ETV Bharat / state

गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद, मां गंगा की डोली मुखबा रवाना - उत्तरकाशी की खबरें

प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट विवि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं. अब छह महीने तक मां गंगा के दर्शन मुखबा (मुखीमठ) में होंगे. आज मां गंगा की डोली चंडी देवी मंदिर में रात्रि प्रवास करेगी. गुरुवार को मां गंगा मुखबा में विराजमान होगी.

Gangotri Dham Kapat Closed
गंगोत्री धाम के कपाट बंद
author img

By

Published : Oct 26, 2022, 12:04 PM IST

Updated : Oct 26, 2022, 2:04 PM IST

उत्तरकाशीः विश्व प्रसिद्ध चारधाम में शुमार गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट पर्व पर दोपहर 12.01 बजे विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए (Gangotri Dham Kapat Closed) गए हैं. जिसके बाद मां गंगा की डोली गंगोत्री से अपने शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा के लिए रवाना हुई. आज गंगा जी की उत्सव डोली चंडी देवी मंदिर में रात्रि प्रवास करेगी. जबकि, गुरुवार यानी 27 अक्टूबर को मां गंगा की मूर्ति मुखबा स्थित मंदिर में विराजमान होगी.

बुधवार को सुबह से ही गंगोत्री धाम में गंगा की विदाई की तैयारियां शुरू हो गई थी. इस मौके पर गंगोत्री धाम को रंग बिरेंगे फूलों से भव्य तरीके से सजाया गया था. कपाट बंद करने से पहले गंगा जी का अभिषेक करने के साथ ही गंगालहरी, गंगा सहस्त्रनाम पाठ किया गया. इस दौरान गंगोत्री मंदिर में श्रद्धालुओं ने अखंड ज्योति के दर्शन किए. वहीं, तय मुहूर्त पर 12 बजकर 1 मिनट पर गंगोत्री मंदिर के कपाट बंद (Gangotri temple door closed) कर दिए गए. इसके बाद गंगा जी की भोग मूर्ति को डोली यात्रा के साथ मुखबा के लिए रवाना किया गया.
ये भी पढ़ेंः देवभूमि में दीपावली की धूम, केदार-बदरी मंदिर का दिखा अलौकिक रूप

वहीं, जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री बैंड और स्थानीय ढोल-दमाऊं की अगुआई में डोली यात्रा भैरोंघाटी होते हुए रात्रि विश्राम के लिए चंडी देवी मंदिर पहुंचेगी. जहां सभी पुरोहित रात्रि विश्राम करेंगे. जबकि, इसके बाद गुरुवार सुबह गंगा जी की उत्सव डोली मुखबा गांव जाएगी. जहां शीतकाल में मां गंगा के दर्शन कर सकेंगे. गंगोत्री में सेना की ओर से श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क मेडिकल कैंप और भंडारे का आयोजन किया गया. बता दें कि इस बार कपाट खुलने से लेकर 25 अक्टूबर तक 6,24,451 तीर्थयात्रियों ने मां गंगा के दर्शन किए. वहीं, यमुनोत्री धाम में 4,85,635 तीर्थयात्री पहुंचे हैं.

27 अक्टूबर को बंद होंगे यमुनोत्री धाम के कपाटः वहीं, 27 अक्टूबर को भैया दूज पर दोपहर 12.09 बजे यमुनोत्री के कपाट (Yamunotri Dham Kapat) बंद कर दिए जाएंगे. 27 अक्टूबर की सुबह यमुना की डोली लेने के लिए खरसाली गांव से शनि महाराज की डोली यमुनोत्री पहुंचेगी. जिसके बाद शनि महाराज के नेतृत्व में मां यमुना की डोली खरसाली पहुंचेगी. कपाट बंद होने तक खरसाली में स्थित यमुना मंदिर में मां यमुना के दर्शन श्रद्धालु कर सकेंगे.

27 अक्टूबर को केदारनाथ धाम के कपाट भी होंगे बंदः बता दें कि केदारनाथ धाम के कपाट (Kedarnath Doors Closed Date) भी शीतकाल के लिए विधि विधान के साथ 27 अक्टूबर को बंद होंगे. बीती 22 अक्टूबर को बाबा केदार के क्षेत्र रक्षक भैरवनाथ के कपाट विधि-विधान से बंद कर दिए गए हैं. इसी के तहत केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. जबकि, बदरीनाथ धाम के कपाट (Badrinath Temple Kapat) आगामी 19 नवंबर को बंद कर दिए जाएंगे.

उत्तरकाशीः विश्व प्रसिद्ध चारधाम में शुमार गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट पर्व पर दोपहर 12.01 बजे विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए (Gangotri Dham Kapat Closed) गए हैं. जिसके बाद मां गंगा की डोली गंगोत्री से अपने शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा के लिए रवाना हुई. आज गंगा जी की उत्सव डोली चंडी देवी मंदिर में रात्रि प्रवास करेगी. जबकि, गुरुवार यानी 27 अक्टूबर को मां गंगा की मूर्ति मुखबा स्थित मंदिर में विराजमान होगी.

बुधवार को सुबह से ही गंगोत्री धाम में गंगा की विदाई की तैयारियां शुरू हो गई थी. इस मौके पर गंगोत्री धाम को रंग बिरेंगे फूलों से भव्य तरीके से सजाया गया था. कपाट बंद करने से पहले गंगा जी का अभिषेक करने के साथ ही गंगालहरी, गंगा सहस्त्रनाम पाठ किया गया. इस दौरान गंगोत्री मंदिर में श्रद्धालुओं ने अखंड ज्योति के दर्शन किए. वहीं, तय मुहूर्त पर 12 बजकर 1 मिनट पर गंगोत्री मंदिर के कपाट बंद (Gangotri temple door closed) कर दिए गए. इसके बाद गंगा जी की भोग मूर्ति को डोली यात्रा के साथ मुखबा के लिए रवाना किया गया.
ये भी पढ़ेंः देवभूमि में दीपावली की धूम, केदार-बदरी मंदिर का दिखा अलौकिक रूप

वहीं, जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री बैंड और स्थानीय ढोल-दमाऊं की अगुआई में डोली यात्रा भैरोंघाटी होते हुए रात्रि विश्राम के लिए चंडी देवी मंदिर पहुंचेगी. जहां सभी पुरोहित रात्रि विश्राम करेंगे. जबकि, इसके बाद गुरुवार सुबह गंगा जी की उत्सव डोली मुखबा गांव जाएगी. जहां शीतकाल में मां गंगा के दर्शन कर सकेंगे. गंगोत्री में सेना की ओर से श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क मेडिकल कैंप और भंडारे का आयोजन किया गया. बता दें कि इस बार कपाट खुलने से लेकर 25 अक्टूबर तक 6,24,451 तीर्थयात्रियों ने मां गंगा के दर्शन किए. वहीं, यमुनोत्री धाम में 4,85,635 तीर्थयात्री पहुंचे हैं.

27 अक्टूबर को बंद होंगे यमुनोत्री धाम के कपाटः वहीं, 27 अक्टूबर को भैया दूज पर दोपहर 12.09 बजे यमुनोत्री के कपाट (Yamunotri Dham Kapat) बंद कर दिए जाएंगे. 27 अक्टूबर की सुबह यमुना की डोली लेने के लिए खरसाली गांव से शनि महाराज की डोली यमुनोत्री पहुंचेगी. जिसके बाद शनि महाराज के नेतृत्व में मां यमुना की डोली खरसाली पहुंचेगी. कपाट बंद होने तक खरसाली में स्थित यमुना मंदिर में मां यमुना के दर्शन श्रद्धालु कर सकेंगे.

27 अक्टूबर को केदारनाथ धाम के कपाट भी होंगे बंदः बता दें कि केदारनाथ धाम के कपाट (Kedarnath Doors Closed Date) भी शीतकाल के लिए विधि विधान के साथ 27 अक्टूबर को बंद होंगे. बीती 22 अक्टूबर को बाबा केदार के क्षेत्र रक्षक भैरवनाथ के कपाट विधि-विधान से बंद कर दिए गए हैं. इसी के तहत केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. जबकि, बदरीनाथ धाम के कपाट (Badrinath Temple Kapat) आगामी 19 नवंबर को बंद कर दिए जाएंगे.

Last Updated : Oct 26, 2022, 2:04 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.