उत्तरकाशी: सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों के बाहर निकलने को लेकर ग्रामीणों में भी उत्साह देखने को मिला. सुबह जैसे ही रेस्क्यू ऑपरेशन के पूरा होने की सूचना आई तो लोग धीरे-धीरे सिलक्यारा पहुंचना शुरू हुए. दोपहर बाद तक सुरंग के बाहर बड़ी संख्या में लोगों का जमावड़ा लग गया. देर शाम जब मजदूर बाहर निकलना शुरू हुए तो लोगों ने बाबा बौखनाग के जयकारे लगाए. इस दौरान लोग मजदूरों की एक झलक देखने के लिए लालायित दिखाई दिए.
सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को लेकर ग्रामीणों में भी चिंता बनी हुई थी. ग्रामीण घटना की कवरेज करने पहुंचे मीडिया कर्मियों से भी मजदूरों के बाहर निकलने की जानकारी पूछते रहते थे. मंगलवार सुबह जब मैनुअल ड्रिलिंग के कुछ घंटों में पूरा होने की खबर आई तो यह आसपास के क्षेत्रों में तेजी के साथ फैली. सूचना पर बड़ी संख्या ग्रामीण महिलाएं व पुरुष सिलक्यारा पहुंचे. महिलाओं ने श्रमिकों की सलामती के लिए भजन किर्तन का आयोजन किया.वहीं दिनभर वह सभी के सकुशल बाहर आने की मनौतियां मांगते रहे.
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स्थानीय खुशपाल सिंह परमार ने कहा कि यह बाबा बौखनाग का आशीर्वाद है कि सभी मजदूर 17 दिन बाद भी सुरंग के अंदर सकुशल हैं.मजदूरों को 17 दिन बाद निकालने को लेकर ग्रामीणों में भी उत्साह देखने को मिला.वहीं आसपास के कई गांवों के लोग सिलक्यारा सुरंग स्थल पर जुटे रहे. देर रात तक लोग मजदूरों के निकलने का इंतजार करते दिखाई दिए. मजदूर जब बाहर निकले उस समय का नजारा देखने लायक था. जिसके बाद मजदूरों को एंबुलेंस से हॉस्पिटल ले जाया गया.
टिहरी बांध परियोजना के अधिशासी निदेशक ने दी बधाई: वहीं सिलक्यारा टनल में 41 श्रमिकों के सकुशल रेस्क्यू पर टिहरी बांध परियोजना के अधिशासी निदेशक एलपी जोशी ने पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम धामी के साथ ही सभी एजेंसियों और अधिकारियों कर्मचारियों को बधाई व धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि 17 दिनों तक रेस्क्यू टीमें पूरी शिद्दत से कार्य में जुटी रही, जिसके बाद आखिरकार उन्हें सफलता मिली.