उत्तरकाशी: कोरोना लॉकडाउन के चलते जहां लोग अपने-अपने घरों में कैद है, वहीं वन्य जीव बेखौफ होकर बाहर घुम रहे है. इसी क्रम में करीब 2,390 वर्ग किलोमीटर में फैला गंगोत्री नेशनल पार्क विशेष दुर्लभ प्रजातियों के वन्य जीवों के लिए जाना जाता है. भरल सहित हिम तेंदुआ जैसी दुर्लभ वन्य जीव प्रजातियां इस पार्क की शान मानी जाती हैं. तो वहीं इस वर्ष लॉकडाउन के दौरान गंगोत्री नेशनल पार्क में पांच दुर्लभ प्रजातियां पहली बार भारतीय वन्य जीव संस्थान और वन विभाग के कैमरों में कैद हुई हैं.
विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह पर्यावरण के दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण और शुभ संकेत हैं. गंगोत्री नेशनल पार्क में गत वर्ष वन्य जीव संस्थान की ओर से 274 और वन विभाग की ओर से 36 कैमरे लगाए गए थे.
वन प्रभाग के डीएफओ संदीप कुमार ने बताया कि गत वर्ष भारतीय वन्य जीव संस्थान और वन विभाग ने सिक्योर हिमालय के तहत गंगोत्री नेशनल पार्क में हिम तेंदुआ के संरक्षण और उनकी जानकारी के लिए कैमरे लगाए थे. जिसमें पांच दुर्लभ प्रजातियां पहली बार इन कैमरों में कैद हुई हैं. इसमें बिल्लियों की दो प्रजातियां पालाश कैट और युरोशियन लिंक्स मुख्य हैं. साथ ही इनके साथ वाइल्ड डॉग सहित अर्गली भी दिखा है जो भरल की एक प्रजाति होती है. साथ ही ऊनी गिलहरी कैमरों में कैद हुई हैं.
पढ़ें: लॉकडाउन में गई नौकरी तो 500 किमी साइकिल चलाकर हरियाणा से श्रीनगर पहुंचा वीरेंद्र
डीएफओ संदीप कुमार ने बताया कि गंगोत्री नेशनल पार्क से बाहर भी गंगोत्री और हर्षिल घाटी के डबरानी सहित सोनगाड आदि स्थानों में भी गंगोत्री हाईवे से वन्य जीवों की अच्छी संख्या देखने को मिल रही हैं. साथ ही चिड़ियों की भी कई प्रजातियां इन क्षेत्रों में देखने को मिली हैं. इन दिनों लॉकडाउन के चलते गंगोत्री और हर्षिल घाटी में मानवीय आवाजाही बंद है. साथ ही गंगोत्री नेशनल पार्क के भीतर भी सीमित लोगों के जाने की अनुमति है. जिसके चलते पर्यावरण पर अच्छा संकेत देखने को मिला है.