ETV Bharat / state

चिट्ठी-पत्री का नहीं आया जवाब, सीमांत गांवों को बस हिमाचल का 'सहारा' - purola news

उत्तरकाशी जनपद के आपदाग्रस्त क्षेत्र आराकोट कोठी के कई गांव के लोगों को आज भी राज्य सरकार संचार सुविधा से नहीं जोड़ पाई है. इन गांवों के लोगों को आज भी हिमाचल के नेटवर्क पर निर्भर रहना पड़ रहा है. जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

purola
पुरोला
author img

By

Published : Oct 8, 2020, 8:31 PM IST

Updated : Oct 9, 2020, 8:45 AM IST

पुरोला: उत्तरकाशी जनपद के आपदाग्रस्त क्षेत्र आराकोट कोठी के कई गांव के लोगों को आज भी राज्य सरकार संचार सुविधा से नहीं जोड़ पाई है. इन गांवों के लोगों को आज भी हिमाचल प्रदेश के नेटवर्क पर निर्भर रहना पड़ रहा है. कोविड-19 के दौरान इन गांवों के लोगों को ऑनलाइन पढ़ाई और पेपर के लिए हिमाचल के नेटवर्क एरिया में आना पड़ता है, जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

आराकोट आपदा को एक वर्ष से अधिक समय हो चुका है, लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से प्रभावित परिवारों को कोई मुआवजा नहीं दिया गया. आज भी प्रभावितों को दूसरे राज्य के नेटवर्क पर निर्भर रहना पड़ रहा है. सरकार कोई भी सुध नहीं ले रहा है. इस क्षेत्र के लोगों को ऑनलाइन आवेदन, परीक्षा और पढ़ाई सभी कार्यों के लिए हिमाचल प्रदेश के नेटवर्क पर निर्भर रहना पड़ रहा है. पिछले वर्ष हुई जल प्रलय में कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, बावजूद इसके सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

गांवों में नेटवर्क का टोटा.

यहां के लोगों को मूलभूत सुविधाओं के लिए भी दूसरे राज्य पर निर्भर रहना पड़ रहा है. आपको बता दें कि, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का यह गृह क्षेत्र है. बता दें कि यह स्थिति मात्र एक गांव की नहीं है बल्कि जनपद के भटवाड़ी सहित नौगांव और मोरी पुरोला विकासखंड के कई गांव हैं जो अभीतक संचार सेवाओं से नहीं जुड़ पाए हैं.

पढ़ें: उत्तरकाशी: ऑनलाइन पढ़ाई के लिए चढ़ना पढ़ रहा पहाड़, हिमाचल प्रदेश के भरोसे छात्र

इस संबंध में स्थानीय लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कई बार अपनी समस्याओं को बताया है. लोगों की मांग है कि आज जब पूरा देश डिजिटल बन रहा है, लेकिन उनका क्षेत्र आज भी संचार सेवा के मामले में आदिकाल में ही चल रहा है. इसी को लेकर क्षेत्रवासियों ने क्षेत्र को मोबाइल नेटवर्क से जोड़ने की कई बार मांग उठाई है लेकिन हालात जस के तस हैं.

पुरोला: उत्तरकाशी जनपद के आपदाग्रस्त क्षेत्र आराकोट कोठी के कई गांव के लोगों को आज भी राज्य सरकार संचार सुविधा से नहीं जोड़ पाई है. इन गांवों के लोगों को आज भी हिमाचल प्रदेश के नेटवर्क पर निर्भर रहना पड़ रहा है. कोविड-19 के दौरान इन गांवों के लोगों को ऑनलाइन पढ़ाई और पेपर के लिए हिमाचल के नेटवर्क एरिया में आना पड़ता है, जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

आराकोट आपदा को एक वर्ष से अधिक समय हो चुका है, लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से प्रभावित परिवारों को कोई मुआवजा नहीं दिया गया. आज भी प्रभावितों को दूसरे राज्य के नेटवर्क पर निर्भर रहना पड़ रहा है. सरकार कोई भी सुध नहीं ले रहा है. इस क्षेत्र के लोगों को ऑनलाइन आवेदन, परीक्षा और पढ़ाई सभी कार्यों के लिए हिमाचल प्रदेश के नेटवर्क पर निर्भर रहना पड़ रहा है. पिछले वर्ष हुई जल प्रलय में कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, बावजूद इसके सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

गांवों में नेटवर्क का टोटा.

यहां के लोगों को मूलभूत सुविधाओं के लिए भी दूसरे राज्य पर निर्भर रहना पड़ रहा है. आपको बता दें कि, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का यह गृह क्षेत्र है. बता दें कि यह स्थिति मात्र एक गांव की नहीं है बल्कि जनपद के भटवाड़ी सहित नौगांव और मोरी पुरोला विकासखंड के कई गांव हैं जो अभीतक संचार सेवाओं से नहीं जुड़ पाए हैं.

पढ़ें: उत्तरकाशी: ऑनलाइन पढ़ाई के लिए चढ़ना पढ़ रहा पहाड़, हिमाचल प्रदेश के भरोसे छात्र

इस संबंध में स्थानीय लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कई बार अपनी समस्याओं को बताया है. लोगों की मांग है कि आज जब पूरा देश डिजिटल बन रहा है, लेकिन उनका क्षेत्र आज भी संचार सेवा के मामले में आदिकाल में ही चल रहा है. इसी को लेकर क्षेत्रवासियों ने क्षेत्र को मोबाइल नेटवर्क से जोड़ने की कई बार मांग उठाई है लेकिन हालात जस के तस हैं.

Last Updated : Oct 9, 2020, 8:45 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.