चमोली: पहाड़ों में बीते दो दिनों से हो रही बारिश की वजह से आम जनजीवन काफी प्रभावित रहा. इस दौरान सात फेरे लेने जा रहे दूल्हे को जान जोखिम में डालकर उफनता नाला पार करना पड़ा. दरअसल, जोशीमठ स्थित सुनील गांव से उर्गम घाटी के अरोसी गांव बारात को जाना था. लेकिन, कल्पगंगा में पुल न होने की वजह से बारात को दुल्हे संग उफान में बह रहे नाले को पार करना पड़ा.
पहाड़ों में इन दिनों शादियों का सीजन चल रहा है. लेकिन, लगातार हो रही बारिश के कारण लोग बारात का हिस्सा बनकर एंजॉय नहीं कर पा रहे हैं. बल्कि लोगों को जान हथेली पर लेकर नदी-नालों को पार करना पड़ रहा है. हाल ही में चमोली में हुई शादी के दौरान भी कुछ ऐसा ही हुआ. बारातियों द्वारा नदी पार करते हुए दुल्हे के एक रिश्तेदार का पैर फिसल गया और वो नदी में गिरने से बाल-बाल बचे.
बता दें कि जून 2013 की आपदा के दौरान खवाला क्षेत्र में कल्पगंगा पर बना पैदल पुल बह गया था. ग्रामीणों की कई कोशिशों के बावजूद भी प्रशासन द्वारा अबतक पुल का निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया है. इस वजह से ग्रामीणों ने स्वयं के संसाधनों से यहां एक लकड़ी की पुलिया को बनाया था. लेकिन, लगातार हो रही बरसात में वो पुलिया भी बह गई.
![groom crossing river to reach to bride to marry in chamoli](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/images/3044894_dulha-ka-rishtedaar.jpg)
पुल न होने की वजह से घाटी के पिलखी, भेंट, भर्की और अरोसी गांव के ग्रामीणों को नदी से आवाजाही करनी पड़ती है. पूरे मामले पर लोनिवि के अधिशासी अभियंता धन सिंह रावत ने बताया कि खवाला में पैदल पुल का निर्माण कार्य चल रहा है. जल्द ही निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा.