उत्तरकाशी: डीएम मयूर दीक्षित (DM Mayur Dixit) ने मंगलवार को आपदा प्रभावित निराकोट गांव का स्थलीय निरीक्षण किया. जहां पर ग्रामीणों ने डीएम के सामने आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त पेयजल लाइन सहित गदेरे से खतरे की जद में आ चुके भवनों की सुरक्षा के लिए जल्द कार्य करने की मांग की.
ग्रामीणों ने डीएम से मांग करते हुए कहा कि निराकोट गांव के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति मिल गई है, लेकिन उस पर आगे की कार्रवाई नहीं हो पाई. जिस पर डीएम ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को जल्द सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं.
डीएम मयूर दीक्षित प्रशासनिक और विभागीय अधिकारियों के साथ आपदा प्रभावित निराकोट गांव पहुंचे. जहां पर ग्रामीणों ने बताया कि आपदा में गदेरे के कई विशालकाय चीड़ के पेड़ बह कर आए. जोकि जगह-जगह पर अटके हुए हैं. वहीं, अगर ऐसी स्थिति में दोबारा गदेरे में पानी का जलस्तर बढ़ता है तो यह गांव के लिए खतरा हो सकता है. ग्रामीणों ने जल्द ही इन पेड़ों के निस्तारण की मांग की है. साथ ही ग्रामीणों ने पेयजल आपूर्ति बहाल करने और सुरक्षा के दृष्टिकोण से बाढ़ सुरक्षा कार्यों की मांग रखी.
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डीएम मयूर दीक्षित ने कहा कि जल्द ही गांव का जियोलॉजिकल सर्वे (Geological Survey) किया जाएगा. पेयजल निगम को पाइपलाइन ठीक कर आपूर्ति सुचारू करने के निर्देश दिए. डीएम ने कहा कि गांव की सड़क के लिए वन विभाग और लोक निर्माण विभाग को जल्द सभी प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं.