उत्तरकाशी/पुरोला: बीते बुधवार को सीएम तीरथ सिंह रावत ने पौड़ी में हुए खराब सड़क निर्माण मामले में जेई और एई को निलंबित करते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी. वहीं, उत्तरकाशी के सीमांत गोविंद वन्य जीव विहार राष्ट्रीय पार्क के अंतर्गत चल रहे निर्माण कार्यों की जांच में पार्क प्रशासन के उच्च अधिकारियों के अजीब फैसला चर्चा का विषय बना हुआ है.
गोविंद वन्य जीव विहार राष्ट्रीय पार्क के उपनिदेशक की ओर से एक मार्ग निर्माण की जांच आउटसोर्स कर्मचारी को सौंप दी गई है. जबकि पूर्व में इस मार्ग निर्माण की जांच रेंज अधिकारियों की तीन सदस्यीय कमेटी कर चुकी है.
सूचना के अधिकार के तहत खुलासा हुआ है कि सूपिन रेंज के तहत कासला गांव में रिकाटकी ओडि मार्ग बनाने की लागत 8 लाख 32 हजार की बिना टेंडर के शासकीय अनुमति के प्रधान सहायक ने जारी कर दिया था. जिस पर पूर्व उप निदेशक सुबोध कुमार काला ने प्रधान सहायक से जवाब तलब कर रेंज अधिकारी को कार्य रोकने के निर्देश दिए. पूर्व उप निदेशक के ट्रांसफर के बाद वर्तमान उप निदेशक कोमल सिंह के आते ही ठेकेदार ने भुगतान के लिए पार्क प्रशासन को पत्र लिखा.
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ग्रामीणों द्वारा निर्माण कार्य न होने शिकायत पर उप निदेशक ने रेंज अधिकारी को स्थलीय निरीक्षण कर एस्टीमेट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए. रेंज अधिकारी ने 37,657 रुपयों में कार्य होना बताया. उसके बाद फिर उप निदेशक ने तीन रेंज अधिकारियों की कमेटी गठित कर जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए. जांच कमेटी ने 18,641 रुपयों के निर्माण कार्य की पुष्टि की और बताया कि बाकी 2 किमी मार्ग बर्फ से ढका हुआ है.
इस जांच से भी उप निदेशक संतुष्ट नहीं हुए और किसी उच्च अधिकारी को जांच देने की बजाय आउटसोर्स कर्मचारी को जांच सौंप दी. डीएम मयूर दीक्षित का कहना है कि मामला संज्ञान में आते ही डीएफओ उत्तरकाशी नोडल अधिकारी दीप चंद आर्य को प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं.