैं. ऐसा ही विरोध चलता रहा तो स्वास्थ्य सेवाओं के पटरी से उतरने की पूरी संभावना बनी हुई है.

संविदा कर्मियों के हड़ताल पर जाने का असर

अगर एनएचएम संविदा कर्मी हड़ताल पर जाते हैं, तो इससे कोविड काल में चल रही टेस्टिंग सहित सैम्पलिंग और वार्डों में दी जा रही नर्सों की सेवाओं पर असर पड़ेगा क्योंकि एनएचएम कर्मी इस समय स्वास्थ्य विभाग की इन सेवाओं में कार्यरत हैं.

Last Updated : Jun 16, 2021, 8:05 PM IST
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