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उत्तरकाशी के इस गांव को लोगों को कहीं जाने से पहले बनानी पड़ती है सड़क, बन गई है दिनचर्या - उत्तरकाशी न्यूज,

ज्ञानजा गांव की सड़क पूरी तरह से जर्जर होने के कारण ग्रामीणों को आवागमन में भारी परेशानी हो रही है. हालत यह है कि ग्रामीण स्वयं रोज वाहन से उतरकर दलदल वाले हिस्सों में पत्थर भरते हैं उसके बाद वाहन आगे ले जाते हैं.

जर्जर
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Published : Jul 28, 2019, 11:21 PM IST

उत्तरकाशी: भटवाड़ी ब्लॉक के ज्ञानजा गांव के लोग इन दिनों सड़क की बदहाली से परेशान हैं. बरसात के इस मौसम में लोगों का आना-जाना दूभर हो गया है. वहीं प्रशासन इस समस्या को लेकर गंभीर नहीं है. आखिरकार ग्रामीणों ने इस सड़क को बनाने का बीड़ा उठाया. बरसात के चलते दलदल बन चुकी सड़क के गड्ढों में पत्थर भरकर आवाजाही कर रहे हैं.

बदहाल सड़क से ग्रामीणों का आवागमन हुआ दूभर.

दलदल मार्ग से गांव जाने वाले लोग वाहन से उतरते हैं और उसके बाद लग जाते हैं अपनी रोज की दिनचर्या में. यह दिनचर्या कुछ इसलिए है क्योंकि पहले ग्रामीण दलदल में तब्दील सड़क के गड्ढों को पत्थर से भरते हैं और उसके बाद जब वाहन के टायर निकलने के लिए स्थान बन जाता है. तब वहां से निकलते हैं. यह मात्र सड़क का एक ही हिस्सा नहीं है बल्कि आए दिन ग्रामीणों को सड़क स्वयं बनानी पड़ती है और उसके बाद ग्रामीण आए दिन जान जोखिम में डालकर आवाजाही करते हैं.

भटवाड़ी ब्लॉक के ज्ञानजा गांव के लिए करीब 5 वर्ष पूर्व पीएमजीएसवाई की ओर से 5 किमी की सड़क का निर्माण किया था, लेकिन उस सड़क का अभी तक डामरीकरण न होने के कारण हर वर्ष बरसात में सड़क बन्द रहती है. परेशान ग्रामीण गुहार लेकर डीएम के पास पहुंचे.

उसके बाद पीएमजीएसवाई के अधिकारी जागे और सड़क पर पत्थर बिछाने की बात हुई. लेकिन उसके बाद भी सड़क की स्थिति नहीं सुधर पाई है. सिस्टम से हारकर अब ज्ञानजा गांव के ग्रामीण स्वयं रोज वाहन से उतरकर दलदल वाले हिस्सों में पत्थर भरते हैं उसके बाद वाहन आगे ले जाते हैं.

यह भी पढ़ेंः आबकारी और परिवहन विभाग में सिपाहियों की भर्ती शुरू, महिलाएं भी दिखा रहीं दमखम

ग्रामीणों का कहना है कि सिस्टम की अनदेखी से सड़क का डामरीकरण कब होगा, यह कोई नहीं जानता. इसलिए ग्रामीण आए दिन स्वयं सड़क के गड्ढों को भरकर वाहन से आवाजाही करते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि कई बार शासन प्रशासन के पास गुहार लगाई गई, लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है.

इससे पूर्व ग्रामीण ज्ञानजा गांव की सड़क पर स्वयं श्रमदान कर नालियों का निर्माण कर चुके हैं. लेकिन शासन प्रशासन को आइना दिखाने के बाद अब रोज सड़क बनाते हैं और उसके बाद आवाजाही करते हैं.

उत्तरकाशी: भटवाड़ी ब्लॉक के ज्ञानजा गांव के लोग इन दिनों सड़क की बदहाली से परेशान हैं. बरसात के इस मौसम में लोगों का आना-जाना दूभर हो गया है. वहीं प्रशासन इस समस्या को लेकर गंभीर नहीं है. आखिरकार ग्रामीणों ने इस सड़क को बनाने का बीड़ा उठाया. बरसात के चलते दलदल बन चुकी सड़क के गड्ढों में पत्थर भरकर आवाजाही कर रहे हैं.

बदहाल सड़क से ग्रामीणों का आवागमन हुआ दूभर.

दलदल मार्ग से गांव जाने वाले लोग वाहन से उतरते हैं और उसके बाद लग जाते हैं अपनी रोज की दिनचर्या में. यह दिनचर्या कुछ इसलिए है क्योंकि पहले ग्रामीण दलदल में तब्दील सड़क के गड्ढों को पत्थर से भरते हैं और उसके बाद जब वाहन के टायर निकलने के लिए स्थान बन जाता है. तब वहां से निकलते हैं. यह मात्र सड़क का एक ही हिस्सा नहीं है बल्कि आए दिन ग्रामीणों को सड़क स्वयं बनानी पड़ती है और उसके बाद ग्रामीण आए दिन जान जोखिम में डालकर आवाजाही करते हैं.

भटवाड़ी ब्लॉक के ज्ञानजा गांव के लिए करीब 5 वर्ष पूर्व पीएमजीएसवाई की ओर से 5 किमी की सड़क का निर्माण किया था, लेकिन उस सड़क का अभी तक डामरीकरण न होने के कारण हर वर्ष बरसात में सड़क बन्द रहती है. परेशान ग्रामीण गुहार लेकर डीएम के पास पहुंचे.

उसके बाद पीएमजीएसवाई के अधिकारी जागे और सड़क पर पत्थर बिछाने की बात हुई. लेकिन उसके बाद भी सड़क की स्थिति नहीं सुधर पाई है. सिस्टम से हारकर अब ज्ञानजा गांव के ग्रामीण स्वयं रोज वाहन से उतरकर दलदल वाले हिस्सों में पत्थर भरते हैं उसके बाद वाहन आगे ले जाते हैं.

यह भी पढ़ेंः आबकारी और परिवहन विभाग में सिपाहियों की भर्ती शुरू, महिलाएं भी दिखा रहीं दमखम

ग्रामीणों का कहना है कि सिस्टम की अनदेखी से सड़क का डामरीकरण कब होगा, यह कोई नहीं जानता. इसलिए ग्रामीण आए दिन स्वयं सड़क के गड्ढों को भरकर वाहन से आवाजाही करते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि कई बार शासन प्रशासन के पास गुहार लगाई गई, लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है.

इससे पूर्व ग्रामीण ज्ञानजा गांव की सड़क पर स्वयं श्रमदान कर नालियों का निर्माण कर चुके हैं. लेकिन शासन प्रशासन को आइना दिखाने के बाद अब रोज सड़क बनाते हैं और उसके बाद आवाजाही करते हैं.

Intro:भटवाड़ी ब्लॉक के ज्ञानजा गांव के लोग पहले स्वयं सड़क बनाते हैं। उसके बाद दलदल में तब्दील सड़क के गड्डों में पत्थर भरते हैं। और उसके बाद लहराती गाड़ी में ग्रामीण जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं। लेकिन कोई सुध नहीं लेता है। उत्तरकाशी। दलदल में तब्दील सड़क,गांव जा रहे वाहन से ग्रामीण उतरते हैं और उसके बाद लग जाते हैं,अपनी रोज की दिनचर्या। यह दिनचर्या कुछ लग इसलिए है क्योंकि पहले ग्रामीण दलदल में तब्दील सड़क के गड्डों को पत्थर से भरते हैं और उसके बाद जब वाहन के टायर निकलने के लिए स्थान बन जाता है। उसके बाद वाहन लहराता हुआ आगे निकलता है। यह मात्र सड़क का एक ही हिस्सा नहीं है। बल्कि आय दिन ग्रामीणों को सड़क स्वयं बनानी पड़ती है और उसके बाद ग्रामीण आय दिन जान जोखिम में डालकर आवाजाही करते हैं।


Body:वीओ-1, भटवाड़ी ब्लॉक के ज्ञानजा गांव के लिए करीब 5 वर्ष पूर्व पीएमजीएसवाई की और से 5 किमी की सड़क का निर्माण किया था। लेकिन उस सड़क का अभी तक डामरीकरण न होने के कारण हर वर्ष बरसात में सड़क बन्द रहती है। इस वर्ष भी यही स्थिति रही,तो ग्रामीण गुहार लेकर डीएम के पास पहुंचे। उसके बाद पीएमजीएसवाई के अधिकारी जागे। तो सड़क पर पत्थर बिछाने की बात हुई। लेकिन उसके बाद भी सड़क की स्थिति नहीं सुधर पाई है। सिस्टम से हारकर अब ज्ञानजा गांव के ग्रामीण स्वयं रोज वाहन से उतरकर जो सड़क का हिस्सा बारिश के कारण दलदल में तब्दील हो जाता है। उसे पत्थरो से भरते हैं। उसके बाद वाहन आगे आवाजाही करता है।


Conclusion:वीओ-2, ग्रामीणों का कहना है कि सिस्टम की अनदेखी से लगता है कि सड़क का डामरीकरण कब होगा। यह कोई नहीं जानता। इसलिए ग्रामीण आय दिन स्वयं सड़क के गड्डों को भरकर वाहन से आवाजाही करते हैं। कहा कि आय दिन ग्रामीण जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं। लेकिन कई बार शांसन प्रशासन के पास गुहार लगाई गई। लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है। इससे पूर्व ग्रामीण ज्ञानजा गांव की सड़क पर स्वयं श्रमदान कर नालियों का निर्माण कर चुके हैं। लेकिन शांसन प्रशासन को आइना दिखाने के बाद अब रोज सड़क बनाते हैं और उसके बाद आवाजाही करते हैं। बाईट- ग्रामीण,ज्ञानजा।
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