उत्तरकाशीः उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के संचालन पर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है. इससे तीर्थ पुरोहितों, हक-हकूकधारियों और व्यापारियों के सब्र का बांध टूटता जा रहा है. इसी कड़ी में यात्रा शुरू न होने से गुस्साए व्यापारियों और पर्यटन व्यवसायियों ने यमुनोत्री धाम कूच किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें जानकी चट्टी में ही रोक दिया. उधर, गंगोत्री धाम में देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ तीर्थ पुरोहितों के आंदोलन को गौ संत गोपालमणि का समर्थन मिला है.
बुधवार को चारधाम यात्रा को शुरू करने की मांग को लेकर यमुना घाटी होटल एसोसिएशन समेत चारधाम यात्रा से जुड़े व्यवसायियों ने यमुनोत्री धाम के लिए कूच किया. हालांकि, उन्हें पुलिस ने बैरिकेड लगाकर रोक दिया. इस दौरान व्यापारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.
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यात्रा से जुड़े व्यवसायियों का कहना है कि प्रदेश सरकार की कमी के कारण आज तक चारधाम यात्रा शुरू नहीं हो पाई है. इस कारण हजारों लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. जानकी चट्टी पर रोके जाने के बाद होटल व्यवसायियों ने तहसीलदार के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा.
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दूसरी ओर देवस्थानम बोर्ड के विरोध में तीन महीने से धरने पर बैठे गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों को गौ संत गोपालमणि ने समर्थन दिया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि जब प्रदेश सरकार दूसरे धर्मों के नियमों के साथ छेड़छाड़ नहीं करती है, तो सनातन धर्म की परंपरा और लोगों के साथ क्यों खिलवाड़ किया जा रहा है. जिसका हर सनातन धर्म अनुयायी विरोध करता है. साथ ही कहा कि वो भी देवस्थानम बोर्ड का विरोध करते हैं और यह विरोध तब तक चलता रहेगा, जब तक देवस्थानम बोर्ड को भंग नहीं किया जाता.
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सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एसएलपी वापस लेगी सरकारः बीते 7 जुलाई को हाईकोर्ट में चारधाम यात्रा को लेकर सुनवाई होनी थी, लेकिन उससे पहले 6 जुलाई को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर दी थी. जिसके बाद हाईकोर्ट में भी मामला पेंडिंग हो गया था.
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प्रदेश में चारधाम यात्रा का समय बीतता जा रहा है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में अभी तक एक बार भी सुनवाई नहीं हुई है. ऐसे में अब उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी को वापस लेने का निर्णय लिया है. ताकि इस मामले में जल्द हाईकोर्ट अपना फैसला सुनाए और चारधाम यात्रा को लेकर कोई निर्णायक फैसला हो सके.