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गंगोत्री में पांडव नृत्य और रासो के साथ धूमधाम से मनाई जन्माष्टमी - जन्माष्टमी पर गंगास्नान

गंगोत्री धाम  में पांडव नृत्य और रासो  के साथ जन्माष्टमी  धूमधाम से मनायी गई. हर साल उपला क्षेत्र के लोग देवडोलियों को लेकर जन्माष्टमी पर गंगास्नान के लिए गंगोत्री धाम पहुंचते हैं. इस दौरान गंगोत्री धाम लोक वाद्ययंत्रों की ताल पर गांव बगोरी के लोग पारंपरिक वेशभूषा में थिरकते नजर आए.

पांडव नृत्य और रासो के साथ मनायी गई जन्माष्टमी
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Published : Aug 25, 2019, 10:35 AM IST

उत्तरकाशीः देश में हर तरफ कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. वहीं, गंगोत्री धाम में पांडव नृत्य और रासो के साथ जन्माष्टमी धूमधाम से मनायी गई. जन्माष्टमी के पर्व पर गांवों से लोगों देवडोलियों को लेकर गंगा स्नान करने गंगोत्री धाम पहुंचे और मां गंगा का आशीर्वाद लिया. इस दौरान गंगोत्री धाम लोक वाद्ययंत्रों की ताल पर गांव बगोरी के लोग पारंपरिक वेशभूषा में थिरकते नजर आए.

ग्रामीणों का कहना है कि वह सदियों से चली आ रही परंपरा का पालन कर रहे हैं. हर साल उपला क्षेत्र के लोग देवडोलियों को लेकर जन्माष्टमी पर गंगास्नान के लिए गंगोत्री धाम पहुंचते हैं. वहीं, देवडोलियों के गंगा स्नान के बाद कृष्ण जन्मष्टमी को धूमधाम से मनाया जाता है. शनिवार को गंगोत्री धाम मन्दिर का परिसर और पूरी घाटी पहाड़ी ढोल दमाऊ और रणसिंघे की धुनों से गूंज उठा.

पांडव नृत्य के साथ मनायी गई जन्माष्टमी

पढ़ेः रुद्रप्रयाग: देवरियाताल मेले में दिखी भगवान श्री कृष्ण की झांकियों की मनमोहक छटा

इस दौरान महिलाएं पारंपरिक परिधानों में लोकगीतों और ढोल दमाऊ की थाप पर रासो तांदी नृत्य करती नजर आई. जो धाम में पहुंचे भक्तों के बीच आकर्षण का केंद्र बनी रही. साथ ही देवडोली को कंधों पर नचाया गया और पांडव नृत्य का आयोजन भी किया गया और ग्रामीणों ने मां गंगा के दर्शन कर आशीष लिया.

उत्तरकाशीः देश में हर तरफ कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. वहीं, गंगोत्री धाम में पांडव नृत्य और रासो के साथ जन्माष्टमी धूमधाम से मनायी गई. जन्माष्टमी के पर्व पर गांवों से लोगों देवडोलियों को लेकर गंगा स्नान करने गंगोत्री धाम पहुंचे और मां गंगा का आशीर्वाद लिया. इस दौरान गंगोत्री धाम लोक वाद्ययंत्रों की ताल पर गांव बगोरी के लोग पारंपरिक वेशभूषा में थिरकते नजर आए.

ग्रामीणों का कहना है कि वह सदियों से चली आ रही परंपरा का पालन कर रहे हैं. हर साल उपला क्षेत्र के लोग देवडोलियों को लेकर जन्माष्टमी पर गंगास्नान के लिए गंगोत्री धाम पहुंचते हैं. वहीं, देवडोलियों के गंगा स्नान के बाद कृष्ण जन्मष्टमी को धूमधाम से मनाया जाता है. शनिवार को गंगोत्री धाम मन्दिर का परिसर और पूरी घाटी पहाड़ी ढोल दमाऊ और रणसिंघे की धुनों से गूंज उठा.

पांडव नृत्य के साथ मनायी गई जन्माष्टमी

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इस दौरान महिलाएं पारंपरिक परिधानों में लोकगीतों और ढोल दमाऊ की थाप पर रासो तांदी नृत्य करती नजर आई. जो धाम में पहुंचे भक्तों के बीच आकर्षण का केंद्र बनी रही. साथ ही देवडोली को कंधों पर नचाया गया और पांडव नृत्य का आयोजन भी किया गया और ग्रामीणों ने मां गंगा के दर्शन कर आशीष लिया.

Intro:जहाँ देश मे जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई गई। तो गंगोत्री धाम में उपला टकनौर क्षेत्र के लोगों ने पहाड़ी संस्कृति के साथ जन्माष्टमी को धूमधाम से मनाया और माँ गंगे का आशीर्वाद लिया। उत्तरकाशी। जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर टकनौर और उपला टकनौर के गांव से देवडोलियाँ गंगा स्नान करने गंगोत्री धाम पहुंची। तो जन्माष्टमी पर गंगोत्री धाम लोक वाद्य यंत्रों से गूंज उठा। इस दौरान जनजातीय गांव बगोरी के ग्रामीण अपनी वेशभूषा और लोक नृत्यों के साथ आकर्षण का केंद्र रहे। जन्माष्टमी के अवसर पर कृष्ण जन्म पर ग्रामीण महिलाओं ने लोकगीतों पर रासो तांदी नृत्य का आयोजन किया गया। Body:वीओ-1, पुरखों से चली आ रही परम्परा के अनुसार टकनौर और उपला टकनौर क्षेत्र के ग्रामीण अपनी देवडोलियों के साथ जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर गंगास्नान के लिए गंगोत्री धाम पहुंचते हैं। गंगा स्नान के बाद शुरू होता है कृष्ण जन्म की धूम। जन्माष्टमी के अवसर पर गंगोत्री धाम मन्दिर का परिसर और पूरी घाटी पहाड़ी ढोल दमाऊ और रणसिंघे की धुनों से गूंज उठा। हजारों ग्रामीण जन्माष्टमी के दिन अपने गांव की देवडोलियों को गंगा स्नान करवाते हैं। उपला टकनौर के ग्रामीण इस शुभ दिन को गंगा मैया की शरण मे मनाते हैं। Conclusion:वीओ-2, इस सब के बीच गंगोत्री धाम में उपला टकनौर क्षेत्र के जनजातीय गांव बगोरी के जाड़ समुदाय के लोग रिंगाली देवी की देवडोली के साथ गंगास्नान के लिए पहुंचे। बगोरी की महिलाओं ने अपने पौराणिक विशेष परिधान में गंगोत्री धाम में लोकगीतों और ढोल दमाऊ की थाप पर रासो तांदी नृत्य का आयोजन किया। जो कि आकर्षण का केंद्र रही। साथ ही देवडोली को कंधों पर नचाया गया और पांडव नृत्य का आयोजन भी किया गया। साथ ही ग्रामीणों ने मा गंगा के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। बाइट- ग्रामीण महिला बगोरी। बाइट- सुरेश सेमवाल,अध्यक्ष गंगोत्री मन्दिर समिति। बाइट- नारायण सिंह,ग्रामीण बगोरी।
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