उत्तरकाशीः पौराणिक और ऐतिहासिक पंचकोसी वारुणी यात्रा पर रोक लग गई है. इस बार कोरोना के बढ़ते सक्रमण को देखते हुए इस यात्रा को निरस्त कर दिया गया है. प्रशासन ने कोरोना संक्रमण के बढ़ने और भीड़ का हवाला देते हुए यात्रा को निरस्त किया है तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता ने मदन कौशिक की जनसभा में 4000 लोगों के पहुंचने का दावा किया है. ऐसे में जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं कि जब धार्मिक यात्रा में कोरोना के नियम लागू हो सकते हैं तो राजनीतिक पार्टियों की जनसभाओं में क्यों नहीं?
दरअसल, जिला प्रशासन ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए आगामी पंचकोसी वारुणी यात्रा को निरस्त कर दिया है. जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम भटवाड़ी ने जिला पंचायत सदस्य गजोली को एक पत्र भेजा है. पत्र में कोरोना संक्रमण के बढ़ने और भीड़ का हवाला देते हुए कहा गया है कि जिला प्रशासन की ओर से इसमें सहयोग नहीं किया जा सकता. इसलिए यात्रा को निरस्त किया जाता है तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की आगामी 7 अप्रैल को जिला मुख्यालय में जनसभा प्रस्तावित है. जिसमें बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता ने 4000 हजार लोगों के पहुंचने का दावा किया है.
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बीजेपी के उत्तरकाशी जिला प्रभारी और बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता विनोद सुयाल ने बताया कि आगामी 6 और 7 अप्रैल को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक जनपद दौरे पर रहेंगे. जिसमें स्वागत रैली और जिला मुख्यालय के हनुमान चौक पर जनसभा का आयोजन किया जाएगा. वहीं, सुयाल ने इस कार्यक्रम के दौरान करीब 4000 हजार लोगों के मौजूद होने का दावा किया है तो प्रेस वार्ता में सुयाल ने कहा कि सभी लोग सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का प्रयोग करेंगे. जिससे कोविड के नियमों का पालन भी किया जा सकें.
हाथ से मुंह ढक रहे बीजेपी नेता, दे रहे कोरोना नियमों पर 'ज्ञान'
वहीं, बीजेपी जिला प्रभारी विनोद सुयाल से कोविड के नियमों पर यह सवाल किया कि प्रेस वार्ता के दौरान ही उन्होंने और पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मास्क का प्रयोग नहीं किया है तो सुयाल यह बोलते नजर आए कि सभी ने मास्क पहना है. वहीं, सुयाल के साथ बैठे बीजेपी नेता हाथ से मुंह ढकते नजर आए. बरहाल, यह दो अलग-अलग मानक जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करते हैं कि जिले की एकदिवसीय पौराणिक धार्मिक यात्रा पर रोक लग सकती है तो सत्ताधारी पार्टी की रैलियों और जनसभाओं पर यह नियम लागू क्यों नहीं होते?