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कूड़ा बन रहा शहर की मुसीबत, 'अखाड़े' में उतरा जिला प्रशासन और नगर पालिका - कूड़ा बना समस्या

शहर में कूड़ा नगर पालिका और प्रशासन के लिए मुसीबत बनता जा रहा है. साथ ही दोनों एक- दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं. वहीं चारधाम यात्रा शुरू होने के कारण नगर पर कूड़े का दबाव बढ़ने लगा है.

कूड़ा बन रहा शहर की मुसीबत.
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Published : May 10, 2019, 12:04 AM IST

Updated : May 10, 2019, 12:12 AM IST

उत्तरकाशी: शहर का कूड़ा नगर पालिका बाड़ाहाट और जिला प्रशासन के लिए मुसीबत बनता जा रहा है. यहीं कारण है कि दोनों अब एक-दूसरे पर आरोप लगाकर पल्ला झाड़ने में लगे हुए हैं. अपनी कमियों को छिपाने के लिए नगर पालिका कूड़े को तांबाखानी के नीचे गड्डा खुदवाकर दबवा रही है, तो वहीं पालिकाध्यक्ष ने 27 अप्रैल तक कूड़े के लिए भूमि न देने के कारण हाई कोर्ट की शरण में जाने की बात कह रहे हैं.

कूड़ा बन रहा शहर की मुसीबत.

इस मामले में जिला प्रशासन ने बताया कि एक भूमि का निरीक्षण किया गया है. उसमें फॉरेस्ट क्लीयरेंस मिलने के बाद ही कुछ किया जा सकता है, जिसके लिए पालिका को पूरी प्रक्रिया करनी होगी. वहीं चारधाम यात्रा आते ही अब नगर पर कूड़े का दबाव बढ़ने लगा है.

नगरपालिका अध्यक्ष रमेश सेमवाल ने बताया कि उन्हें हाई कोर्ट के निर्देशानुसार शासन ने 27 अप्रैल तक कूड़े के निस्तारण के लिए नगरपालिका को भूमि उपलब्ध करवानी थी. जिसमें भूमि का संयुक्त निरीक्षण तो किया गया, लेकिन उसमें वन भूमि हस्तारण का पेंच फंस रहा है. सेमवाल ने कहा कि ऐसी स्थिति में नहीं लगता कि कहीं पर भूमि मिलेगी. इसलिए वह दोबारा हाई कोर्ट की शरण मे जाएंगे.

वहीं डीएम डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि कूड़े के लिए एक भूमि का संयुक्त निरीक्षण किया गया है. उसमें वन भूमि हस्तारण के लिए पर्यावरण मंत्रालय को प्रस्ताव भेजना होगा. वहां से स्वीकृति मिलते के बाद ही आगे की कार्रवाई की जा सकती है.

उत्तरकाशी: शहर का कूड़ा नगर पालिका बाड़ाहाट और जिला प्रशासन के लिए मुसीबत बनता जा रहा है. यहीं कारण है कि दोनों अब एक-दूसरे पर आरोप लगाकर पल्ला झाड़ने में लगे हुए हैं. अपनी कमियों को छिपाने के लिए नगर पालिका कूड़े को तांबाखानी के नीचे गड्डा खुदवाकर दबवा रही है, तो वहीं पालिकाध्यक्ष ने 27 अप्रैल तक कूड़े के लिए भूमि न देने के कारण हाई कोर्ट की शरण में जाने की बात कह रहे हैं.

कूड़ा बन रहा शहर की मुसीबत.

इस मामले में जिला प्रशासन ने बताया कि एक भूमि का निरीक्षण किया गया है. उसमें फॉरेस्ट क्लीयरेंस मिलने के बाद ही कुछ किया जा सकता है, जिसके लिए पालिका को पूरी प्रक्रिया करनी होगी. वहीं चारधाम यात्रा आते ही अब नगर पर कूड़े का दबाव बढ़ने लगा है.

नगरपालिका अध्यक्ष रमेश सेमवाल ने बताया कि उन्हें हाई कोर्ट के निर्देशानुसार शासन ने 27 अप्रैल तक कूड़े के निस्तारण के लिए नगरपालिका को भूमि उपलब्ध करवानी थी. जिसमें भूमि का संयुक्त निरीक्षण तो किया गया, लेकिन उसमें वन भूमि हस्तारण का पेंच फंस रहा है. सेमवाल ने कहा कि ऐसी स्थिति में नहीं लगता कि कहीं पर भूमि मिलेगी. इसलिए वह दोबारा हाई कोर्ट की शरण मे जाएंगे.

वहीं डीएम डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि कूड़े के लिए एक भूमि का संयुक्त निरीक्षण किया गया है. उसमें वन भूमि हस्तारण के लिए पर्यावरण मंत्रालय को प्रस्ताव भेजना होगा. वहां से स्वीकृति मिलते के बाद ही आगे की कार्रवाई की जा सकती है.

Intro:हेडलाइन- अब गड्ढे में दबेगा नगर का कूड़ा। उत्तरकाशी। उत्तरकाशी मुख्य नगर का कूड़ा अब इतनी बड़ी मुसीबत बन गया है कि नगरपालिका बाड़ाहाट और जिला प्रशासन एक दूसरे के पाले में गेंद फेंककर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। जहां एक नगरपालिका कूड़े को दबाने के लिए ताँबाखानी के नीचे गड्डा खुदवा रही है। तो पालिका अध्यक्ष का कहना है कि शासन ने उन्हें 27 अप्रैल तक कूड़े के लिए भूमि नहीं दी है। जिसको लेकर वह दोबारा हाईकोर्ट की शरण में जाएंगे। साथ ही जिला प्रशासन का कहना है कि एक भूमि का निरीक्षण किया गया है। उसमें फ़ॉरेस्ट क्लीरियेन्स मिलने के बाद ही कुछ किया जा सकता है। जिसके लिए पालिका को पूरी प्रक्रिया करनी होगी। वहीं चारधाम यात्रा आते ही अब नगर पर कूड़े का दबाव बढ़ने लगा है।


Body:वीओ-1, नगरपालिका बाड़ाहाट और जिला प्रशासन अभी भी नगर के कूड़े का निस्तारण नहीं कर पा रहा है। तो वहीं चारधाम यात्रा शुरू होने के बाद नगर में कूड़े का दबाव बनता जा रहा है। नगरपालिका अब ताँबाखानी के नीचे सड़क पर गड्डा कर कूड़े को दबाकर उसके निस्तारण की योजना बना रहा है। नगरपालिका अध्यक्ष रमेश सेमवाल का कहना है कि उन्हें हाईकोर्ट के निर्देशानुसार शासन ने 27 अप्रैल तक कूड़े के निस्तारण के भूमि नगरपालिका को उपलब्ध करवानी थी। जिसमें एक भूमि का सयुंक्त निरीक्षण तो किया गया। लेकिन उसमें वन भूमि हस्तारण का पेंच फंस रहा है। सेमवाल ने कहा कि ऐसी स्थिति में नहीं लगता कि कहीं पर भूमि मिलेगी। इसलिए वह दोबारा हाइकोर्ट की शरण मे जाएंगे और बताएंगे कि उन्हें भूमि नहीं मिल पा रही है।


Conclusion:वीओ-2, नगरपालिका अध्यक्ष रमेश सेमवाल का कहना कि अगर भूमि नहीं मिलती है। तो डीएम अपनी शक्ति का प्रयोग कर पालिका का भूमि दिलवाएं। वहीं डीएम डॉ आशीष चौहान का कहना है कि कूड़े के लिए एक भूमि का सयुंक्त निरीक्षण किया गया है। लेकिन उसमें वन भूमि हस्तारण के लिए पर्यावरण मंत्रालय को प्रस्ताव भेजना होगा। वहाँ से स्वीकृति मिलते ही आगे की कार्यवाही की जा सकती है। वहीं अब नगरपालिका अध्यक्ष और डीएम के बयानों से यही लगता है कि फिलहाल नगर का कूड़ा अपनी यथास्थिति पर ही बना रहेगा। तो साथ ही नगरपालिका के गड्ढे की योजना को देखना भी दिलचस्प साबित होगा कि यह कितनी कारगर साबित होती है। या फिर एक बार फिर नगरवासियों को कूड़े की समस्या से जूझते ही रहना पड़ेगा। बाईट- डॉ आशीष चौहान,डीएम उत्तरकाशी। बाईट- रमेश सेमवाल, नगरपालिका अध्यक्ष बाड़ाहाट उत्तरकाशी।
Last Updated : May 10, 2019, 12:12 AM IST
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