उत्तरकाशी: इस बार के रक्षाबंधन की डोर भाई-बहन के स्नेह के साथ ही पर्यावरण के प्रति प्रेम का भी प्रदर्शन करेगी. चीड़ के पेड़ की पत्तियों (पिरूल) से बनाई जा रही राखियां पर्यावरण के प्रति संजीदगी के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं में स्वरोजगार की प्रवृत्ति भी बढ़ाएंगी. इन दिनों पुरोला में महिलाएं चीड़ के पिरूल से खास तरह की सुंदर राखी तैयार कर रही हैं. राखी तैयार करने में 18 महिलाएं जुटी हुई हैं. ये महिलाएं अपने चौक चूल्हा, खेत खलियान का कार्य निपटाने के साथ एक दिन में तीन सौ राखियां तैयार कर रही हैं. इनके पास 350 राखियों की डिमांड देहरादून से आई है. स्थानीय बाजार में भी राखी को बेचने के लिए सरकारी स्तर से भी प्रयास किए जा रहे हैं.
पुरोला विकासखंड की हिमाद्री स्वायत्त सहकारिता खडग्या सेम के नेतृत्व में पोरा, खलाड़ी, कोट, देवरा की महिलाएं इन दिनों राखी तैयार कर रही हैं. ये राखी पूरी तरह से ईको फ्रेंडली हैं. एक महिला प्रतिदिन 15 से 20 राखी तैयार कर रही है. इन महिलाओं ने राखी बनाने का प्रशिक्षण कमल घाटी स्वायत्त सहकारिता से लिया. ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना उत्तरकाशी इन्हें सहयोग कर रही है. राखी तैयार करने वाली लक्ष्मी देवी, अनिता जखमोला कहती हैं कि पिरुल के कारण जंगलों में आग तेजी से भड़क जाती है. जंगलों में आग लगने का पिरूल प्रमुख कारण है. उन्होंने पहले यह नहीं सोचा था कि पिरूल का इतना अच्छा उपयोग भी किया जा सकता है. पिरूल से राखियों के अलावा कई तरह की सजवाटी सामग्री भी तैयार की जा सकती हैं.
संतोषी, प्रमीला और ललिता कहती हैं घर का दैनिक कार्य निपटने के बाद वह हर दिन एक दो घंटे राखी बनाती हैं. पिरूल से राखी तैयार करने का कार्य काफी आसान है. फिलहाल दो तरह की राखियां तैयार की जा रही हैं. एक सिंगल डोर और एक डबल डोर वाली राखी हैं. सिंगल डोर वाली राखी की कीमत 20 रुपए और डबल डोर की कीमत 25 रुपए रखी गई है.
पढ़ें- बच्चों ने सीमा पर तैनात जवानों के लिए हाथों से बनाई स्पेशल राखी और ग्रीटिंग कार्ड
ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना उत्तरकाशी के परियोजना प्रबंधक कपिल उपाध्याय ने कहा परियोजना महिलाओं को पूरा सहयोग कर रही है. जिसमें मार्केटिंग और डिजाइनिंग में सहयोग किया गया है. अन्य बाजारों में भी संपर्क किया जा रहा है. इसके साथ ही राखी देहरादून भेजी जाएंगी. स्थानीय बाजारों में संपर्क किया जा रहा है. इससे महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत होंगी.