पुरोलाः नैटवाड़-मोरी जल विद्युत परियोजना में कार्य कर रहे मजदूर अपने हितों को लेकर बीते तीन दिन से धरने पर हैं. इसी कड़ी में अपने हकों को लेकर प्रदर्शन कर रहे मजदूरों और कंपनी प्रबंधक के बीच जमकर बवाल हो गया. जिसमें दोनों पक्षों के बीच जमकर लाठी-डंडे और लात घूसे चले. वहीं, इस पूरे घटनाक्रम में एक मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया. जिसका नजदीकी अस्पताल में इलाज चल रहा है.
बता दें कि, सतलुज जल विद्युत निगम की निर्माणाधीन 60 मेगावाट की नैटवाड़-मोरी जल विद्युत परियोजना का कार्य जेपी कंस्ट्रक्शन कंपनी करा रही है, लेकिन मजदूरों का आरोप है कि कंपनी द्वारा उन्हें सुरक्षा उपकरण मुहैया नहीं करवाई जा रही है. लिहाजा, उन्हें अपनी जान जोखिम में डालकर काम करना पड़ रहा है.
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मजदूरों का कहना है कि निर्माणाधीन डैम के सुरंग के भीतर काम करने के लिए उन्हें हेलमेट, मास्क, दस्ताने, जूते समेत मेडिकल सुविधा नहीं दी जाती है. ऐसे में सभी मजदूरों ने श्रम कानून को लेकर प्रबंधक के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.
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इसी कड़ी में शुक्रवार को मजदूर अपनी मांगों को लेकर इकट्ठा हुए और जेपी कंपनी के जनरल मैनेजर डॉ. केके सती ने वार्ता की, लेकिन मजदूरों का आरोप है कि वार्ता के बजाय कंपनी प्रबंधन द्वारा उन्हें धमकी दी गई. जिसपर जमकर बवाल हो गया.
साथ ही मजदूरों और कंपनी प्रबंधक के बीच हाथापाई भी गई. जिसमें एक मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया. उधर, मजदूरों का आरोप है कि पुलिस इस घटना के दौरान बीच बचाव के बजाय तमाशबीन बनी रही. जबकि, इस मामले में कंपनी के जीएम डॉ. केके सती कुछ भी कहने से बच रहे हैं.