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Video: दुल्हन लाने के लिए दूल्हे ने डाली जान जोखिम में, बारात ने पार किया उफनता नाला - uttarakhand news

पहाड़ों की दश्वारियों का लोगों को आये दिन सामना करना पड़ता है. भारी बारिश की वजह से आजकल दुल्हे और बारातियों को शादी में शामिल होने के लिए भी जान को हथेली में लेकर उफनते नदी-नालों से गुजरना पड़ रहा है.

दूल्हे ने डाली जान जोखिम में
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Published : Apr 19, 2019, 10:56 AM IST

चमोली: पहाड़ों में बीते दो दिनों से हो रही बारिश की वजह से आम जनजीवन काफी प्रभावित रहा. इस दौरान सात फेरे लेने जा रहे दूल्हे को जान जोखिम में डालकर उफनता नाला पार करना पड़ा. दरअसल, जोशीमठ स्थित सुनील गांव से उर्गम घाटी के अरोसी गांव बारात को जाना था. लेकिन, कल्पगंगा में पुल न होने की वजह से बारात को दुल्हे संग उफान में बह रहे नाले को पार करना पड़ा.

पहाड़ों में इन दिनों शादियों का सीजन चल रहा है. लेकिन, लगातार हो रही बारिश के कारण लोग बारात का हिस्सा बनकर एंजॉय नहीं कर पा रहे हैं. बल्कि लोगों को जान हथेली पर लेकर नदी-नालों को पार करना पड़ रहा है. हाल ही में चमोली में हुई शादी के दौरान भी कुछ ऐसा ही हुआ. बारातियों द्वारा नदी पार करते हुए दुल्हे के एक रिश्तेदार का पैर फिसल गया और वो नदी में गिरने से बाल-बाल बचे.

सात फेरे लेने के लिए दुल्हे को पार करनी पड़ी उफनती नदी.

बता दें कि जून 2013 की आपदा के दौरान खवाला क्षेत्र में कल्पगंगा पर बना पैदल पुल बह गया था. ग्रामीणों की कई कोशिशों के बावजूद भी प्रशासन द्वारा अबतक पुल का निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया है. इस वजह से ग्रामीणों ने स्वयं के संसाधनों से यहां एक लकड़ी की पुलिया को बनाया था. लेकिन, लगातार हो रही बरसात में वो पुलिया भी बह गई.

groom crossing river to reach to bride to marry in chamoli
नदी पार करते हुए फिसला दुल्हे का रिश्तेदार

पुल न होने की वजह से घाटी के पिलखी, भेंट, भर्की और अरोसी गांव के ग्रामीणों को नदी से आवाजाही करनी पड़ती है. पूरे मामले पर लोनिवि के अधिशासी अभियंता धन सिंह रावत ने बताया कि खवाला में पैदल पुल का निर्माण कार्य चल रहा है. जल्द ही निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा.

चमोली: पहाड़ों में बीते दो दिनों से हो रही बारिश की वजह से आम जनजीवन काफी प्रभावित रहा. इस दौरान सात फेरे लेने जा रहे दूल्हे को जान जोखिम में डालकर उफनता नाला पार करना पड़ा. दरअसल, जोशीमठ स्थित सुनील गांव से उर्गम घाटी के अरोसी गांव बारात को जाना था. लेकिन, कल्पगंगा में पुल न होने की वजह से बारात को दुल्हे संग उफान में बह रहे नाले को पार करना पड़ा.

पहाड़ों में इन दिनों शादियों का सीजन चल रहा है. लेकिन, लगातार हो रही बारिश के कारण लोग बारात का हिस्सा बनकर एंजॉय नहीं कर पा रहे हैं. बल्कि लोगों को जान हथेली पर लेकर नदी-नालों को पार करना पड़ रहा है. हाल ही में चमोली में हुई शादी के दौरान भी कुछ ऐसा ही हुआ. बारातियों द्वारा नदी पार करते हुए दुल्हे के एक रिश्तेदार का पैर फिसल गया और वो नदी में गिरने से बाल-बाल बचे.

सात फेरे लेने के लिए दुल्हे को पार करनी पड़ी उफनती नदी.

बता दें कि जून 2013 की आपदा के दौरान खवाला क्षेत्र में कल्पगंगा पर बना पैदल पुल बह गया था. ग्रामीणों की कई कोशिशों के बावजूद भी प्रशासन द्वारा अबतक पुल का निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया है. इस वजह से ग्रामीणों ने स्वयं के संसाधनों से यहां एक लकड़ी की पुलिया को बनाया था. लेकिन, लगातार हो रही बरसात में वो पुलिया भी बह गई.

groom crossing river to reach to bride to marry in chamoli
नदी पार करते हुए फिसला दुल्हे का रिश्तेदार

पुल न होने की वजह से घाटी के पिलखी, भेंट, भर्की और अरोसी गांव के ग्रामीणों को नदी से आवाजाही करनी पड़ती है. पूरे मामले पर लोनिवि के अधिशासी अभियंता धन सिंह रावत ने बताया कि खवाला में पैदल पुल का निर्माण कार्य चल रहा है. जल्द ही निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा.

स्लग-उफनते नाले में दूल्हा
रिपोर्ट-लक्षमण राणा -चमोली
एंकर---
बीते दो दिनों से पहाड़ो में हो रही बारिश से हालांकि आज कुछ देर के लिए निजात मिली हो ,लेकिन दो दिनों से हो रही इस बारिश से जंहा एक और ठंड बढ़ी है ,वंही आम जनजीवन भी अयस्त व्यस्त हुआ है ।पहाड़ो में इन दिनों बारातों का सीजन चल रहा है,लेकिन लगातार हो रही बारिश के कारण बरातों  का मजा भी किरकिरा हो रहा है ।

बीओ 1-

इन सबके बीच चमोली ज़िले के जोशीमठ विकासखंड स्थित सुनील गांव से उर्गम घाटी के अरोसी गांव गई बारात को भी दूल्हे सहित कल्पगंगा को बगैर पुलिया के पार कर  जान जोखिम में डालकर दुल्हन लेने पहुंचना पड़ा।दूल्हे के एक रिस्तेदार नदी पार करते वक्त बाल बाल बचे।

बीओ 2--

दरअसल, जून 2013 की आपदा के दौरान खवाला नामक स्थान पर कल्पगंगा में बना पैदल पुल बह गया था।ग्रामीणों की कई कोशिशों के बावजूद भी यंहा सरकारी तंत्र के द्वारा  आज तक कोई भी पुल नहीं बन पाया है। यहां ग्रामीणों ने स्वयं के संसाधनों से एक लकड़ी की पुलिया निर्मित की थी। लेकिन बरसात में पुलिया बह गई। जिससे घाटी के पिलखी, भेंट, भर्की और अरोसी गांव के ग्रामीण नदी से आवाजाही करने को मजबूर हैं।पूरे मामले पर  लोनिवि के अधिशासी अभियंता धन सिंह रावत का कहना है कि खवाला में पैदल पुल का निर्माण कार्य चल रहा है। जल्द ही निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।
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