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उत्तरकाशी में युद्धस्तर पर रेस्क्यू जारी, 3 हेलीकॉप्टरों की मदद से सामान पहुंचा रही SDRF

उत्तरकाशी में बारिश ने जमकर कहर बरपाया. इस दौरान बदल फटने से 12 लोगों की मौत हो गई. SDRF लगातार लोगों की मदद में जुटी है. तीन हेलीकॉप्टरों की मदद से इलाके में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है.

उत्तरकाशी में युद्ध स्तर पर चल रहा राहत बचाव कार्य.
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Published : Aug 19, 2019, 4:23 PM IST

Updated : Aug 19, 2019, 7:37 PM IST

उत्तरकाशी: उत्तराखंड में लगातार जारी बारिश और भूस्खलन से जल-प्रलय जैसा मंजर है. प्रदेश के तमाम क्षेत्रों में कुदरत का कहर जारी है. ऐसे में संपर्क मार्ग बहने से पहाड़ों पर बसे सैकड़ों गांवों का संपर्क देश दुनिया से कट गया है. वहीं उत्तरकाशी के मोरी तहसील के आराकोट बंगाण क्षेत्र के टिकोची में बादल फटने से 12 लोगों की मौत हुई. वहीं आपदा राहत-बचाव कार्य के लिए वायुसेना का हेलीकाप्टर भी लगाया गया है. साथ ही आपदा में फंसे लोगों के लिए राहत सामग्री भेजी जा रही है.

बता दें कि उत्तरकाशी में बिगड़े हालातों को देखते हुए लगातार एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन सतर्क है. लिहाजा एसडीआरएफ घायलों को उत्तरकाशी से रेस्क्यू कर देहरादून पहुंचा रही है.

उत्तरकाशी आपदा प्रभावित क्षेत्र में रेस्क्यू अभियान जारी.

वहीं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रभारी सचिव एसए मुरुगेशन ने बताया कि अभी तक करीब 12 लोगों की मौत हो गई है. साथ ही 5 लोग लापता हैं. हेलीकॉप्टर के माध्यम से आपदा प्रभावितों के लिए नजदीकी बाजार त्यूणी से खाने-पीने की सामग्री और दवाइयां भेजी जा चुकी हैं. जिसे आराकोट इंटर कॉलेज में स्टोर किया जा रहा है. जिससे फंसे हुए लोगों को कुछ दिनों तक राहत पहुंचाई जा सके. साथ ही बताया कि कई गांवों में राहत बचाव के लिए एसडीआरएफ की टीमें रवाना कर दी गई हैं.

ये भी पढ़े: उत्तरकाशी आपदा पर आपदा सचिव की प्रेस कांफ्रेंस

वहीं.स्थानीय निवासियों ने बताया कि बादल फटने के बाद से सभी गांववासी काफी परेशान हैं. उनका बहुत नुकसान हुआ है. साथ ही करीब 10 से 20 लोग बह गए हैं. साथ ही कई मवेशी भी बह गए हैं. सभी संपर्क मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं. उधर, डीएम डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि राहत बचाव के लिए 3 हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं. इसके साथ ही आपदा प्रभावितों के लिए राशन और दवाइयां भी भेज दी गई हैं.

उत्तरकाशी: उत्तराखंड में लगातार जारी बारिश और भूस्खलन से जल-प्रलय जैसा मंजर है. प्रदेश के तमाम क्षेत्रों में कुदरत का कहर जारी है. ऐसे में संपर्क मार्ग बहने से पहाड़ों पर बसे सैकड़ों गांवों का संपर्क देश दुनिया से कट गया है. वहीं उत्तरकाशी के मोरी तहसील के आराकोट बंगाण क्षेत्र के टिकोची में बादल फटने से 12 लोगों की मौत हुई. वहीं आपदा राहत-बचाव कार्य के लिए वायुसेना का हेलीकाप्टर भी लगाया गया है. साथ ही आपदा में फंसे लोगों के लिए राहत सामग्री भेजी जा रही है.

बता दें कि उत्तरकाशी में बिगड़े हालातों को देखते हुए लगातार एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन सतर्क है. लिहाजा एसडीआरएफ घायलों को उत्तरकाशी से रेस्क्यू कर देहरादून पहुंचा रही है.

उत्तरकाशी आपदा प्रभावित क्षेत्र में रेस्क्यू अभियान जारी.

वहीं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रभारी सचिव एसए मुरुगेशन ने बताया कि अभी तक करीब 12 लोगों की मौत हो गई है. साथ ही 5 लोग लापता हैं. हेलीकॉप्टर के माध्यम से आपदा प्रभावितों के लिए नजदीकी बाजार त्यूणी से खाने-पीने की सामग्री और दवाइयां भेजी जा चुकी हैं. जिसे आराकोट इंटर कॉलेज में स्टोर किया जा रहा है. जिससे फंसे हुए लोगों को कुछ दिनों तक राहत पहुंचाई जा सके. साथ ही बताया कि कई गांवों में राहत बचाव के लिए एसडीआरएफ की टीमें रवाना कर दी गई हैं.

ये भी पढ़े: उत्तरकाशी आपदा पर आपदा सचिव की प्रेस कांफ्रेंस

वहीं.स्थानीय निवासियों ने बताया कि बादल फटने के बाद से सभी गांववासी काफी परेशान हैं. उनका बहुत नुकसान हुआ है. साथ ही करीब 10 से 20 लोग बह गए हैं. साथ ही कई मवेशी भी बह गए हैं. सभी संपर्क मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं. उधर, डीएम डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि राहत बचाव के लिए 3 हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं. इसके साथ ही आपदा प्रभावितों के लिए राशन और दवाइयां भी भेज दी गई हैं.

Intro:नोट - फीड ftp से भेजी गई है.....uk_deh_02_uttarkashi_disaster_vis_7205803

उत्तराखंड में लगातार जारी बारिश और भूस्खलन से जल-प्रलय जैसा मंजर हो गया है। प्रदेश के तमाम जगहो पर कुदरत का कहर जारी है। तो वहीं संपर्क मार्ग बहने से पहाड़ों पर बसे सैंकड़ों गांवों का संपर्क भी कट गया है। सीमांत जिला मुख्यालय उत्तरकाशी के मोरी क्षेत्र में बंगाण, आराकोट क्षेत्र के टिकोची में बादल फटने से 10 लोगों की मौत और करीब 6 लोगो के लापता की खबर सामने आ रही है। इसके साथ ही उत्तरकाशी में आयी भीषण आपदा में घायल हुए घायलों को आपदा प्रबंधक विभाग रेस्क्यू कर हॉस्पिटल पहुंचाया जा रहा है। वहीं, आपदा से राहत, बचाव कार्य के लिए वायु सेना का हेलीकाप्टर भी लगाया गया है। आपदा में फसे लोगो के लिए राहत सामग्री भेजी जा रही है। 



Body:यही नहीं उत्तरकाशी के आराकोट क्षेत्र में कई लोग जल प्रलय में बह गए और दब गए है। वंही पुल के साथ ग्रामीण रास्ते ध्वस्त हो गए है। और कई सरकारी गैर सरकारी भवन में नदी में समा गए है। ग्रामीण अपने घरों को छोड़ दूसरी जगह शरण लिए हुए है। वंही ग्रामीणों के कई खेत मे नदी के प्रचंड वेग में समा गए है। चारो तरफ बस आपदा के मंजर देखा जा रहा है। शवो को खोजबीन जारी है। टोंस नदी, पावर नदी खतरे के निशान पार कर एक बड़े क्षेत्र में नुकसान पहुँचाया है। आराकोट क्षेत्र के नदी नालों पूरी तरह से उफान पर है। इसके साथ ही भारी बारिश से क्षेत्र की नदियों का जल स्तर इतना बढ़ गया है, जिसके करीब दर्जन भर से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए।


आराकोट क्षेत्र में बीते शनिवार देर रात को अतिवृष्टि हुई है। जिससे क्षेत्र के डगोली, ईशाली ,मुलाना, मोल्डी, बरनाली, चिंवा, टिकौची, आराकोट, गोकुल, जोटाड़ी, मौंडा, बलावट सनैल आदि गांव में नुकसान पहुंचा है। जिसमें सबसे ज्यादा नुकसान तबाही डगोली, टिकोची आराकोट, मोल्डा गांव में हुआ है। इसके साथ ही उत्तरकाशी के मोरी ब्लॉक के आराकोट क्षेत्र में रविवार सुबह हुई अतिवृष्टि होने से नुकसान का जायजा व प्रभावित परिवारों को मदद पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन ने पुलिस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की संयुक्त टीम, सहित रेडक्रॉस, खाद्य आपूर्ति, राजस्व, आईटीबीपी, क्यूआरटी, पेयजल, सड़क, सतलुज जल विद्युत परियोजना,की संयुक्त टीम मौके पर मौजूद है और राहत बचाव कार्य कर रहे है।


उत्तरकाशी में बिगड़े हालातों को देखते हुए लगातार एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन सतर्क है लिहाजा घायलों की जान बचाने के लिए एसडीआरएफ, आपदा में घायल, घायलों को उत्तरकाशी से रेस्क्यू कर देहरादून पहुंचाया जा रहा है। फिलहाल अभी तक चार घायलों को देहरादून के दून अस्पताल पहुंचाया गया है। जहां घायलों का इलाज चल रहा है, इसके साथ अभी करीब 10 और घायलों को चॉपर से रेस्क्यू कर देहरादून के अस्पताल लाया जाएगा, जहा घायलों का इलाज किया जायेगा। इसके साथ ही देहरादून से आपदा प्रभावितो को राहत सामग्री भेजी जा रही है। 


वही आपदा प्रबंधन विभाग के प्रभारी सचिव एस० ए० मुरुगेशन ने बताया कि अभी तक करीब 10 लोगो की मौत और 6 लोग लापता है। और हेलीकाप्टर के माध्यम से आपदा प्रभावितो के लिए नजदीकी बाजार त्यूणी से खाने-पीने की सामग्री और दवाइया भेजी जा चुकी हैं। इसके साथ ही एसडीएफएफ टीम भी बाया रोड खाद्य सामग्री दवाईया भी भेजी गयी है। जो आराकोट इंटर कॉलेज में स्टोर कर ली गयी है। जिससे जो लोग फंसे हुए है कुछ दिन तक खाना खा रहे है। इसके साथ ही अगर किसी और जगह खाद्य सामग्री की जरुरत होगी तो वही से चॉपर और सड़क के माध्यम से पहुंचाया जायेगा। इसके साथ ही कई गावो में रहत बचाव के लिए एसडीआरएफ टीम रवाना कर दी गयी है। ताकि वह के स्थानीय निवाशियो रेस्क्यू कर सुरक्षित जगह पहुंचाया जा सके। 

बाइट - एस ए मुरुगेशन, प्रभारी सचिव, आपदा प्रबंधन, उत्तराखण्ड 


वही शाला गांव के स्थानीय निवासी ने बताया कि शाला गांव में बदल फटने के बाद से सभी गांव वासी बहुत परेशान है। और बहुत नुक्सान हुआ है साथ ही करीब 10 से 20 लोग बह गए है, साथ ही कई मवेशियों भी बह गए है। इसके साथ ही आस पास के तमाम गावो में भी बहुत नुक्सान हुआ है। और सरे संपर्क मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए है। 

बाइट - स्थानीय निवासी, शाला गांव 


राहत बचाव कार्य के लिए मोके पर पहुंचे उत्तरकाशी डीएम ने खुद मोर्चा संभाला साथ ही एसडीआरएफ और तमाम अधिकारिओ को जरुरी दिशा निर्देश भी दिए वही मौके पर उत्तरकाशी के डीएम डॉ आशीष चौहान ने बताया कि राहत बचाव के लिए 3 चॉपर लगाए गए है। और लोगो का रेस्क्यू किया जा रहा है इसके साथ ही आपदा प्रभावितो के लिए रासन और दवाइया भी भेज दी गयी है।

बाइट - डॉ आशीष चौहान, डीएम, उत्तरकाशी


Conclusion:
Last Updated : Aug 19, 2019, 7:37 PM IST
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