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प्रशासन की लापरवाही से उत्तरकाशी के इस गांव में बाढ़ जैसे हालात, घरों में घुसा पानी

कोटबंगला और खांड गांव के लिए पीएमजीएसवाई की सड़क पहली बारिश में ही मुसीबत बन गई है. गुरुवार को पहली बरसात में सड़क का पूरा मलबा ग्रामीणों के घरों में जा घुसा और खेती भी पूरी तरह से बर्बाद हो गई है.

ग्रामीणों के घरों में घुसा पानी.
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Published : Jul 4, 2019, 1:11 PM IST

Updated : Jul 4, 2019, 2:05 PM IST

उत्तरकाशी: पीएमजीएसवाई के तहत बग्याल गांव के लिए सड़क का निर्माण किया जा रहा है. जहां विभाग की लापरवाही कोटबंगला और खांड गांव के ग्रामीणों के लिए बड़ी मुसीबत बन गई है. सड़क निर्माण के लिए विभाग ने गांव के पुराने गदेरों को बंद कर दिया था. जिस कारण करीब 20 मिनट की तेज बारिश से ग्रामीणों के घरों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है. ग्रामीणों का कहना है कि उनके घरों में मलबे वाला पानी घुस रहा है, जिसके चलते काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है.

कोटबंगला गांव के ग्रामीणों ने बताया कि पीएमजीएसवाई के तहत बग्याल गांव के लिए सड़क का निर्माण किया जा रहा है. सड़क निर्माण के दौरान विभाग ने गांव के पुराने गदेरों को बंद कर दिया था. जिस कारण बारिश का पूरा पानी मलबे के साथ कोटबंगला के लोगों के घरों में घुस गया है, जिससे कई मकानों में दरारें भी पड़ गई हैं.

ग्रामीणों के घरों में घुसा पानी.

पढ़ें: UKD ने अपने अधिवेशन की तारीख को बदला, कांवड़ यात्रा के चलते लिया फैसला

ग्रामीणों का कहना है कि वे खेती और पशु पालन कर अपना घर चलाते हैं. ऐसे में उनका घर, खेत और गौशाला में मलबा भरा पानी घुस रहा है. जिस कारण उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. अगर विभाग जल्द ही कोई कदम नहीं उठाता तो वे सभी आंदोलन को बाध्य होंगे.

उत्तरकाशी: पीएमजीएसवाई के तहत बग्याल गांव के लिए सड़क का निर्माण किया जा रहा है. जहां विभाग की लापरवाही कोटबंगला और खांड गांव के ग्रामीणों के लिए बड़ी मुसीबत बन गई है. सड़क निर्माण के लिए विभाग ने गांव के पुराने गदेरों को बंद कर दिया था. जिस कारण करीब 20 मिनट की तेज बारिश से ग्रामीणों के घरों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है. ग्रामीणों का कहना है कि उनके घरों में मलबे वाला पानी घुस रहा है, जिसके चलते काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है.

कोटबंगला गांव के ग्रामीणों ने बताया कि पीएमजीएसवाई के तहत बग्याल गांव के लिए सड़क का निर्माण किया जा रहा है. सड़क निर्माण के दौरान विभाग ने गांव के पुराने गदेरों को बंद कर दिया था. जिस कारण बारिश का पूरा पानी मलबे के साथ कोटबंगला के लोगों के घरों में घुस गया है, जिससे कई मकानों में दरारें भी पड़ गई हैं.

ग्रामीणों के घरों में घुसा पानी.

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ग्रामीणों का कहना है कि वे खेती और पशु पालन कर अपना घर चलाते हैं. ऐसे में उनका घर, खेत और गौशाला में मलबा भरा पानी घुस रहा है. जिस कारण उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. अगर विभाग जल्द ही कोई कदम नहीं उठाता तो वे सभी आंदोलन को बाध्य होंगे.

Intro:उत्तरकाशी नगर क्षेत्र के कोटबंगला और खांड गांव के लिए पीएमजीएसवाई की सड़क पहली बरसात में ही मुसीबत बन गई है। गुरुवार को पहली बरसात से सड़क का पूरा मलबा ग्रामीणों के घरों में जा घुसा और खेती भी पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। उत्तरकाशी। पीएमजीएसवाई की और से बग्याल गांव के लिए सड़क का निर्माण किया जा रहा है। जहां पर विभाग की लापरवाही कोटबंगला और खांड गांव के ग्रामीणों के लिए बड़ी मुसीबत बन गई है। विभाग ने गांव के पुराने गड्ढेरे को बंद कर दिया है। जिस कारण करीब 20 मिनिट की तेज बारिश ने ग्रामीणों के घरों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई थी। ग्रामीणों का कहना है कि अब उनके लिए हर बरसात रतजगा कटनी जैसी हो गई है। ग्रामीणों के घरों से लेकर गौशालाओं में मलबा ही मलबा भरा पड़ा है। जिस कारण ग्रामीणों का काफी नुकसान झेलना पड़ा है। मौके पर पहुंची etv bharat की ग्राउंड रिपोर्ट।


Body:वीओ-1, मेरी गौशाला भी बर्बाद हो गे,जानवरों कु चिलौ भी खराब हो गे। हम अपडा बच्चों कु पेट खेती पीछा पालना लगयां। लेकिन आज बरसात न और सड़क का पूरा मलबा न रोजी रोटी पर संकट ऐगे। यह कहना है कोटबंगला कि निर्मला देवी का। जिनका घर के हर कमरे में सड़क का मलबा भरा पड़ा है। निर्मला देवी का कहना है कि वह चारापत्ती एकत्रित कर ही उसके बाद अपने परिवार का पालन पोषण से करती हैं। लेकिन अब यह एक नई मुसीबत ग्रामीणों के सिर पर आ गई है। ग्रामीणों का कहना है कि सुबह तड़के 4 बजे अचानक ग्रामीणों के घरों और गौशालाओ में सड़क का पूरा मलबा घुस गया और घर तालाब बन गए।


Conclusion:वीओ-2, ग्रामीणों का कहना है कि पीएमजीएसवाई बग्याल गांव के लिए सड़क का निर्माण कर रहा है। सड़क निर्माण के दौरान विभाग ने गांव के पुराने गड्ढेरे को बंद कर दिया है। जिस कारण बारिश का पूरा पानी मलबे के साथ कोटबंगला मे लोगों के घरों में घुस आया। तो वहीं कई मकानों में दरारें पड़ गई है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर इसी प्रकार की स्थिति रही,तो कोटबंगला के लोगों के लिए यह बड़ी तबाही का सबब बन सकता है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही विभाग पुराने गड्ढेरे को उसकी पुरानी यथास्थिति में नहीं लाता है और सड़क के मलबे से ग्रामीणों की खेती और घरों की सुरक्षा की व्यवस्था नहीं होती,तो आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। बाईट- निर्मला देवी, ग्रामीण महिला। बाईट- ग्रामीण महिला।
Last Updated : Jul 4, 2019, 2:05 PM IST
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