ETV Bharat / state

यमुनोत्री पैदल मार्ग पर लापरवाही दोहरा सकती है गौरीकुंड जैसा हादसा, कई अस्थायी ढाबे पहाड़ी के नीचे

Jankichatti Yamunotri Dham बीते दिन केदारघाटी के गौरीकुंड में हुई भूस्खलन की घटना ने शासन-प्रशासन में खलबली मचा दी है. वहीं कुछ ऐसी ही स्थिति जानकीचट्टी से यमुनोत्री धाम के करीब पांच किमी पैदल मार्ग पर है. जहां अस्थायी ढाबे कभी भी खतरे के मुहाने में आ सकते हैं.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Aug 5, 2023, 8:22 AM IST

उत्तरकाशी: जानकीचट्टी से यमुनोत्री धाम के करीब पांच किमी पैदल मार्ग पर भी भूस्खलन के कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. क्योंकि इस पैदल मार्ग में भी 100 से अधिक अस्थायी ढाबे पहाड़ी के नीचे बने हुए हैं. जहां पर लगातार भूस्खलन का खतरा बना रहता है. वहीं यमुनोत्री धाम के घोड़ा पड़ाव के ऊपर बोल्डर गिरते रहते हैं. लेकिन प्रशासन की ओर से सुरक्षा के दृष्टिगत कोई कदम नहीं उठाए गए हैं.

Uki_
यमुनोत्री पैदल मार्ग पर खतरे में अस्थायी ढाबे

केदारनाथ पैदल ट्रैक पर गौरीकुंड में हुई भूस्खलन जैसी घटना कभी भी यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग पर भी घट सकती हैं. क्योंकि यहां पर भी जानकीचट्टी से लेकर यमुनोत्री धाम तक करीब पांच किमी की दूरी के अंतराल में 100 से अधिक अस्थायी ढाबे पहाड़ी के नीचे बने हैं.यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग की बात करें तो यहां पर भी तीन से चार स्थानों पर सक्रिय भूस्खलन जोन हैं. जो हमेशा ही यात्रा में परेशानी का सबब बनते हैं. वहीं कब पहाड़ी से बारिश के दौरान बड़ा बोल्डर आ जाए, यह कोई नहीं जानता. इसका बानगी बीते दिन देखने को मिली है. जब पहाड़ी से एक विशालकाय बोल्डर यमुनोत्री पैदल मार्ग पर आ गिरा.

Uki_
यमुनोत्री पैदल मार्ग पर बने अस्थायी ढाबे
पढ़ें-केदारघाटी में भारी बारिश से भूस्खलन, मलबे की चपेट में आई तीन दुकानें, 3 शव बरामद, 17 लोग लापता

हालांकि उस दौरान हाईवे बंद होने के कारण यात्रा रोकी गई थी, इसलिए हादसा होने से बच गया. वहीं बीते 30 जून को भी यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग के मुख्य पड़ाव भैरो मंदिर के समीप बोल्डर आने के कारण एक ढाबा क्षतिग्रस्त हो गया था. जहां पर ढाबा संचालक और यात्रियों ने भागकर जान बचाई थी. गत वर्ष भंगेलीगाड़ के समीप भूस्खलन के कारण एक साधु की कुटिया क्षतिग्रस्त हो गई थी. उस घटना में भी साधु ने भागकर जान बचाई थी. वहीं यमुनोत्री धाम के घोड़ा पड़ाव पर बारिश में लगातार खतरा बना हुआ है. वहां पर लगातार भूस्खलन और बोल्डर गिरते रहते हैं, जो कभी भी किसी बड़े हादसे का सबब बन सकते हैं.

Uki_
कई अस्थायी ढाबे पहाड़ी के नीचे

एसडीएम बड़कोट जितेंद्र कुमार का कहना है कि गौरीकुंड हादसे को देखते हुए राजस्व विभाग के कर्मचारियों को निर्देश जारी किए गए हैं कि जो भी ढाबे या आवास भूस्खलन संभावित जोन में पहाड़ी के नीचे बने हैं, उन्हें खाली करवाया जाए.

उत्तरकाशी: जानकीचट्टी से यमुनोत्री धाम के करीब पांच किमी पैदल मार्ग पर भी भूस्खलन के कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. क्योंकि इस पैदल मार्ग में भी 100 से अधिक अस्थायी ढाबे पहाड़ी के नीचे बने हुए हैं. जहां पर लगातार भूस्खलन का खतरा बना रहता है. वहीं यमुनोत्री धाम के घोड़ा पड़ाव के ऊपर बोल्डर गिरते रहते हैं. लेकिन प्रशासन की ओर से सुरक्षा के दृष्टिगत कोई कदम नहीं उठाए गए हैं.

Uki_
यमुनोत्री पैदल मार्ग पर खतरे में अस्थायी ढाबे

केदारनाथ पैदल ट्रैक पर गौरीकुंड में हुई भूस्खलन जैसी घटना कभी भी यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग पर भी घट सकती हैं. क्योंकि यहां पर भी जानकीचट्टी से लेकर यमुनोत्री धाम तक करीब पांच किमी की दूरी के अंतराल में 100 से अधिक अस्थायी ढाबे पहाड़ी के नीचे बने हैं.यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग की बात करें तो यहां पर भी तीन से चार स्थानों पर सक्रिय भूस्खलन जोन हैं. जो हमेशा ही यात्रा में परेशानी का सबब बनते हैं. वहीं कब पहाड़ी से बारिश के दौरान बड़ा बोल्डर आ जाए, यह कोई नहीं जानता. इसका बानगी बीते दिन देखने को मिली है. जब पहाड़ी से एक विशालकाय बोल्डर यमुनोत्री पैदल मार्ग पर आ गिरा.

Uki_
यमुनोत्री पैदल मार्ग पर बने अस्थायी ढाबे
पढ़ें-केदारघाटी में भारी बारिश से भूस्खलन, मलबे की चपेट में आई तीन दुकानें, 3 शव बरामद, 17 लोग लापता

हालांकि उस दौरान हाईवे बंद होने के कारण यात्रा रोकी गई थी, इसलिए हादसा होने से बच गया. वहीं बीते 30 जून को भी यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग के मुख्य पड़ाव भैरो मंदिर के समीप बोल्डर आने के कारण एक ढाबा क्षतिग्रस्त हो गया था. जहां पर ढाबा संचालक और यात्रियों ने भागकर जान बचाई थी. गत वर्ष भंगेलीगाड़ के समीप भूस्खलन के कारण एक साधु की कुटिया क्षतिग्रस्त हो गई थी. उस घटना में भी साधु ने भागकर जान बचाई थी. वहीं यमुनोत्री धाम के घोड़ा पड़ाव पर बारिश में लगातार खतरा बना हुआ है. वहां पर लगातार भूस्खलन और बोल्डर गिरते रहते हैं, जो कभी भी किसी बड़े हादसे का सबब बन सकते हैं.

Uki_
कई अस्थायी ढाबे पहाड़ी के नीचे

एसडीएम बड़कोट जितेंद्र कुमार का कहना है कि गौरीकुंड हादसे को देखते हुए राजस्व विभाग के कर्मचारियों को निर्देश जारी किए गए हैं कि जो भी ढाबे या आवास भूस्खलन संभावित जोन में पहाड़ी के नीचे बने हैं, उन्हें खाली करवाया जाए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.