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भूस्खलन से गंगोत्री हाइवे और दुकानों पर बढ़ा खतरा, सुक्की टॉप का निरीक्षण कर भू वैज्ञानिकों सौंपी रिपोर्ट

हर्षिल घाटी के सुक्की टॉप के नीचे हो रहे भूस्खलन का भू वैज्ञानिको ने निरीक्षण किया. वैज्ञानिक जल्द ही रिपोर्ट तैयार कर जिला प्रशासन को सौपेंगे. इस भूस्खलन से ऊपर से गुजर रहे गंगोत्री हाइवे सहित सीजनल दुकानों पर भी खतरा मंडरा रहा है.

भूस्खलन से गंगोत्री हाईवे और दुकानों पर बढ़ा खतरा.
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Published : Jul 13, 2019, 10:05 AM IST

उत्तरकाशी: हर्षिल घाटी के सुक्की टॉप में भगीरथी किनारे से शुरू हुआ भूस्खलन गंगोत्री हाइवे और सीजनल दुकानों के लिए एक बहुत बड़ा खतरा बन गया है. जिसको देखते हुए भू वैज्ञानिकों ने सुक्की टॉप के भूस्खलन का निरीक्षण किया. साथ ही करीब 700 मीटर गहरे भूस्खलन पर चिंता जाहिर की. भू वैज्ञानिकों ने निरीक्षण कर जल्द ही जिला प्रशासन को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. जिसके बाद ही आगे की योजना बनाई जाएगी.

भूस्खलन से गंगोत्री हाईवे और दुकानों पर बढ़ा खतरा.

सुक्की टॉप में हो रहे भूस्खलन को देखते हुए अब जिला प्रशासन सजग हो गया है. भूस्खलन के खतरे को देखते हुए डीएम उत्तरकाशी ने शासन को पत्र लिखा था. पत्राचार के बाद भारतीय भू वैज्ञानिक संस्थान सहित वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों ने आपदा प्रबंधन न्यूनकरण और बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन के अधिकारियों के साथ सुक्की टॉप में भागीरथी किनारे से शुरू हुए करीब 700 मीटर भूस्खलन क्षेत्र का निरीक्षण किया. इस भूस्खलन के ट्रीटमेंट कार्य को जल्द ही शुरू किया जाएगा, जिससे गंगोत्री हाइवे को किसी भी प्रकार का खतरा न हो.

ये भी पढ़ें: चैंपियन के पार्टी से निष्कासित होने पर विधायक कर्णवाल के छलके खुशी के आंसू

आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि भू वैज्ञानिकों के निरीक्षण के बाद अब सभी संस्थानों के वैज्ञानिक एक सयुंक्त रिपोर्ट तैयार करेंगे और ये रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी. उसके बाद ही भूस्खलन के ट्रीटमेंट की योजना को तैयार किया जाएगा. साथ ही बताया कि भूस्खलन के तहत सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. साथ ही सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि स्थिति पर नजर बनाए रखें.

उत्तरकाशी: हर्षिल घाटी के सुक्की टॉप में भगीरथी किनारे से शुरू हुआ भूस्खलन गंगोत्री हाइवे और सीजनल दुकानों के लिए एक बहुत बड़ा खतरा बन गया है. जिसको देखते हुए भू वैज्ञानिकों ने सुक्की टॉप के भूस्खलन का निरीक्षण किया. साथ ही करीब 700 मीटर गहरे भूस्खलन पर चिंता जाहिर की. भू वैज्ञानिकों ने निरीक्षण कर जल्द ही जिला प्रशासन को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. जिसके बाद ही आगे की योजना बनाई जाएगी.

भूस्खलन से गंगोत्री हाईवे और दुकानों पर बढ़ा खतरा.

सुक्की टॉप में हो रहे भूस्खलन को देखते हुए अब जिला प्रशासन सजग हो गया है. भूस्खलन के खतरे को देखते हुए डीएम उत्तरकाशी ने शासन को पत्र लिखा था. पत्राचार के बाद भारतीय भू वैज्ञानिक संस्थान सहित वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों ने आपदा प्रबंधन न्यूनकरण और बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन के अधिकारियों के साथ सुक्की टॉप में भागीरथी किनारे से शुरू हुए करीब 700 मीटर भूस्खलन क्षेत्र का निरीक्षण किया. इस भूस्खलन के ट्रीटमेंट कार्य को जल्द ही शुरू किया जाएगा, जिससे गंगोत्री हाइवे को किसी भी प्रकार का खतरा न हो.

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आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि भू वैज्ञानिकों के निरीक्षण के बाद अब सभी संस्थानों के वैज्ञानिक एक सयुंक्त रिपोर्ट तैयार करेंगे और ये रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी. उसके बाद ही भूस्खलन के ट्रीटमेंट की योजना को तैयार किया जाएगा. साथ ही बताया कि भूस्खलन के तहत सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. साथ ही सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि स्थिति पर नजर बनाए रखें.

Intro:हर्षिल घाटी के सुक्की टॉप के नीचे हो रहे भुस्खलन का भूवैज्ञानिको ने निरीक्षण किया। वैज्ञानिक जल्द ही रिपोर्ट तैयार कर जिला प्रशासन को सोपेंगे। इस भुस्खलन से ऊपर से गुजर रहे गंगोत्री हाइवे सहित सीजनल दुकानों पर खतरा मंडरा रहा है। नोट- इस खबर की फ़ोटो मेल से भेजी गई है। उत्तरकाशी। हर्षिल घाटी के सुक्की टॉप में भगीरथी किनारे से शुरू हुआ भुस्खलन अब गंगोत्री हाइवे और यात्रा के दौरान सीजनल दुकानों के लिए एक बहुत बड़ा खतरा बन गया है। साथ ही अगर हाइवे को नुकसान होता है। तो आने वाले समय मे यह सामरिक और चारधाम यात्रा के लिए बहुत बड़ी मुसीबत बन सकता है। इस मुसीबत से निपटने के लिए भू वैज्ञानिकों ने सुक्की टॉप के भुस्खलन का निरीक्षण किया और करीब 700 मीटर गहरे भुस्खलन पर चिंता जाहिर की। भू वैज्ञानिकों ने निरीक्षण कर जल्द ही जिला प्रशासन को अपनी रिपोर्ट सौपेंगी। उसके बाद ही आगे की योजना बनाई जाएगी।


Body:वीओ-1, सुक्की टॉप में हो रहे भुस्खलन को देखते हुए अब जिला प्रशासन सजग हो गया है। भुस्खलन के खतरे को देखते हुए डीएम उत्तरकाशी ने शांसन को पत्र लिखा था। पत्राचार के बाद भारतीय भू वैज्ञानिक संस्थान सहित वाडिया,हिमालय भू विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों ने आपदा प्रबंधन न्यूनीकरण और बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन के अधिकारियों के साथ सुक्की टॉप में भागीरथी किनारे से शुरू हुए करीब 700 मीटर भुस्खलन क्षेत्र का निरीक्षण किया और कहा कि इस भुस्खलन के ट्रीटमेंट कार्य को जल्द ही शुरू किया जाएगा। जिससे कि गंगोत्री हाइवे को किसी भी प्रकार का खतरा न हो।


Conclusion:वीओ-2, आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि भू वैज्ञानिकों के निरीक्षण के बाद अब सभी संस्थानों के वैज्ञानिक एक सयुंक्त रिपोर्ट तैयार करेंगे। वह रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी। उसके बाद ही भुस्खलन के ट्रीटमेंट की योजना को तैयार किया जाएगा। साथ ही कहा कि भुस्खलन के तहत सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। साथ ही सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि स्थिति पर नजर बनाए रखे। बाईट- देवेंद्र पटवाल,आपदा प्रबंधन अधिकारी उत्तरकाशी।
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