उत्तरकाशीः यमुनोत्री धाम के प्रमुख पड़ाव बड़कोट में स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल स्थिति में है. आलय ये है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़कोट विशेषज्ञ डॉक्टर समेत स्टाफ की कमी से जूझ रहा है. जिसके चलते करीब 50 लाख की लागत से स्थापित आईसीयू भी शोपीस बनकर रह गया है. अस्पताल में एक ही बेड पर दो-दो मरीज लेटे नजर आ रहे हैं.
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़कोट में यूं तो डॉक्टरों के छह पद हैं, लेकिन एक भी विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं है. इसके अलावा वार्ड बॉय, स्टॉफ नर्स और सफाई कर्मचारी भी पूरे नहीं है. यहां स्टॉफ नर्स और वार्ड बॉय के चार-चार पद स्वीकृत हैं, लेकिन इन पदों के सापेक्ष मात्र दो-दो ही कार्यरत हैं. वहीं, विशेषज्ञ डॉक्टर के अभाव में गेल (गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड) के सहयोग से करीब 50 लाख रुपए से ज्यादा से स्थापित आईसीयू (गहन चिकित्सा केंद्र) भी शो पीस बनकर रह गया है.
हाल ही में 10 बेड के इस अस्पताल में एक बेड पर दो-दो मरीजों के उपचार की तस्वीर भी सामने आई थी. ऐसे में अस्पताल में भर्ती मरीजों में संक्रमण का खतरा बना रहता है. स्थानीय निवासी दिनेश रावत, शुभम डोभाल, राजेश डोभाल ने बताया कि कई बार इस अस्पताल की समस्याओं को लेकर शासन प्रशासन को अवगत कराया गया, लेकिन कोई सुनने को राजी ही नहीं है.
अस्पताल में क्षमता से ज्यादा मरीज आने की वजह से एक बेड पर दो मरीज रखने पड़े थे. अब उपलब्धता के अनुसार व्यवस्था दुरुस्त की जा रही है. साथ ही अन्य विशेषज्ञ डॉक्टर समेत स्टाफ की मांग की गई है. -डॉ. अंगद सिंह राणा, प्रभारी चिकित्साधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़कोट