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शिक्षा मंत्री पैदल ही पहुंच गए पुरोला के सेब बागान देखने !

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Published : Jul 11, 2020, 12:49 PM IST

सूबे के शिक्षा, युवा कल्याण और पंचायती राज मंत्री अरविंद पांडे दो दिवसीय दौरे पर पुरोला पहुंचे हैं. 13 महीनों के पौधों पर लगे सेब देख कर वह आश्चर्य चकित हो उठे. साथ ही राज्य से हो रहे पलायन और बढ़ती बेरोजगारी को रोकने के लिए इंडो डच की इस पहल की खूब तारीफ की.

education minister
शिक्षा मंत्री

पुरोला: सूबे के शिक्षा, युवा कल्याण और पंचायती राज मंत्री अरविंद पांडे दो दिवसीय जनपद दौरे पर पुरोला पहुंचे हैं. अरविंद पांडे कोका कोला इंडो डच हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजी के सहयोग से लगे सेब के बागानों को देखने पैदल ही बाग में पहुंचे. 13 महीनों के पौधों पर लगे सेब देख कर वह आश्चर्य चकित हो उठे. साथ ही राज्य से हो रहे पलायन और बढ़ती बेरोजगारी को रोकने के लिए इंडो डच की इस पहल की खूब तारीफ की.

अरविंद पांडे हरेला कार्यक्रम के चलते जनपद दौरे पर हैं. घाटी में लगे सेब के बगानों को देख वह खुद को नहीं रोक पाए और अपने बिजी कार्यक्रम के बावजूद सेब के बगानों में पगडंडियों के सहारे ही इंडो डच हॉर्टिकल्चर के सहयोग से लगे सेब के उद्यान पतियों से मिलने जा पहुचे. वहां लगे सेब को देख उन्होंने कहा कि बागवानी ही सूबे से पलायन रोकने का एक मात्र ठोस जरिया है. सेब नौजवानों के लिए स्वरोजगार के नए आयाम भी खोलेगा.

पढ़ें: महाराज बोले राज्य में अब मेडिकल टूरिज्म पर जोर, आर्थिक मजबूती के साथ बढ़ेगा रोजगार

आधुनिक बागवानी की इस पहल से जहां जिले के काश्तकार उत्साहित नजर आ रहे हैं. वहीं सूबे के कृषि मंत्री और उद्यान विभाग के आला अधिकारी इस पहल से दूरियां बनाए हुए हैं. जिसके कारण काश्तकार को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

पुरोला: सूबे के शिक्षा, युवा कल्याण और पंचायती राज मंत्री अरविंद पांडे दो दिवसीय जनपद दौरे पर पुरोला पहुंचे हैं. अरविंद पांडे कोका कोला इंडो डच हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजी के सहयोग से लगे सेब के बागानों को देखने पैदल ही बाग में पहुंचे. 13 महीनों के पौधों पर लगे सेब देख कर वह आश्चर्य चकित हो उठे. साथ ही राज्य से हो रहे पलायन और बढ़ती बेरोजगारी को रोकने के लिए इंडो डच की इस पहल की खूब तारीफ की.

अरविंद पांडे हरेला कार्यक्रम के चलते जनपद दौरे पर हैं. घाटी में लगे सेब के बगानों को देख वह खुद को नहीं रोक पाए और अपने बिजी कार्यक्रम के बावजूद सेब के बगानों में पगडंडियों के सहारे ही इंडो डच हॉर्टिकल्चर के सहयोग से लगे सेब के उद्यान पतियों से मिलने जा पहुचे. वहां लगे सेब को देख उन्होंने कहा कि बागवानी ही सूबे से पलायन रोकने का एक मात्र ठोस जरिया है. सेब नौजवानों के लिए स्वरोजगार के नए आयाम भी खोलेगा.

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आधुनिक बागवानी की इस पहल से जहां जिले के काश्तकार उत्साहित नजर आ रहे हैं. वहीं सूबे के कृषि मंत्री और उद्यान विभाग के आला अधिकारी इस पहल से दूरियां बनाए हुए हैं. जिसके कारण काश्तकार को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

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