उत्तरकाशी: सिलक्यारा टनल बचाव अभियान के सफलता के करीब एक महीने बाद टनल कंस्ट्रक्शन कंपनी ने टनल के प्रवेश द्वार पर बौखनाग देवता के भव्य मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया. टनल हादसे के दौरान टनल के दाहिनी ओर अस्थाई बौखनाग देवता के मंदिर की स्थापना की गई थी. अब मंदिर को स्थायी रूप देने के लिए मंदिर के प्रवेश द्वार पर ही भूमि पूजन किया गया है.
दरअसल, सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को बचाने के लिए चलाए गए संयुक्त अभियान की राह में बार-बार काम अवरोध आ रहा था. इससे रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी तमात एजेंसियां काफी परेशान थी. इसके बाद 18 नवंबर को सुरंग के प्रवेश द्वार पर कंस्ट्रक्शन कंपनी ने बौखनाग देवता का अस्थाई मंदिर स्थापित किया. मंदिर स्थापित करने के बाद बचाव कार्य में जुटे इंजीनियर, विशेषज्ञ समेत सीएम धामी सुरंग में जाने से पहले मंदिर में मत्था अवश्य टेकते थे. साथ ही सीएम धामी ने बौखनाग देवता के स्थायी मंदिर के स्थापना की घोषणा भी की थी. इसके बाद 28 नवंबर को सभी 41 श्रमिक टनल से सकुशल बाहर आए थे.
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कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर राजेश पंवार ने बताया कि बौखनाग देवता से बचाव अभियान के सफल होने की कामना की गई थी. कंपनी ने मंदिर निर्माण का वचन दिया था. अभी सुरंग का निर्माण बंद है. जब सुरंग में काम करने की अनुमति मिलेगी. तब मंदिर निर्माण के लिए कार्य किया जाएगा. फिलहाल सुरंग निर्माण का कार्य बंद होने से इलाके में सन्नाटे की स्थिति है.
सिलक्यारा टनल हादसा: उत्तरकाशी मुख्यालय से 50 किमी दूर सिलक्यारा में चारधाम आलवेदर रोड परियोजना की निर्माणाधीन सुरंग 12 नवंबर की सुबह 5.30 बजे सिलक्यारा की ओर कैविटी खुलने के कारण भारी भूस्खलन हुआ था. इससे सुरंग का रास्ता पूरी तरह बंद हो गया और 41 श्रमिक फंस गए. श्रमिकों को 28 नवंबर को सकुशल निकाले जाने के बाद एक दिसंबर को कंपनी के अधिकारी और कर्मचारी बौखनाग टॉप स्थित बाबा बौखनाग के मंदिर पहुंचे थे. वहां उन्होंने सिलक्यारा सुरंग के पास भव्य मंदिर बनाए जाने का आश्वासन दिया था. इसी कड़ी में सुरंग के पास मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया गया है.