उत्तरकाशी: हर्षिल घाटी के सुक्की टॉप में भगीरथी किनारे से शुरू हुआ भूस्खलन गंगोत्री हाइवे और सीजनल दुकानों के लिए एक बहुत बड़ा खतरा बन गया है. जिसको देखते हुए भू वैज्ञानिकों ने सुक्की टॉप के भूस्खलन का निरीक्षण किया. साथ ही करीब 700 मीटर गहरे भूस्खलन पर चिंता जाहिर की. भू वैज्ञानिकों ने निरीक्षण कर जल्द ही जिला प्रशासन को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. जिसके बाद ही आगे की योजना बनाई जाएगी.
सुक्की टॉप में हो रहे भूस्खलन को देखते हुए अब जिला प्रशासन सजग हो गया है. भूस्खलन के खतरे को देखते हुए डीएम उत्तरकाशी ने शासन को पत्र लिखा था. पत्राचार के बाद भारतीय भू वैज्ञानिक संस्थान सहित वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों ने आपदा प्रबंधन न्यूनकरण और बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन के अधिकारियों के साथ सुक्की टॉप में भागीरथी किनारे से शुरू हुए करीब 700 मीटर भूस्खलन क्षेत्र का निरीक्षण किया. इस भूस्खलन के ट्रीटमेंट कार्य को जल्द ही शुरू किया जाएगा, जिससे गंगोत्री हाइवे को किसी भी प्रकार का खतरा न हो.
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आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि भू वैज्ञानिकों के निरीक्षण के बाद अब सभी संस्थानों के वैज्ञानिक एक सयुंक्त रिपोर्ट तैयार करेंगे और ये रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी. उसके बाद ही भूस्खलन के ट्रीटमेंट की योजना को तैयार किया जाएगा. साथ ही बताया कि भूस्खलन के तहत सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. साथ ही सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि स्थिति पर नजर बनाए रखें.