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नैटवाड़-मोरी विद्युत परियोजना के मजदूरों और प्रबंधक के बीच चले लात-घूसे

सतलुज जल विद्युत निगम की निर्माणाधीन 60 मेगावाट की नैटवाड़-मोरी जल विद्युत परियोजना के मजदूरों को सुरंग के भीतर काम करने के लिए सुरक्षा उपकरण और मेडिकल सुविधाएं नहीं दी जा रही है. ऐसे में सभी मजदूरों ने श्रम कानून को लेकर प्रबंधक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

नैटवाड़ मोरी जल विद्युत परियोजना मजदूर धरना
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Published : Nov 15, 2019, 5:12 PM IST

Updated : Nov 15, 2019, 6:40 PM IST

पुरोलाः नैटवाड़-मोरी जल विद्युत परियोजना में कार्य कर रहे मजदूर अपने हितों को लेकर बीते तीन दिन से धरने पर हैं. इसी कड़ी में अपने हकों को लेकर प्रदर्शन कर रहे मजदूरों और कंपनी प्रबंधक के बीच जमकर बवाल हो गया. जिसमें दोनों पक्षों के बीच जमकर लाठी-डंडे और लात घूसे चले. वहीं, इस पूरे घटनाक्रम में एक मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया. जिसका नजदीकी अस्पताल में इलाज चल रहा है.

बता दें कि, सतलुज जल विद्युत निगम की निर्माणाधीन 60 मेगावाट की नैटवाड़-मोरी जल विद्युत परियोजना का कार्य जेपी कंस्ट्रक्शन कंपनी करा रही है, लेकिन मजदूरों का आरोप है कि कंपनी द्वारा उन्हें सुरक्षा उपकरण मुहैया नहीं करवाई जा रही है. लिहाजा, उन्हें अपनी जान जोखिम में डालकर काम करना पड़ रहा है.

अपने हकों को लेकर परियोजना के खिलाफ प्रदर्शन करते मजदूर.

ये भी पढे़ंः हरकी पैड़ी पूरी तरह से महफूज, धमकी मिलने के बाद बढ़ाई गई सुरक्षा

मजदूरों का कहना है कि निर्माणाधीन डैम के सुरंग के भीतर काम करने के लिए उन्हें हेलमेट, मास्क, दस्ताने, जूते समेत मेडिकल सुविधा नहीं दी जाती है. ऐसे में सभी मजदूरों ने श्रम कानून को लेकर प्रबंधक के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.

ये भी पढे़ंः इस योजना के तहत आप पा सकते हैं 60 हजार की फेलोशिप, 19 नवंबर तक करें आवेदन

इसी कड़ी में शुक्रवार को मजदूर अपनी मांगों को लेकर इकट्ठा हुए और जेपी कंपनी के जनरल मैनेजर डॉ. केके सती ने वार्ता की, लेकिन मजदूरों का आरोप है कि वार्ता के बजाय कंपनी प्रबंधन द्वारा उन्हें धमकी दी गई. जिसपर जमकर बवाल हो गया.

साथ ही मजदूरों और कंपनी प्रबंधक के बीच हाथापाई भी गई. जिसमें एक मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया. उधर, मजदूरों का आरोप है कि पुलिस इस घटना के दौरान बीच बचाव के बजाय तमाशबीन बनी रही. जबकि, इस मामले में कंपनी के जीएम डॉ. केके सती कुछ भी कहने से बच रहे हैं.

पुरोलाः नैटवाड़-मोरी जल विद्युत परियोजना में कार्य कर रहे मजदूर अपने हितों को लेकर बीते तीन दिन से धरने पर हैं. इसी कड़ी में अपने हकों को लेकर प्रदर्शन कर रहे मजदूरों और कंपनी प्रबंधक के बीच जमकर बवाल हो गया. जिसमें दोनों पक्षों के बीच जमकर लाठी-डंडे और लात घूसे चले. वहीं, इस पूरे घटनाक्रम में एक मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया. जिसका नजदीकी अस्पताल में इलाज चल रहा है.

बता दें कि, सतलुज जल विद्युत निगम की निर्माणाधीन 60 मेगावाट की नैटवाड़-मोरी जल विद्युत परियोजना का कार्य जेपी कंस्ट्रक्शन कंपनी करा रही है, लेकिन मजदूरों का आरोप है कि कंपनी द्वारा उन्हें सुरक्षा उपकरण मुहैया नहीं करवाई जा रही है. लिहाजा, उन्हें अपनी जान जोखिम में डालकर काम करना पड़ रहा है.

अपने हकों को लेकर परियोजना के खिलाफ प्रदर्शन करते मजदूर.

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मजदूरों का कहना है कि निर्माणाधीन डैम के सुरंग के भीतर काम करने के लिए उन्हें हेलमेट, मास्क, दस्ताने, जूते समेत मेडिकल सुविधा नहीं दी जाती है. ऐसे में सभी मजदूरों ने श्रम कानून को लेकर प्रबंधक के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.

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इसी कड़ी में शुक्रवार को मजदूर अपनी मांगों को लेकर इकट्ठा हुए और जेपी कंपनी के जनरल मैनेजर डॉ. केके सती ने वार्ता की, लेकिन मजदूरों का आरोप है कि वार्ता के बजाय कंपनी प्रबंधन द्वारा उन्हें धमकी दी गई. जिसपर जमकर बवाल हो गया.

साथ ही मजदूरों और कंपनी प्रबंधक के बीच हाथापाई भी गई. जिसमें एक मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया. उधर, मजदूरों का आरोप है कि पुलिस इस घटना के दौरान बीच बचाव के बजाय तमाशबीन बनी रही. जबकि, इस मामले में कंपनी के जीएम डॉ. केके सती कुछ भी कहने से बच रहे हैं.

Intro:एक्सकलुसिव वीडियो /स्पेशल स्टोरी
स्थान -पुरोला
एंकर-जब पानी में आग लग जाये तो बुझाए कौन,यही कहावत चिरतार्थ की मोरी निर्माणधीन जल विधुत परियोजना के जेपी कंस्ट्रक्शन कंपनी के जीएम नें जब मजदूर अपने हकों को मांगने इकठ्ठा हुए तो प्रबंधक नें मजदूरों को मारने को डंडा निकाला तब क्या था, पुलिस के जवान भी दूर बैठी तमाशबीन बनी रही लाठी डंडे लात घुसे खूब चले और मजदूरों व कंपनी प्रबंधकों के इस झगड़े में एक नोजवान घायल हो गया मजदूरों नें डैम साइड पर काम बंद कर दिया पेश है एक खास रिपोर्ट,,,



Body:वीओ-गत तीन दिनों से मोरी में निर्माणाधीन सतलुज जल विद्युत निगम के डैम साइड में सुरंग में काम करने वाले मजदूरों नें सुरंग के अंदर काम करने के लिए कंपनी के प्रबंधकों से हेलमेट, मास्क, दस्ताने,जूते सहित मेडिकल सुबिधा व श्रम कानून के तहत मजदूरी की मांगों के लिऐ इकठा हुये तो जेपी कंपनी के जनरल मैनेजर डॉ केके सती ने मजदूरों से वार्ता करने के बजाय उनको डंडे से धमकाना शुरू कर दिया फिर क्या था, जब स्यां भये कोतवाल तो डर काहे का इसके बाद मजदूरों और कंपनी प्रबंधक के बीच खूब लात घूसे लाठी डंडे चले इस संघर्ष में एक वयक्ति घायल हो गया ।इस पूरे मामले में पुलिस भी तमाशबीन बनी रही इस मामले में कंपनी के जीएम डॉ केके सती कुछ भी कहने को तैयार नहीं।
बाईट-मजदूर
बाईट-मजदूर




Conclusion:वीओ-कंपनी के जीएम को जहां मजदूरों की समस्याओं को सुन कर उनका समाधान करना था,वंही जीएम द्वारा उठाये डंडे नें जता दिया कि कंपनी के कार्यो में कुछ न कुछ झोल चल रहा है ।


नोट------वीडियो में डंडा लेकर उलझता वयक्ति जेपी कंपनी का जी एम डॉ केके सती हैं जो टोपी वाले वयक्ति से उलझेता है, जो इसे डंडे से मारने से रोक रहा ।
Last Updated : Nov 15, 2019, 6:40 PM IST
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