उत्तरकाशी: सीमांत दर्शन योजना के तहत पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित आईटीबीपी के जाडुंग पोस्ट पहुंचे. जहां उन्होने आईटीबीपी जवानों से 1962 के समय RSS के योगदान को याद किया.
उन्होंने बताया कि उस समय RSS सरसंचालक गुरुजी गोलवलकर ने प्रधानमंत्री नेहरू को 1957 में आगाह कर दिया था कि चीन हमला कर सकता है. उनका अंदेशा सही निकला और 1962 में चीन ने हमला कर दिया. उस समय RSS ने राष्ट्र की रक्षा के लिए सेना की मदद की थी, जिससे प्रभावित होकर तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू ने RSS को गणतंत्र दिवस की परेड में आमंत्रित कर सम्मान दिया था.
उन्होंने कहा कि आरएसएस के कार्यों से प्रभावित होकर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने RSS को उनके गणवेश में 1963 की गणतंत्र दिवस की परेड में आमंत्रित किया था. इसके अलावा त्रिवेंद्र ने अपने कार्यकाल में स्वीकृत गड़तांग गली पुनर्निर्माण और भैरो घाटी में प्रस्तावित स्नो लेपर्ड कन्जर्वेशन सेंटर के निर्माण को लेकर निरीक्षण किया.
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त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जाडुंग में सेना अधिकारियों के साथ सुरक्षा और पर्यटन के दृष्टिकोण से सामांजस्य बिठाकर नेलॉन्ग जाडुंग को खोलने पर चर्चा की. बता दें कि गड़तांग गली पुनर्निर्माण और स्नो लेपर्ड कन्जर्वेशन सेंटर को त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल में ही स्वीकृति मिली थी. त्रिवेंद्र रावत ने गड़तांग गली का भी निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि यह प्रदेश में 12 माह पर्यटन के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा. इसके साथ ही त्रिवेंद्र ने जाड़ समुदाय के जाडुंग और नेलॉन्ग गांव से बगोरी गांव में विस्थापित ग्रामीणों से भी मुलाकात की. साथ ही हर्षिल मास्टर प्लान के कार्यों का भी निरीक्षण किया.