उत्तरकाशी: हर साल मई महीने में 25 किमी लंबे गोमुख-तपोवन ट्रैक पर आम यात्रियों की आवाजाही देखने को मिलती है, लेकिन इस बार गोमुख-तपोवन की राह आसान नहीं है. क्योंकि इस साल सर्दियों में हुई भारी बर्फबारी के कारण गंगोत्री-गोमुख ट्रैक जगह-जगह बर्फ से पटा हुआ है.
पढ़ें- केदारनाथ धाम में फिर से बारिश और बर्फबारी, बदलता मौसम खड़ी कर रहा मुश्किलें
हाल ही में गंगोत्री नेशनल पार्क खुलने के बाद अभीतक माउंट हाई विंड ट्रैकिंग एंड माउंटेनियरिंग एसोसिएशन के दो दल गोमुख-तपोवन ट्रैक की सफल ट्रैकिंग कर लौट आये हैं. जिसमें 1 महिला समेत 6 विदेशी ट्रैकर्स शामिल थे. ट्रैकिंग कर आए ट्रैकर्स ने बताया कि अभी अनुभवी ट्रैकर्स और पर्वतारोही ही इस ट्रैक पर ट्रैकिंग के लिए जा सकते हैं.
माउंट हाई विंड ट्रैकिंग एंड माउंटेनियरिंग एसोसिएशन का 4 सदस्यीय दल जिसमें सभी जापान के नागरिक शामिल हैं, शुक्रवार को 6 दिवसीय ट्रैकिंग पूरी करके गंगोत्री लौट आए. इससे पहले इसी एसोसिएशन का दल गोमुख तपोवन की सफल ट्रैकिंग कर 28 अप्रैल को गंगोत्री लौटा था. एसोसिएशन के सदस्य जयेंद्र राणा ने फोन पर ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए बताया कि ट्रैकिंग के दौरान गोमुख में बर्फबारी देखने को मिली थी. मई माह में ट्रैकिंग के दौरान होने वाली बर्फबारी परेशानी खड़ी कर रही थी.
पढ़ें- संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों में सरकार की नई योजना, कांग्रेस ने जताया एतराज
यहीं कारण है कि आम आदमियों के लिए ये राह आसान नहीं होगी. अभी अनुभवी ट्रैकर्स और पर्वतारोही ही गोमुख तपोवन ट्रैक पर जा सकते हैं. गोमुख में अभी भी 1 से डेढ़ फीट बर्फ जमा है. इसके अवाला तपोवन में करीब 4 फीट से ज्यादा बर्फ जमी हुई है. अगर आने वाले एक सप्ताह में मौसम ने साथ दिया तो आम यात्री भी गोमुख जा सकते हैं, लेकिन यदि इस बीच बारिश या फिर बर्फबारी हुई तो आम यात्रियों के लिए गोमुख और तपोवन जाना मुश्किलों भरा होगा.