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परिचय गोष्ठी का आयोजन, हिंदी काव्य के प्रचार-प्रसार के लिए चलेगा सदस्यता अभियान

हिंदी साहित्य भारती संस्था की ओर से उत्तरकाशी में परिचय गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस दौरान हिंदी काव्य और साहित्य का विश्वस्तर पर प्रचार-प्रसार करने लिए सदस्यता अभियान चलाने को लेकर विचार-विमर्श किया गया.

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परिचय गोष्ठी का आयोजन
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Published : Jan 28, 2021, 1:18 PM IST

उत्तरकाशी: हिंदी साहित्य भारती संस्था के केंद्रीय अध्यक्ष रविन्द्र शुक्ल और राज्य प्रभारी कविता भट्ट शैलपुत्री की अध्यक्षता में उत्तरकाशी में परिचय गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस दौरान विश्व स्तर पर हिंदी काव्य और साहित्य का प्रचार-प्रसार करने के लिए जिले भर में सदस्यता अभियान चलाए जाने पर विचार-विमर्श किया गया. साथ ही साहित्य को बढ़ावा देने और उसके साथ ही युवाओं के बीच हिंदी काव्य को सुदृढ़ किए जाने पर भी आत्ममंथन किया गया.

उत्तरकाशी की परिचय गोष्ठी के आयोजन के दौरान ये निर्णय लिया गया कि इस मुहिम से ज्यादा से ज्यादा हिंदी कवियों को जोड़ा जाएगा. वहीं, हिंदी साहित्य भारती संस्था के जिलाध्यक्ष राजेश जोशी ने बताया कि हिंदी को विश्व स्तर पर पहचान और एक मजबूत स्थान दिलाने के लिए पत्र लेखन कार्य भी किए जाएंगे. ताकि साहित्य से जुड़े लोग विश्वभर में हिंदी को साहित्य क्षेत्र में एक विशिष्ट पहचान दिला सकें.

ये भी पढ़ें: 28 जनवरी : देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को मिली मौत की सजा

हिंदी साहित्य भारती के जिलाध्यक्ष राजेश जोशी ने बताया कि हिंदी भाषा और साहित्य को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए ज्यादा से ज्यादा काव्य कवियों को इस मुहिम से जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं. पर्वतीय अंचलों के काव्य की कई युवा प्रतिभाएं हैं. लेकिन उन युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए मंच नहीं मिल पाता है, जिससे उनकी प्रतिभा दब जाती हैं. ऐसे में उनकी प्रतिभा को मंच दिलाने के लिए भी कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं.

उत्तरकाशी: हिंदी साहित्य भारती संस्था के केंद्रीय अध्यक्ष रविन्द्र शुक्ल और राज्य प्रभारी कविता भट्ट शैलपुत्री की अध्यक्षता में उत्तरकाशी में परिचय गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस दौरान विश्व स्तर पर हिंदी काव्य और साहित्य का प्रचार-प्रसार करने के लिए जिले भर में सदस्यता अभियान चलाए जाने पर विचार-विमर्श किया गया. साथ ही साहित्य को बढ़ावा देने और उसके साथ ही युवाओं के बीच हिंदी काव्य को सुदृढ़ किए जाने पर भी आत्ममंथन किया गया.

उत्तरकाशी की परिचय गोष्ठी के आयोजन के दौरान ये निर्णय लिया गया कि इस मुहिम से ज्यादा से ज्यादा हिंदी कवियों को जोड़ा जाएगा. वहीं, हिंदी साहित्य भारती संस्था के जिलाध्यक्ष राजेश जोशी ने बताया कि हिंदी को विश्व स्तर पर पहचान और एक मजबूत स्थान दिलाने के लिए पत्र लेखन कार्य भी किए जाएंगे. ताकि साहित्य से जुड़े लोग विश्वभर में हिंदी को साहित्य क्षेत्र में एक विशिष्ट पहचान दिला सकें.

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हिंदी साहित्य भारती के जिलाध्यक्ष राजेश जोशी ने बताया कि हिंदी भाषा और साहित्य को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए ज्यादा से ज्यादा काव्य कवियों को इस मुहिम से जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं. पर्वतीय अंचलों के काव्य की कई युवा प्रतिभाएं हैं. लेकिन उन युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए मंच नहीं मिल पाता है, जिससे उनकी प्रतिभा दब जाती हैं. ऐसे में उनकी प्रतिभा को मंच दिलाने के लिए भी कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं.

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