उत्तरकाशी: गंगोत्री धाम में मंगलवार शाम से बुधवार सुबह तक विद्युत आपूर्ति ठप रहने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. इस दौरान गंगोत्री धाम में अंधेरा पसरा रहा. पुरोहितों का कहना है कि उरेडा की ओर से लगाई गई सौर ऊर्जा भी धाम में मात्र शोपीस बनी हुई है. उन्होंने कहा कि अंधेरा होने के साथ ही गंगा का जलस्तर भी बढ़ने के कारण बरसात में धाम में भय का माहौल बना हुआ है.
गंगोत्री धाम के पुरोहितों ने कहा कि धाम में ग्रिड की लाइट के साथ उरेडा की परियोजना और सौर ऊर्जा की लाइटें लगी हुई हैं. लेकिन उसके बाद भी धाम में अंधेरा पसरा रहा.
गंगोत्री धाम के पुरोहित और पूर्व व्यापार मंडल अध्यक्ष सतेंद्र सेमवाल ने बताया कि धाम में ग्रिड और उरेडा की परियोजना की विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई. वहीं, गंगोत्री धाम में उरेडा की ओर से स्ट्रीट लाइट लगाई गई थी, जोकि शोपीस बनी हुई है. इसके साथ ही बरसात के कारण गंगा का जलस्तर मंगलवार शाम से लगातार बढ़ा हुआ है. जिसके मंगलवार रात को केदार गंगा और भागीरथी नदी के बीच विष्णु लोक टापू पर दो विशालकाय पत्थर नदी में समा गए.
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सतेंद्र सेमवाल ने बताया कि पत्थरों के नदी में समाने की आवाज इतनी तेज थी कि धाम में मौजूद लोग अपने धर्मशालाओं और कमरों से बाहर निकल आए. उन्होंने कहा कि एक ओर बरसात का रेड अलर्ट जारी किया गया है. तो दूसरी ओर गंगोत्री धाम में गंगा का बढ़ता जलस्तर भी डरा रहा है. लेकिन उसके बाद भी शासन और प्रशासन ने गंगोत्री धाम को उसके हाल पर ही छोड़ा हुआ है.