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खबर का असरः टूटी बल्लियों की जगह पर वन विभाग ने बनाई अस्थाई पुलिया - temporary bridge on halara

ईटीवी भारत की खबर का संज्ञान लेते हुए वन विभाग ने सांकरी-तालुका मोटर मार्ग पर हलारा गाड़ में अस्थाई पुलिया का निर्माण कर दिया है. अभी तक ग्रामीण टूटी हुई बल्लियों के सहारे जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे थे.

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पुलिया का निर्माण
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Published : Aug 10, 2020, 8:02 PM IST

उत्तरकाशीः ईटीवी भारत की खबर का एक बार फिर से बड़ा असर हुआ है. ईटीवी भारत ने मोरी तहसील के सुदूरवर्ती सांकरी-तालुका मोटर मार्ग पर हलारा गाड़ के ऊपर टूटी हुई बल्लियों के सहारे जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे ग्रामीणों की खबर को प्रमुखता से दिखाया था. खबर दिखाए जाने के बाद जिला प्रशासन और वन विभाग ने मामले का संज्ञान लिया है और हलारा गाड़ में अस्थाई लकड़ी की पुलिया का निर्माण किया है.

गौर हो कि उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 220 किमी दूर मोरी के सुदूरवर्ती पांच गांव ओसला, गंगाड, पवाणी, ढाटमीर, श्रीगड़ को जोड़ने वाली सांकरी तालुका मोटर मार्ग बह गया था. जहां ग्रामीण उफनती हलारा गाड़ के ऊपर से टूटी हुई बल्लियों के सहारे मजबूरन आवाजाही कर रहे थे. साथ ही ग्रामीण पल-पल मौत का सामना कर थे. इतना ही नहीं ग्रामीण इस स्थिति से बीते 10 दिनों से जूझ रहे थे. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था.

ये भी पढ़ेंः उत्तरकाशीः नीचे उफनती नदी, ऊपर टूटी बल्लियों पर लटकती 'जिंदगी'

वहीं, आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि हलारा गाड़ के ऊपर वन विभाग के कर्मचारियों ने अस्थाई लकड़ी की पुलिया का निर्माण कर लिया है. जिससे सड़क खुलने तक ग्रामीणों की आवाजाही में सुविधा हो सके. साथ ही मंगलवार तक विभाग से सड़क और अन्य क्षेत्र की समस्याओं को लेकर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है. जिससे दूरस्थ ग्रामीणों की असुविधाओं का जल्द समाधान हो सके.

उत्तरकाशीः ईटीवी भारत की खबर का एक बार फिर से बड़ा असर हुआ है. ईटीवी भारत ने मोरी तहसील के सुदूरवर्ती सांकरी-तालुका मोटर मार्ग पर हलारा गाड़ के ऊपर टूटी हुई बल्लियों के सहारे जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे ग्रामीणों की खबर को प्रमुखता से दिखाया था. खबर दिखाए जाने के बाद जिला प्रशासन और वन विभाग ने मामले का संज्ञान लिया है और हलारा गाड़ में अस्थाई लकड़ी की पुलिया का निर्माण किया है.

गौर हो कि उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 220 किमी दूर मोरी के सुदूरवर्ती पांच गांव ओसला, गंगाड, पवाणी, ढाटमीर, श्रीगड़ को जोड़ने वाली सांकरी तालुका मोटर मार्ग बह गया था. जहां ग्रामीण उफनती हलारा गाड़ के ऊपर से टूटी हुई बल्लियों के सहारे मजबूरन आवाजाही कर रहे थे. साथ ही ग्रामीण पल-पल मौत का सामना कर थे. इतना ही नहीं ग्रामीण इस स्थिति से बीते 10 दिनों से जूझ रहे थे. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था.

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वहीं, आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि हलारा गाड़ के ऊपर वन विभाग के कर्मचारियों ने अस्थाई लकड़ी की पुलिया का निर्माण कर लिया है. जिससे सड़क खुलने तक ग्रामीणों की आवाजाही में सुविधा हो सके. साथ ही मंगलवार तक विभाग से सड़क और अन्य क्षेत्र की समस्याओं को लेकर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है. जिससे दूरस्थ ग्रामीणों की असुविधाओं का जल्द समाधान हो सके.

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