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5 रुपये किलो बिक रहा टमाटर, किसानों को लागत निकालने के भी पड़े लाले

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Published : Jul 14, 2019, 4:59 AM IST

Updated : Jul 14, 2019, 8:46 AM IST

इनदिनों खेतों से टमाटर मंडियों तक पहुंचने लगे हैं, लेकिन मंडी में टमाटर औने-पौने दामों में बिक रहे हैं. जिससे किसान काफी हतोत्साहित हैं. किसानों का कहना है कि मंडी में टमाटर पांच से सात रुपये प्रति किलो के दाम पर बिक रहा है. जिससे उन्हें लागत भी नहीं मिल पा रहा है.

tomato price

पुरोलाः सब्जी मंडियों में इनदिनों पहाड़ों से टमाटर आने लगे हैं, लेकिन किसानों को अपनी नगदी फसल टमाटर के अच्छे दाम नहीं मिल रहे हैं. जिससे किसान काफी मायूस नजर आ रहे हैं. किसानों का कहना है कि बीते साल के मुकाबले इस बार उनके टमाटर काफी कम दाम पर बिक रहे हैं. टमाटर की सही कीमत ना मिलने से फसल उत्पादन में लगी लागत भी नहीं निकल पा रही है.

टमाटर के दाम गिरने से मायूस किसान.

बता दें कि उत्तरकाशी जिले के रवाईं घाटी में काफी टमाटर का उत्पादन किया जाता है. इनदिनों खेतों से टमाटर मंडियों तक पहुंचने लगे हैं, लेकिन मंडी में टमाटर औने-पौने दामों में बिक रहे हैं. जिससे किसान काफी हतोत्साहित हैं. किसानों का कहना है कि मंडी में टमाटर पांच से सात रुपये प्रति किलो के दाम पर बिक रहा है. जिससे उन्हें लागत भी नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने कहा कि बीज और खाद समेत अन्य जरुरतों के लिए बैंको से ऋण लिया था, लेकिन रेट ना मिलने से कर्ज चुकाने के साथ रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

ये भी पढ़ेंः चंद्र ग्रहण के चलते 16 जुलाई को बंद रहेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट

वहीं, काश्तकारों ने सरकार से क्षेत्र में ही एक सब्जी मंडी खोलने की मांग है. जिससे कास्तकारों की मेहनत का मुनाफा सीधा उन्हें ही मिले. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में मंडी खुलने से किसान बिचौलिए से बच सकते हैं. ऐसे में उनकी फसलें औने-पौने दामों में नहीं बिकेगी. साथ ही इससे कास्तकारों की आर्थिकी भी मजबूत होगी.

पुरोलाः सब्जी मंडियों में इनदिनों पहाड़ों से टमाटर आने लगे हैं, लेकिन किसानों को अपनी नगदी फसल टमाटर के अच्छे दाम नहीं मिल रहे हैं. जिससे किसान काफी मायूस नजर आ रहे हैं. किसानों का कहना है कि बीते साल के मुकाबले इस बार उनके टमाटर काफी कम दाम पर बिक रहे हैं. टमाटर की सही कीमत ना मिलने से फसल उत्पादन में लगी लागत भी नहीं निकल पा रही है.

टमाटर के दाम गिरने से मायूस किसान.

बता दें कि उत्तरकाशी जिले के रवाईं घाटी में काफी टमाटर का उत्पादन किया जाता है. इनदिनों खेतों से टमाटर मंडियों तक पहुंचने लगे हैं, लेकिन मंडी में टमाटर औने-पौने दामों में बिक रहे हैं. जिससे किसान काफी हतोत्साहित हैं. किसानों का कहना है कि मंडी में टमाटर पांच से सात रुपये प्रति किलो के दाम पर बिक रहा है. जिससे उन्हें लागत भी नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने कहा कि बीज और खाद समेत अन्य जरुरतों के लिए बैंको से ऋण लिया था, लेकिन रेट ना मिलने से कर्ज चुकाने के साथ रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

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वहीं, काश्तकारों ने सरकार से क्षेत्र में ही एक सब्जी मंडी खोलने की मांग है. जिससे कास्तकारों की मेहनत का मुनाफा सीधा उन्हें ही मिले. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में मंडी खुलने से किसान बिचौलिए से बच सकते हैं. ऐसे में उनकी फसलें औने-पौने दामों में नहीं बिकेगी. साथ ही इससे कास्तकारों की आर्थिकी भी मजबूत होगी.

Intro:रिपोर्ट- अनिल असवाल,पुरोला,उत्तरकाशी
टमाटरों के दाम घटनें से परेशान पहाड का किसान,बिज खाद की लागत भी नहीं निकाल पा रहा कास्तकार,

एंकर- पहाडों में खेती करनें वाले किसानों की तकलिफें भी पहाड जैसी बडी बडी होती है, पहले मौसम की मार से खराब होती फसलें ,अब मंडियों में फसलों के उचित दाम न मिलनें से कास्तकार भविष्य को लेकर खासा चिंतित दिख रहा है। बात करते हैं उत्तरकाशी जनपद के पुरोला,रवाईं घाटी की जो एक सिजन में करोडों रुपये के टमाटर अन्य राज्यों में सप्लाई करता है लेकिन राज्य की मंडी में औनेपैने दामों में बिक रहे टमाटर से किसान परेशान नजर आ रहा है,,,,,पेश है खास रिपोर्ट ।Body:विओ१- पुरोला विकासखंड के कास्तकार इन दिनों अपनें टमाटरों की तुडान में व्यस्त हैं फसल तो औस्तन अच्छी है पर राज्य की बडी मंडी देहरादून में पांच से सात रुपये प्रति किलो के दाम पर कौडियों के भाव किसानों की टमाटर खरिदी जा रही है जिससे किसान खासा परेशान दिख रहा है किसानों का कहना है की खेती-बाडी बिज,खाद के लिये बैंको से ञण लिया लेकिन मंडी में टमाटरों के घटते रेट से ये सब चुकाने बडे मुश्किल हो रखे हैं ।
बाईट- किशन राणा (किसान )
विओ२-कास्तकारों नें सरकार से मांग की है की छेत्र में एक सब्जी मंडी खोली जाय जिससे कास्तकों की मेहनत का सिधा मुनाफा किसानों को मिले वहीं कास्तकारों को अपनें बच्चों के स्कुल फिस व बूढे मां बाप के दवा मे हो रही खर्चे की चिंता सता रही है।
बाईट- २-सुरेश (किसान )
बाईट-३ मोहन सिंह (किसान )Conclusion:विओ३- किसानों की वर्षों पुरानी सब्जी मंडी की मांग यदी सरकार पुरी करती है तो किसानों की फसलों से होनें वाले मुनाफे में से बिचौलियों को हटाया जा सकता है जिससे कास्तकारों की आर्थिकी और मजबूत हो जायेगी और मुनाफा सिधा किसानों की जेब में
Last Updated : Jul 14, 2019, 8:46 AM IST
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