उत्तरकाशी: उत्तराखंड के वन क्षेत्र इन दिनों वनाग्नि से धधक रहे हैं. वनाग्नि के कारण जंगली जानवर जंगल छोड़कर आबादी वाले क्षेत्रों का रुख (wildlife reaching the city) कर रहे हैं. इससे सबसे ज्यादा डर ग्रामीणों को गुलदार से लग रहा है. पहले से मुखेम रेंज के अंतर्गत बोंगा और भेलूड़ा गांव में गुलदार दिखने के बाद लोग डर के माहौल में थे. अब तिलोथ (Guldar cub in Tiloth) जैसे आबादी वाली इलाके में गुलदार का शावक (Guldar Cubs) दिखाई देने के बाद ग्रामीण दहशत में आ गए हैं.
उत्तरकाशी जिला मुख्यालय के निकट के अधिकांश जंगल पूरी तरह से जल गए हैं. पिछले कई दिन के अंतराल में कई हेक्टेयर जंगल जलकर खाक हो गए हैं. जंगलों में आग लगी होने के कारण गुलदार समेत वन्यजीव आबादी क्षेत्र में पहुंच रहे हैं. गुरुवार रात तिलोथ बस्ती में एक गुलदार का शावक छत पर लगी टंकी पर पानी पीते नजर आया. ग्रामीणों ने शावक को देखा तो हड़कंप मच गया. इसके बाद लोगों ने शोर मचाया तो शावक जंगल की ओर भाग गया.
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वनाग्नि से सुलग रहे जंगलः वन प्रभाग उत्तरकाशी, टौंस वन प्रभाग और अपर यमुना वन प्रभाग आग के लिहाज से संवेदनशील है. इन तीनों के जंगल 15 मार्च से लगातार जल रहे हैं. जिस वजह से क्षेत्र में गर्मी बढ़ रही है. सबसे अधिक आग की घटनाएं उत्तरकाशी वन प्रभाग के मुखेम रेंज, डुंडा रेंज और बाड़ाहाट रेंज में हो रही है. दिनभर जगह-जगह जंगल सुलग रहे हैं. जंगलों में लगी आग अब चीड़ के जंगलों से होकर बांज, बुरांश के जंगलों तक पहुंच रही है.
इसके अलावा टौंस वन प्रभाग के पुरोला रेंज के अंतर्गत चंदेली, मखना, देवढूंग, पुजेली व कुमोला के जंगलों में आग का तांडव दिखाई दे रहा है. वन विभाग के साथ वन पंचायत व ग्रामीण आग बुझाने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन आग पर काबू नहीं पाया जा सका है. पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण आग बुझाने में भी वन विभाग को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.