उत्तरकाशी: जनपद में मौसम खुलने के बाद भी भी गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे पर पहाड़ियों से भूस्खलन की घटनाएं की घटना थमने का नाम नहीं ले रही हैं. यही कारण है कि दोनों हाईवे पर बारिश रुकने के बाद भी लगातार भूस्खलन हो रहा है. भूगर्भीय वैज्ञानिकों का कहना है कि बारिश थमने के बाद धूप आने से पहाड़ी पर मलबे में सिकुड़न आने के कारण पहाड़ी से मलबा और बोल्डर गिर रहे हैं. ऐसे में सतर्क रहने की जरूरत है.
बीते दिन यमुनोत्री हाईवे डाबरकोट,कल्याणी, ब्रह्मखाल, लालढांग सहित बंदरकोट में बंद होने व खुलने का सिलसिला जारी रहा. जिससे स्थानीय लोगों और यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा. बरसात के बाद भी पहाड़ियों से लगातार भूस्खलन की संभावना बनी हुई है.धूप निकलते ही पहाड़ियों से पत्थर और मलबा गिर रहा है.
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क्योंकि पहाड़ी पर जो मलबा और बोल्डर रुके रहते हैं, वह धूप के कारण सिकुड़न से गिर रहे हैं. वहीं चटक धूप के बाद वह मलबा और बोल्डर पहाड़ी से गिरकर सीधा हाईवे आने से मार्ग लगातार बाधित हो रहा है. जिससे तीर्थयात्रियों सहित ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं भूगर्भीय वैज्ञानिकों का कहना है कि बारिश धूप में पहाड़ी पर अटके मलबे में सिकुड़न आने के कारण पहाड़ी से मलबा गिर रहा है.बता दें कि बीते दिन भारी बारिश से यमुनोत्री हाईवे डाबरकोट और झर्झरगाड़ में एक घंटे और गंगोत्री हाईवे भूस्खलन से आधे घंटे बंद रहा. जिससे मार्ग के दोनों ओर वाहनों की कतार लग गई.