उत्तरकाशी: गंगा को स्वच्छ एवं निर्मल बनाने के लिए भले ही पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा हो, पर गंगा का मायका कहे जाने वाले उत्तरकाशी में ही गंगोत्री से चिन्यालीसौड़ के बीच 12 बड़े और 20 से अधिक छोटे नाले (भागीरथी) गंगा में गिर रहे हैं. हाल ही में एक स्थानीय निवासी ने उजेली के पास गंगा में गिरते गंदे नाले का वीडियो इंटरनेट मीडिया में पोस्ट किया है.
गोमुख से निकलने के बाद गंगा के किनारे पड़ने वाला पहला बड़ा शहर उत्तरकाशी है. यह शहर गंगोत्री धाम का मुख्य पड़ाव भी है. लेकिन, यहां मुख्य बाजार सहित होटल, आश्रम, धर्मशाला के गंदे नाले भी सीधे गंगा में जा रहे हैं. इससे गंगा प्रदूषित हो रही है. वहीं, 8 साल पहले नमामि गंगे और आपदा प्रबंधन के तहत उत्तरकाशी जिले को 4.82 करोड़ रुपए की धनराशि मिली है.
यह धनराशि गंगा प्रदूषण इकाई ने उत्तरकाशी में 1250 मीटर क्षतिग्रस्त सीवर लाइन की मरम्मत, पंप निर्माण तथा चार नालों को टेप करने में खर्च की. इतनी धनराशि खर्च होने के बाद भी गंगा में गिर रहे नालों की गंदगी पर रोक नहीं लग सकी है. हालांकि, जिन चार नालों को टेप करने की बात की गई है, उनमें से तीन नाले ओवर फ्लो होकर सीधे गंगा में जा रहे हैं. केवल, कलेक्ट्रेट से जाने वाले नाले को कुछ हद तक सही टेप किया गया.
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गंगा में गिरने वाले बड़े नालेः
- तांबाखाणी के पास बाजार का बड़ा नाला
- जिला सहकारी बैंक जोशियाड़ा के निकट का नाला
- जोशियाड़ा ट्रक यूनियन का नाला
- कंसेण कोंटिनेंटल के पास का नाला
- जोशियाड़ा टेक्सी स्टैंड के पास का नाला
- कोटी लदाड़ी नाला
- कूड़ा डंपिंग जोन तेखला गदेरे का नाला
- गल्ला गोदाम ज्ञानसू के पास का नाला
- डुंडा सेणी के पास का नाला
- चिन्यालीसौड़ जोगथ मार्ग के पास का नाला
- गंगा में गिर रहे छोटे नाले
- जोशियाड़ा पटवारी चौकी के पास का नाला
- तिलोथ पुल के नगर पालिका कॉम्प्लेक्स के पास का नाला
- तिलोथ पुल के पास वाल्मीकि बस्ती का छोटा नाला
- उजेली के पास दो आश्रमों के गंदे नाले
- गंगोटी के पास का नाला
- काली कमली के पास का नाला
- मैणागाड ज्ञानमू का नाला
- पिपल मंडी चिन्यालीसौड़ नाला
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गंगोत्री धाम में कूड़ाः गंगोत्री धाम में तीर्थयात्रियों के साथ कचरे ने भी इस बार रिकॉर्ड बनाया है. यहां लगभग दो महीने में अब तक सर्वाधिक 10 हजार किलो से अधिक कचरा एकत्रित किया गया है. नगर पंचायत गंगोत्री ने प्लास्टिक बोतल सहित अन्य अजैविक कचरे को बेचकर 9032 रुपए कमाई भी की है. नगर पंचायत गंगोत्री से मिले आंकड़ों के मुताबिक, तीन मई को गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के बाद से 23 जून तक जैविक और अजैविक कुल 10,782 किलो कचरा एकत्रित किया गया. इसमें प्लास्टिक बोतल, गत्ता और पॉलिथीन, भोजन, पत्तल, सब्जी व फलों का अपशिष्ट शामिल रहा. इससे पहले वर्ष 2018 के पूरे यात्रा काल में सर्वाधिक 6 क्विंटल कचरा एकत्रित किया गया था. नगर पंचायत गंगोत्री के अधिशासी अधिकारी रविराज बंगारी का कहना है कि यात्रा काल में धाम में प्रतिदिन 200 किलो गीला जैविक कचरा और 100 किलो सूखा अजैविक कचरा एकत्रित किया.