उत्तरकाशी: विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम में मन्दिर और भागीरथी शिला की ओर गंगा घाटों का निर्माण किया जा रहा है. जिसको लेकर गंगोत्री धाम के पुरोहितों का कहना है कि गंगा के प्रवाह बदलने से गंगा के दूसरी ओर बने आश्रमों और भवनों पर खतरा मंडराने लगा है. जिसको लेकर पुरोहितों ने डीएम से मांग की है कि गंगा के दूसरे किनारे को भी सुरक्षित किया जाए.
बता दें कि गंगोत्री धाम में मुख्य मंदिर की ओर से वेबकोस कम्पनी मुख्य गंगा स्नान घाटों का निर्माण कर रही है. इस निर्माण के दौरान कार्यदायी संस्था ने गंगा के प्रवाह को दूसरी छोर की ओर मोड़ दिया है. वहीं, गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि गंगोत्री में गंगा सर्पाकार में बहती थी. जिससे गंगा के दोनों किनारे सुरक्षित थे. तो, वहीं अब एक किनारा घाट बनने से सुरक्षित हो जाएगा. लेकिन दूसरा किनारे पर आश्रमों, भवनों और होटलों के लिए खतरा बन गया है.
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वहीं, पुरोहितों का कहना है कि अभी गंगोत्री में गंगा भागीरथी में बहुत अधिक मलबा भी एकत्रित है. जिस कारण बरसात में नदी का जलस्तर बढ़ेगा और गंगा के दूसरे किनारे के लिए बड़ा खतरा बन जायेगा. इसलिए पुरोहितों ने मांग की है कि दूसरे किनारे को भी यात्रा से पहले सुरक्षित किया जाए.
वहीं, उत्तरकाशी डीएम मयूर दीक्षित ने बताया कि कार्यदायी संस्था को निर्देश दिए गए हैं कि नदी के प्रवाह के साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ न कि जाए. साथ ही गंगा के दूसरे किनारे को भी सुरक्षित किया जाए. जिससे यात्रा के दौरान स्थानीय लोगों और यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो.