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उत्तरकाशी में माइनस पहुंचा तापमान, सबसे ज्यादा मुश्किल में नौनिहाल - उत्तराखंड में बढ़ी ठंड

उत्तरकाशी में बर्फबारी के बाद ठंड में इजाफा हुआ है. तापमान माइनस में पहुंच गया है. सबसे ज्यादा परेशानियां स्कूली बच्चों को झेलनी पड़ रही है, जब वे खून जमा देने वाली इस ठंड में सुबह स्कूल जा रहे हैं.

snow fall in uttarkashi
बर्फीली ठंड से स्कूली बच्चे परेशान
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Published : Dec 18, 2019, 1:27 PM IST

Updated : Dec 18, 2019, 1:33 PM IST

उत्तरकाशी: देवभूमि में बर्फबारी के बाद ऊंचाई वाले इलाकों में तापमान में गिरावट जारी है. उत्तरकाशी जिले की बात करें तो यहां जनजीवन अभी भी जीवन अस्त व्यस्त बना हुआ है. खून जमा कर देने वाली इस ठंड में स्कूली बच्चों के लिए भी बर्फ के बीच पढ़ाई करना किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है. हालात ये हो गई है कि ऊंचाई वाले इलाकों में तापमान माइनस में पहुंच गया है.

उत्तरकाशी में माइनस पहुंचा तापमान.

उत्तरकाशी जिले के ऊंचाई वाले इलाकों जिनमें उपला टकनौर क्षेत्र के सुक्की, धराली, हर्षिल, पुराली और जसपुर आदि गांव में अभी भी 2 से 3 फीट बर्फ जमी है. इस कारण जन जीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त हो चुका है.

पढ़ेंः बर्फबारी से देवभूमि में बढ़ी पर्यटकों की आमद, युवा तलाश रहे साहसिक खेलों की संभावना

वहीं, इन सब के बीच सबसे ज्यादा दिक्कत में प्राथमिक विद्यालयों के नौनिहालों हैं. कड़ाके की ठंड के बीच पठन-पाठन में उन्हें सबसे ज्यादा दिक्कतें हो रही हैं. सर्दियों में स्कूलों में उचित व्यवस्थाएं न होने के कारण उनका ठंड से बुरा हाल है. राजकीय प्राथमिक विद्यालय सुक्की की एक छात्रा का कहना है कि उनके गांव में बहुत अधिक बर्फबारी हुई है. ऐसे में अत्यधिक ठंड होने के कारण उनके हाथ-पांव भी ठीक से काम नहीं कर पा रहे हैं.

उत्तरकाशी: देवभूमि में बर्फबारी के बाद ऊंचाई वाले इलाकों में तापमान में गिरावट जारी है. उत्तरकाशी जिले की बात करें तो यहां जनजीवन अभी भी जीवन अस्त व्यस्त बना हुआ है. खून जमा कर देने वाली इस ठंड में स्कूली बच्चों के लिए भी बर्फ के बीच पढ़ाई करना किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है. हालात ये हो गई है कि ऊंचाई वाले इलाकों में तापमान माइनस में पहुंच गया है.

उत्तरकाशी में माइनस पहुंचा तापमान.

उत्तरकाशी जिले के ऊंचाई वाले इलाकों जिनमें उपला टकनौर क्षेत्र के सुक्की, धराली, हर्षिल, पुराली और जसपुर आदि गांव में अभी भी 2 से 3 फीट बर्फ जमी है. इस कारण जन जीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त हो चुका है.

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वहीं, इन सब के बीच सबसे ज्यादा दिक्कत में प्राथमिक विद्यालयों के नौनिहालों हैं. कड़ाके की ठंड के बीच पठन-पाठन में उन्हें सबसे ज्यादा दिक्कतें हो रही हैं. सर्दियों में स्कूलों में उचित व्यवस्थाएं न होने के कारण उनका ठंड से बुरा हाल है. राजकीय प्राथमिक विद्यालय सुक्की की एक छात्रा का कहना है कि उनके गांव में बहुत अधिक बर्फबारी हुई है. ऐसे में अत्यधिक ठंड होने के कारण उनके हाथ-पांव भी ठीक से काम नहीं कर पा रहे हैं.

Intro:उत्तरकाशी। जनपद में हुई बर्फबारी के बाद ऊंचाई वाले इलाकों में तापमान में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। जनपद के ऊंचाई वाले गांव में अभी भी जीवन अस्त व्यस्त है। इसी अस्त व्यस्तता के बीच स्कूली बच्चों के लिए बर्फ के बीच पढ़ना किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है। क्योंकि ऊंचाई वाले गांव में मौसम हल्का सा खराब होते ही तापमान -0 डिग्री जा रहा है। जिस कारण नौनिहालों को पठन पाठन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्कूली बच्चों की जुबानी उनकी परेशानी। Body:वीओ-1, जनपद के ऊंचाई वाले इलाकों उपला टकनौर क्षेत्र के सुक्की सहित धराली, हर्षिल,पुराली और जसपुर आदि गांव में अभी भी 2 से 3 फीट बर्फ जमा है। जिस कारण जन जीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त हो चुका है। वहीं इस सब के बीच सबसे ज्यादा दिक्कते प्राथमिक विद्यालयों के नौनिहालों को हो रही हैं। कड़ाके की ठंड के बीच पठन पाठन में सबसे ज्यादा दिक्कतें हो रही हैं। वहीं सर्दियों में स्कूलों में उचित व्यवस्थाएं न होने के कारण सबसे ज्यादा परेशानी नोनिहालों को हो रही है। Conclusion:वीओ-2, राजकीय प्राथमिक विद्यालय सुक्की की छात्रा का कहना है कि उनके गांव में बहुत अधिक बर्फबारी हुई है। जिस कारण अधिक ठंड होने के कारण लिखते हुए उनके हाथ कई बार काम नहीं कर रहे हैं। साथ ही स्कूल में बिजली की समुचित व्यवस्था न होने के कारण ठंड में सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एक छोटी सी छात्रा अपनी समस्या को स्वयं बयां कर रही है। बाईट- स्कूली छात्रा, राजकीय प्राथमिक विद्यालय सुक्की।
Last Updated : Dec 18, 2019, 1:33 PM IST
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