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उत्तरकाशीः आराकोट बंगाण को मदद की दरकार, आपदा में हुआ था भारी नुकसान

उत्तरकाशी जनपद के सीमान्त आराकोट बंगाण क्षेत्र में पिछले वर्ष प्राकृतिक आपदा ने भारी तबाही मचाई थी. अभी तक सरकार उनके जख्मों पर मरहम नहीं लगा पाई.

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Published : Feb 14, 2020, 3:18 PM IST

आराकोट बंगाण को नहीं मिली सरकारी मदद .
आराकोट बंगाण को नहीं मिली सरकारी मदद .

उत्तरकाशीः बीते वर्ष अगस्त माह में उत्तरकाशी जनपद के सीमान्त आराकोट बंगाण क्षेत्र में प्रकृति ने इस कदर कहर बरपाया कि कई लोग बेघर हो गए, तो कई की खेती की जमीन बह गई. उसके बाद आपदा प्रभावित लोगों को उम्मीद थी कि प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन उनके जख्मों पर मरहम लगाएगी, लेकिन दुर्भाग्य कि अभी तक आपदा प्रभावित लोग आपदा के जख्मों से जूझ रहे हैं. वहीं, आरोप है कि विभाग उनकी योजनाओं को दूसरे स्थानों पर प्रयोग कर रहे हैं.

आराकोट बंगाण को नहीं मिली सरकारी मदद.

आराकोट बंगाण क्षेत्र में आई आपदा के बाद अभी भी कई स्थानों पर नव निर्माण के कार्य नहीं हो पाए हैं, तो वहीं आपदा प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों का आरोप है कि लोक निर्माण विभाग की ओर से बाढ़ और सुरक्षा के नाम पर 25 निविदाओं को मोरी ब्लॉक के लिए आमंत्रित किया गया. वहीं, आज तक इन निविदाओं में आपदा प्रभावित क्षेत्र आराकोट बंगाण को उपेक्षित रखा गया है, जिससे स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश का माहौल बना हुआ है.

यह भी पढ़ेंः प्रदेश में सवा लाख कर्मचारी करेंगे कार्य बहिष्कार, जानिए क्या है वजह

आराकोट क्षेत्र के ग्रामीण मनमोहन सिंह चौहान का कहना है कि जहां पर बाढ़ और सुरक्षा के कार्य किये जाने थे उसकी लोक निर्माण विभाग ने उपेक्षा की है. निविदाएं दूसरे क्षेत्र में लगाई गईं हैं. वहीं, इस संबंध में ग्रामीणों ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से भी मुलाकात की, लेकिन संतोषजनक जवाब न मिल पाने के कारण अब ग्रामीणों ने आंदोलन की चेतावनी दी है. साथ ही इन निविदाओं को निरस्त करने की मांग की है.

उत्तरकाशीः बीते वर्ष अगस्त माह में उत्तरकाशी जनपद के सीमान्त आराकोट बंगाण क्षेत्र में प्रकृति ने इस कदर कहर बरपाया कि कई लोग बेघर हो गए, तो कई की खेती की जमीन बह गई. उसके बाद आपदा प्रभावित लोगों को उम्मीद थी कि प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन उनके जख्मों पर मरहम लगाएगी, लेकिन दुर्भाग्य कि अभी तक आपदा प्रभावित लोग आपदा के जख्मों से जूझ रहे हैं. वहीं, आरोप है कि विभाग उनकी योजनाओं को दूसरे स्थानों पर प्रयोग कर रहे हैं.

आराकोट बंगाण को नहीं मिली सरकारी मदद.

आराकोट बंगाण क्षेत्र में आई आपदा के बाद अभी भी कई स्थानों पर नव निर्माण के कार्य नहीं हो पाए हैं, तो वहीं आपदा प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों का आरोप है कि लोक निर्माण विभाग की ओर से बाढ़ और सुरक्षा के नाम पर 25 निविदाओं को मोरी ब्लॉक के लिए आमंत्रित किया गया. वहीं, आज तक इन निविदाओं में आपदा प्रभावित क्षेत्र आराकोट बंगाण को उपेक्षित रखा गया है, जिससे स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश का माहौल बना हुआ है.

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आराकोट क्षेत्र के ग्रामीण मनमोहन सिंह चौहान का कहना है कि जहां पर बाढ़ और सुरक्षा के कार्य किये जाने थे उसकी लोक निर्माण विभाग ने उपेक्षा की है. निविदाएं दूसरे क्षेत्र में लगाई गईं हैं. वहीं, इस संबंध में ग्रामीणों ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से भी मुलाकात की, लेकिन संतोषजनक जवाब न मिल पाने के कारण अब ग्रामीणों ने आंदोलन की चेतावनी दी है. साथ ही इन निविदाओं को निरस्त करने की मांग की है.

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